ऑडियो सीरीज में हल्क की आवाज बने सुधांशु पांडे:मार्वल के प्रोजेक्ट पर कहा- ये मेरा फेवरेट कैरेक्टर है, आगे

schedule
2024-09-21 | 04:11h
update
2024-09-21 | 04:11h
person
newspapertime.in
domain
newspapertime.in

टीवी शो अनुपमा फेम एक्टर सुधांशु पांडे 24 सालों से फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री का हिस्सा हैं। 1996 में उन्होंने शो ‘बेटा’ से करियर की शुरुआत की थी। कुछ समय पहले ही एक्टर ने अनुपमा शो छोड़ा है, अब वो ऑडिबल की पॉडकास्ट सीरीज ‘मार्वल्स वेस्टलैंडर्स-डूम’ के लिए ‘हल्क’ के किरदार को आवाज दे रहे हैं। इस बड़े प्रोजेक्ट से जुड़ने पर सुधांशु पांडे ने दैनिक भास्कर के साथ अपना अनुभव शेयर किया है- सवाल- मार्वल से आपका फेवरेट किरदार कौन है। इस ऑडियो सीरीज का ऑफर कैसे मिला? जवाब- मार्वल की मैंने सारी फिल्में, सीरीज देखी हुई हैं। मेरे दोनों बच्चें इस यूनिवर्स के बड़े फैन हैं, उनकी वजह से ही मैंने भी इस पॉपुलर बैनर के सभी प्रोजेक्ट देखें हुए हैं। साथ ही ‘हल्क’ का किरदार मेरा पसंदीदा रहा है। खुशकिस्मती से मुझे इस किरदार को ऑडिबल की इस सीरीज के जरिए आवाज देने का मौका भी मिल गया। हल्क के किरदार से मैं सबसे ज्यादा रिलेट करता हूं। उसके चलते मुझे जब इस ऑडियो बुक का ऑफर मिला। यह ऑफर मेरे एक दोस्त हैं रुद्रा उनके जरिए मुझे तक आया। आज के समय में जब लोगों के पास किसी प्रोजेक्ट को इत्मिनान से देखने का समय नहीं है तो इस तरह की ऑडियो बुक सीरीज उन्हें बिना विजुअल एक अलग दुनिया में ले जाती है। मुझे लगा कि एक नया प्रयोग करने के लिए मेरे पास एक बेहतरीन मौका आया है, क्यों न इसे भुनाया जाए। सवाल- हल्क को आवाज देने के लिए क्या बतौर रेफरेंस हिंदी डबिंग फिल्में भी देखीं? जवाब- मैंने इस किरदार को आवाज देने के लिए मार्वल सीरीज की हिंदी डबिंग फिल्मों का रेफरेंस नहीं लिया। मैंने इसे अपने तरीके से आवाज दी है जो दर्शकों को सुनने पर पता चलेगी। बाकी फिर मिक्सिंग और बैकग्राउंड इफेक्ट्स से उसे और इंहैंस किया गया है। एक्टर के लिए ये बड़ा चैलेंज होता है कि उसे एक ऐसे किरदार को अपना बनाना है जिसे दर्शकों ने किसी दूसरी आवाज के साथ देखा और सुना है तो मैं एकदम कोरे कागज की तरह डबिंग के लिए पहुंचा था। उसमें मेरा जो स्टाइल है वहीं मैंने बतौर एफर्ट लगाया है। मैंने पूरी कोशिश की है कि मेरी आवाज का जो इम्पैक्ट हो उससे लगे कि हल्क अभी गुस्साया हुआ है। मुझे उम्मीद है कि वह लोगों को पसंद आएगा। सवाल- क्या किसी और हॉलीवुड के प्रोजेक्ट के लिए भी ऑफर आया है? जवाब- इस सीरीज में हल्क के किरदार को आवाज देने के बाद अभी तक किसी और प्रोजेक्ट के लिए तो कोई ऑफर नहीं आया है पर मैं श्योर हूं कि इसके बाद और भी ऐसे किरदारों के ऑफर जरूर आएंगे। मेरी इकलौती जैकी चैन स्टारर हॉलीवुड फिल्म ‘द मिथ’ थी, जिसके लिए मैंने आवाज दी थी। उसके बाद से कोई ऑफर नहीं मिला है। फ्यूचर में मेरा प्लान है कि हॉलीवुड से और भी कुछ करूं। मार्वल में मुझे हल्क के अलावा आयरन मैन का किरदार काफी पसंद है। मुझे लगता है कि अगर वैसा कोई किरदार ऑफर हो तो मैं जरूर करना चाहूंगा। सवाल- ‘बेटा’ शो में आने के बाद आपका हीरोइक फेज कहीं न कहीं डाउन हुआ, मानते हैं? जवाब- मुझे लगता है कि ये जो हीरो वाला कॉन्सेप्ट है बहुत पहले खत्म हो गया था या कह लें कि डायलूट हो गया। आज की डेट में देखें तो हीरो रियल फॉर्म में कोई रह नहीं गया है। हमारी फिल्मों में विलन बहुत स्ट्रॉन्ग होते थे। विनोद खन्ना या शत्रुग्न सिन्हा को देख लीजिए, इन्होंने विलन किरदारों से शुरुआत की। हालांकि वह हीरो जैसे ही थे। बाद में बतौर हीरो भी पर्दे पर आए। मैंने करियर की शुरुआत में बहुत ऐसा काम किया जिसमें लीड रोल में या हीरो रहा। पर बीच में जब मैं म्यूजिक में (बैंड ऑफ बॉयज) चला गया था, तो वह सिलसिला कहीं न कहीं ब्रेक हुआ। फिर मैंने वापसी की और दो हीरो वाली फिल्मों में अहम रोल किया। सवाल- कैरेक्टर रोल्स में आने की क्या वजह रही? जवाब- ‘बैंड ऑफ बॉयज’ से वापसी के बाद जो मैंने पहला कैरेक्टर रोल किया वह ‘सिंह इज किंग’ था। ये मैं अक्षय के साथ दोबारा काम कर रहा था, इससे पहले मैंने उनके साथ ‘खिलाड़ी 420’ से फिल्मी शुरुआत की थी। जब ‘सिंह इज किंग’ के सिए मुझे मेरे मैनेजर ने बताया तो मैंने उससे कहा कि पागल हो गए हो क्या मुझे कैरेक्टर रोल के लिए बुला रहे। फिर उसने मुझे बताया कि ये एक बड़ी फिल्म हैं, उसमें सारे किरदार बहुत जरूरी है। फिर मैं अनीस बज्मी से मिलने गया तो उन्होंने मुझे कन्विंस कर लिया। साथ ही ये भी बताया कि अक्षय के अलावा आपका ही किरदार है, जिसका पर्सनल लव एंगल भी है कि वह क्यों क्रिमिनल बना है। उसकी फैमिली उससे क्यों दूर है।’ सवाल- आगे किस तरह के किरदार करने की ख्वाहिश है? जवाब- अब मैं ‘जोकर’ जैसा कोई किरदार प्ले करना चाहता हूं। आज की डेट में हीरो की परिभाषा बदल चुकी है। कैरेक्टर रोल का मतलब है कि आप अलग-अलग किरदार निभाएं। पहले जो हीरो थे वह एक ही चीज करते थे कि अच्छा करेगा, अच्छा ही सोचेगा और अच्छा ही बनेगा पर आज की डेट में हीरो और विलन सब मर्ज हो गया है, सब ग्रे हो गया है। अनुपमा में भी मेरा किरदार वनराज ग्रे रहा। अब रियलिस्टिक चीजें अधिक बनने लगी हैं। अब इंसान में ही भगवान है और इंसान में ही शैतान भी है। सवाल- क्या कुछ नया एक्सप्लोर करना चाहते हैं? जवाब- बाकी करियर में नई चीजें एक्सप्लोर करने का तो कोई अंत ही नहीं है। मुझे ऐसा लगता है कि अभी तो मैंने शुरुआत भी नहीं की है। मुझे कैरेक्टर्स ऐसे प्ले करने हैं जो लोगों को सारी जिंदगी याद रहें। जैसे मुझे इन दिनों वनराज के किरदार के लिए बहुत प्रशंसा मिली। मेरा ऑल टाइम फेवरेट कैरेक्टर है, ‘जोकर’ का। जिसे मैं अगर मौका मिले तो जरूर प्ले करना चाहूंगा। सवाल- क्या कभी किसी प्रोजेक्ट या किरदार को छोड़ने का पछतावा भी रहा? जवाब- बाकी अच्छी-बुरी चीजें तो हम जीवन भर करते आते हैं पर कभी किसी फिल्म या किरदार को छोड़ देने का पछतावा नहीं रहा। मेरा मानना है कि हर गलती से हम सीखते ही हैं। आज मैं जो कुछ भी हूं अपनी गलतियों की वजह से हूं या अपने फैसलों की वजह से हूं, जिन्हें मैं सही मानता हूं। मुझे ऐसा लगता है कि मेरा जो करियर रहा है अब तक का बहुत ही संतुलित रहा है, भले ही रॉकेट की तरह नहीं गया पर वो मेरी अपनी चॉइस थी। मैंने अपनी शर्तों पर ही हमेशा काम किया है, कभी कोई शॉर्टकट नहीं लिया, कोई समझौता नहीं किया। मेरा अगला प्रोजेक्ट ओटीटी के लिए होगा।

Advertisement

Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
newspapertime.in
Privacy & Terms of Use:
newspapertime.in
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
21.09.2024 - 07:00:18
Privacy-Data & cookie usage: