साल 1995 में रिलीज हुई फिल्म बॉम्बे जबरदस्त हिट रही थी। मणिरत्नम के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मनीषा कोइराला और अरविंद स्वामी लीड रोल में थे। हालांकि अरविंद से पहले ये रोल साउथ स्टार चियां विक्रम को दिया जाने वाला था। उन्होंने फिल्म के लिए ऑडिशन भी दिया था, हालांकि जब उन्हें बंद कैमरे के आगे अभिनय करने को कहा गया, तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया। इस गलती के चलते चियां विक्रम को फिल्म में नहीं लिया गया, जिसके लिए वो 2 महीनों तक रोते रहे थे। हाल ही में सिद्धार्थ कानन से बातचीत के दौरान चियां विक्रम से पूछा गया था कि क्या उन्होंने मणिरत्नम की फिल्म बॉम्बे ठुकराई थी। इस पर एक्टर ने कहा है, नहीं मैंने वो फिल्म छोड़ी नहीं थी। मुझसे गलती हो गई थी। उन्होंने मुझे ऑडिशन के लिए बुलाया, लेकिन उनके पास वीडियो कैमरा ही नहीं था। उनके पास सिर्फ स्टिल कैमरा था। उतने में उन्होंने मुझसे कहा कि एक्टिंग करो। लड़की को देखो, वो वहां से भाग रही है। लेकिन मैं फ्रीज हो गया था। उन्होंने मुझसे कहा, रुको मत कंटीन्यू करते रहो, लेकिन मैं बहुत कन्फ्यूज था। उनके पास कैमरा नहीं था। वो वीडियो कैमरा ही नहीं था, तो मैं एक्ट क्यों करता। फिर बाद में मुझे समझ आया कि अगर में मूव करता तो उनके पास ब्लर इमेज आती। इस खराब एक्सपीरियंस के बाद चियां विक्रम को वो फिल्म नहीं मिल पाई, जिसका उन्हें बेहद अफसोस रहा। इस पर उन्होंने कहा है, मणिरत्नम सर के साथ काम करना मेरा सपना था। मैं उस फिल्म के बाद रिटायर होने को तैयार था। मुझे उस फिल्म के बाद कुछ नहीं चाहिए था। मैं उस फिल्म के लिए कन्फर्म हो गया था। सुबह मनीषा कोइराला का शूट हुआ और शाम को मेरा था, लेकिन मैंने सब खराब कर दिया। मैं दो महीनों तक सोकर उठता था और रोज रोता था कि मैंने फिल्म गंवा दी। एक बड़ा आदमी दो महीने तक रो रहा था। वो एक पैन इंडिया कल्ट बनी थी। भले ही विक्रम 1995 की फिल्म बॉम्बे में मणिरत्नम के निर्देशन में काम नहीं कर सके, हालांकि उन्हें ये मौका साल 2010 में मिला। विक्रम ने उनके निर्देशन की फिल्म रावण की थी, जो सुपरहिट रही थी। इसके बाद वो मणिरत्नम के निर्देशन की फिल्म पोन्नियन सेल्वन-1 और पोन्नियन सेल्वन 2 में नजर आ चुके हैं।