कनाडा में ऑपरेशन ब्लू स्टार की गुरुवार को 40 वीं बरसी पर इंदिरा गांधी की हत्या की झांकी निकाली गई। यह झांकी वैंकूवर में निकाली गई। इसमें इंदिरा गांधी का पुतला दिखाया गया था, जिसमें गोलियों से छलनी किया गया था। साथ ही उनके हत्यारे बेअंत सिंह और सतवंत सिंह को इंदिरा गांधी पर बंदूक ताने दिखाया गया। इसके बाद आज भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि वे इस मुद्दे पर कनाडाई अधिकारियों से जवाब मांगेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने मामले में एक लिखित शिकायत कनाडा को भेजने की बात कही है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 6 जून को कनाडा के अलग-अलग शहरों में ऑपरेशन ब्लू स्टार के खिलाफ प्रदर्शन हुए। टोरंटो में प्रदर्शनकारियों ने भारतीय दूतावास के बाहर बड़े पैमाने पर खालिस्तान के झंडे लहराए और भारत विरोधी नारे लगाए गए। पहले जानिए क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार
खालिस्तान समर्थक जरनैल सिंह भिंडरांवाले को पकड़ने के लिए 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था। वह अमृतसर के गोल्डन टेंपल में छिपा था। उसे पकड़ने के लिए 6 जून 1984 को सेना गोल्डन टेंपल और अकाल तख्त साहिब में घुसी और जरनैल सिंह को मार डाला। ऑपरेशन में गोल्डन टेंपल और अकाल तख्त साहिब को नुकसान पहुंचा था। इसकी वजह से सिखों में काफी गुस्सा था। इसके 4 महीने बाद 31 अक्टूबर 1984 को तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सुरक्षा में तैनात दो सिख जवानों ने गोलियां मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इसके बाद दिल्ली में सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे। लगातार दो साल इंदिरा गांधी की हत्या की झांकी निकाली गई
कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में जून 2023 को इंदिरा गांधी की हत्या की झांकी निकाली गई। झांकी में ऑपरेशन ब्लू स्टार और 1984 के सिख विरोधी दंगों के बैनर भी थे। 4 जून 2023 को खालिस्तानी समर्थकों की ओर से निकाले गए करीब 5 किलोमीटर लंबे नगर कीर्तन में यह झांकी दिखाई गई थी। 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं बरसी पर इस झांकी के फोटो-वीडियो पोस्ट किए गए थे। झांकी के वीडियो सामने आने के बाद कनाडा में ही इसका विरोध शुरू हो गया था। सोशल मीडिया पर झांकी के वाीडियो अपलोड कर कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर एक्शन लेने की मांग के कैंपेन चल रहे थे। एस जयशंकर बोले- कनाडा ने भारत विरोधी तत्वों को जगह दी
इस साल फरवरी में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत के लिए कनाडा को लेकर सबसे बड़ा मुद्दा यही है कि वहां आतंकवादियों, अलगाववादियों और भारत विरोधी तत्वों को जगह दी गई है। जयशंकर ने कहा था, “कनाडा कहता है कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का हक है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि डिप्लोमैट्स को धमकाया जाए।किसी देश के दूतावास पर स्मोक बम फेंकना और हिंसा करना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।”