हिमाचल प्रदेश के मंडी सीट से सांसद और अभिनेत्री कंगना रनोट को चंडीगढ़ की अदालत ने तलब किया है। यह आदेश अदालत ने उनकी आने वाली फिल्म इमरजेंसी की सुनवाई करते हुए जारी किए है। मामले की अगली सुनवाई पांच दिसंबर तय की गई है। अभिनेत्री के खिलाफ जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान रविंदर सिंह बस्सी की तरफ से याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था फिल्म में कंगना ने सिखों की छवि को खराब करने की कोशिश की है। हालांकि अभी तक फिल्म रिलीज नहीं हुई है। याचिका में दी है यह दलील
रविंदर बस्सी तरफ से याचिका में कहा गया है कि कंगना ने फिल्म बनाते समय बिना इतिहास पढ़े फिल्म बनाई है। जिससे सिखों की छवि पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह अकेली जिम्मेदार नहीं है। इसके लिए स्क्रीन प्ले राइटर रितेश शाह और जी स्टूडियो भी जिम्मेदार है। उन्होंने ऐसे में कंगना के अलावा उनको भी प्रतिवादी बनाया है। अब फिल्म से तीन सीन होंगे डिलीट जैसे ही इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ था। उसके बाद पंजाब और चंडीगढ़ में इसका विरोध शुरू हो गया था। सिख संगठन इस फिल्म पर राेक लगाने की मांग कर रहे थे। साथ ही मामला अदालत तक पहुंचा था। इस मामले की सुनवाई पर हाईकोर्ट में सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने बताया था फिल्म को अभी तक सर्टिफिकेट नहीं दिया गया। इसके बाद करीब एक सप्ताह पहले CBFC ने फिल्म को U/A सर्टिफिकेट दे दिया था। इस फिल्म के कई सीन पर CBFC ने आपत्ति जताई थी, जिसकी वजह से अब ये फिल्म कई कट और बदलावों के बाद कुछ ही हफ्तों में रिलीज की जाएगी। CBFC ने इस फिल्म से 3 सीन डिलीट करने के निर्देश दिए हैं। सख्त हिदायत भी दी है कि फिल्म को रिलीज करने से पहले इसमें 10 बदलाव किए जाएं। फिल्म में कुछ भी गलत नहीं है कंगना का कहा है उनकी फिल्म में कुछ गलत नहीं दिखाया गया है।मुझे सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल गया है। 4 इतिहासकारों ने मेरी फिल्म को सुपरवाइज किया है। हमारे पास सारे डॉक्यूमेंट्स हैं। मेरी लेकिन कुछ लोग भिंडरावाले को संत, लीडर और क्रांतिकारी कह रहे हैं। उन्होंने मेरी फिल्म को बैन करवाने की धमकी दी है। मुझे भी धमकियां मिली हैं। पिछली सरकारों ने खालिस्तानियों को आतंकवादी कहा था। वो (भिंडरावाले) कोई संत नहीं जो मंदिर में AK47 लेकर बैठा हो। मेरी फिल्म पर बस कुछ लोगों को आपत्ति है जो कि दूसरों को भी भड़का रहे हैं। हालांकि फिल्म से जुड़े मामले की 18 सितंबर को मुंबई अदालत में भी सुनवाई है।