अमेरिका ने दुनियाभर में LGBTQ समुदाय के लोगों पर आतंकी हमलों को लेकर अलर्ट जारी किया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस दौरान LGBTQ समुदाय के कार्यक्रमों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों और हिंसा की भी आशंका है। ऐसे में देश-विदेश में रह रहे LGBTQ समुदाय के अमेरिकी नागरिकों को सतर्क रहने की जरूरत है। दरअसल, 2 हफ्ते बाद जून में प्राइड मंथ की शुरुआत होने वाली है। यह महीना LGBTQ समुदाय के लोगों को समर्पित होता है। पूरे महीने दुनियाभर की अलग-अलग जगहों पर समुदाय के कार्यक्रम होते हैं, और लोग अपनी पहचान को खुलकर दुनिया के सामने रखते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि LGBTQ के लोगों को पर्यटन स्थलों और उन जगहों पर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है, जहां समुदाय के बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 1969 के संघर्ष के बाद शुरू हुआ ‘प्राइड मंथ’
साल 1969 में जून के महीने में मैनहटन के ‘स्टोनवॉल इन’ में पुलिस ने LGBTQ समुदाय के लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। कई LGBTQ बार में घुसकर मारपीट की गई। समुदाय के लोगों को गिरफ्तार कर उन्‍हें जेल में डाल दिया गया। उस समय तक LGBTQ को कोई कानूनी अधिकार नहीं मिले हुए थे। इसके बाद LGBTQ समुदाय के लोगों ने पुलिस के अत्‍याचारों का विरोध किया। अगले साल बड़ा आंदोलन हुआ। 1970 में जून के आखिरी हफ्ते के दौरान न्यूयॉर्क सिटी में पहली ‘प्राइड मार्च’ का आयोजन किया गया। इसके बाद से जून के महीने को प्राइड मंथ के तौर पर मनाया जाने लगा। हालांकि तब इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई थी। पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति बिल क्लिंटन ने साल 2000 में पहली बार ‘प्राइड मंथ’ की घोषणा की। LGBTQ झंडा बनने का किस्सा
बात है साल 1978 की है। गिल्बर्ट बेकर एक गे राइट्स एक्टिविस्ट और आर्टिस्ट थे। LGBTQ समुदाय के लोगों ने अपने हक की लड़ाई के लिए झंडे की डिमांड की थी। तभी इंद्रधनुष से प्रेरणा लेकर गिल्बर्ट ने ये झंडा डिजाइन किया। इस झंडे के जरिए वे विविधता की अहमियत दिखाना चाहते थे। उन्होंने 8 रंगों वाला झंडा डिजाइन किया था। हर रंग किसी न किसी चीज को जाहिर करता है। जैसे गुलाबी रंग शारीरिक संबंध को, लाल रंग जीवन को, नारंगी रंग मेडिकल, पीला रंग सूर्य को, हरा रंग शांति को, फिरोजी रंग आर्ट को, नीला रंग सामंजस्य को और बैंगनी आत्मा को दर्शाता था। 1979 के LGBTQ परेड में इसमें से दो रंग गुलाबी और फिरोजी को हटा दिया गया। और अभी इस झंडे में 6 रंग ही हैं। दुनिया में समलैंगिकों की मौजूदा स्थिति क्या है? ग्राफिक्स के जरिए जानिए समलैंगिक रिश्तों का इतिहास और इससे जुड़े संघर्ष…