एक्टर करण सिंह ग्रोवर ने अपने करियर में कई चुनौतियों का सामना किया, जो उन्हें नए एक्सपीरियंस और सीख देते रहे। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि कैसे बेटी के संघर्ष ने उन्हें असली फाइटर का मतलब सिखाया। बता दें कि उनकी बेटी के दिल में जन्म से ही दो छेद थे। जब वह सिर्फ तीन महीने की थी, तब उसकी ओपन हार्ट सर्जरी कराई गई। बातचीत के दौरान, करण ने करियर के दबाव, नए प्रोजेक्ट्स की उम्मीदें और सुपरहीरो किरदारों में दिलचस्पी भी शेयर की। पढ़िए बातचीत के कुछ प्रमुख अंश: आपकी फिल्म स्वतंत्रता दिवस पर टीवी पर प्रीमियर होने जा रही है। इसको लेकर आप कितने उत्साहित हैं? मैं बहुत खुश हूं। इस फिल्म का हिस्सा बनना मेरे लिए बहुत खास है, और यह फिल्म इतनी सफल हुई, इसके लिए हम बहुत लकी हैं। यह फिल्म हर भारतीय के दिल से जुड़ी हुई है, इसलिए लोग इसे हमेशा याद रखते हैं। यह बहुत खास है। आज यानी 15 अगस्त को स्टार गोल्ड पर फिल्म आ रही है। मैं सभी से निवेदन करता हूं कि इसे जरूर देखें। क्या आपके बचपन की कोई खास याद है जो स्वतंत्रता दिवस से जुड़ी हो, जैसे कि फिल्में देखना? बचपन में हम हर पेट्रियोटिक फिल्म को लेकर बहुत उत्साहित रहते थे। चाहे फिल्म पहले भी देखी हो, हम उसे फिर भी देखते थे। मुझे खास तौर पर वही फिल्में बार-बार देखना अच्छा लगता है, क्योंकि हर बार कुछ नया महसूस होता है। कुछ लोग बार-बार फिल्में देखना पसंद नहीं करते, लेकिन मुझे वही फिल्में बार-बार देखना अच्छा लगता है। इस बार मैं ‘फाइटर’ देखूंगा। फिल्म ‘फाइटर’ ने आपकी जिंदगी में क्या बदलाव लाए? इस फिल्म के बाद आपके करियर में क्या फर्क पड़ा? इस फिल्म के लिए मुझे बहुत तारीफ मिली है, और लोगों ने मेरी भूमिका को अलग नजरिया से देखा है। यह मेरे करियर के लिए एक और उपलब्धि है। लोगों ने कहा कि उन्होंने मेरी भूमिका से बहुत जुड़ाव महसूस किया, और इससे मुझे भी बहुत गर्व होता है। कई लोगों ने फिल्म देखते समय भावुक होकर आंसू भी बहाए, जो मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। एक्शन फिल्म में इतनी इमोशन देखना कम होता है, और यह जानकर कि लोग मेरे किरदार से इतने जुड़े, मुझे बहुत खुशी होती है। ‘फाइटर’ शब्द बहुत मायने रखता है। क्या कभी ऐसा पल आया जब आपने किसी कठिनाई का डटकर सामना किया और उससे निकल आए? कुछ न कुछ तो होता ही रहता है। मेरा मतलब है कि मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मेरे जीवन में कुछ बहुत बुरा नहीं हुआ। लेकिन एक समय ऐसा था जब हमें अपनी बेटी के साथ एक बहुत बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा। वह समय हमारे लिए बहुत कठिन था। मेरी बेटी को एक गंभीर हेल्थ समस्या थी, और उस दौरान उसने जो सहा, वह शब्दों में बयां करना मुश्किल है। मेरी बेटी सच में एक फाइटर है। उसके सीने पर एक लंबा निशान है, जो उसके पेट तक जाता है। हम लोग अपनी जिंदगी में जो भी सोचते हैं, जो भी हासिल करते हैं, वह उसकी तुलना में कुछ भी नहीं है। जो कुछ भी उसने और उसकी मां (बिपाशा बसु) ने झेला, उसकी तुलना नहीं की जा सकती। मेरी जिंदगी में ऐसा कुछ नहीं हुआ, मैं बहुत लकी हूं। मेरी बेटी ने यह साबित कर दिया है कि वह सच में एक फाइटर है। क्या कभी किसी किरदार को चुनने में दबाव महसूस हुआ है, क्योंकि आपके नाम से जुड़ते ही लोगों की उम्मीदें बढ़ जाती हैं? जब मैं किसी किरदार को चुनता हूं, तो मैं हमेशा यह सुनिश्चित करता हूं कि मैं उसे पूरी तरह से निभा सकूं। यह मेरे लिए एक चुनौती होती है, लेकिन मैं इसे पूरा करने की कोशिश करता हूं। मेरे लिए यह जरूरी है कि मैं कुछ नया और अलग करूं। क्या आपने कभी ऐसे प्रोजेक्ट्स को मना किया है जिनमें आपको खुद को दोहराते हुए महसूस होता हो? हां, मैं कोशिश करता हूं कि मैं वही काम न करूं जो पहले कर चुका हूं। लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि जब आप किसी काम में अच्छे होते हैं, तो वही काम बार-बार आपके पास आता है। लेकिन मेरे लिए जरूरी है कि मैं हर बार कुछ नया करूं, ताकि मैं ऑटो-पायलट मोड में न चला जाऊं। अगर मैं एक जैसा काम करता रहूं, तो ऐसा लगेगा कि मैं बिना सोचे-समझे काम कर रहा हूं, और यह मुझे मंजूर नहीं है। मैं 9 से 5 की नौकरी नहीं करना चाहता, जहां हर दिन एक जैसा हो। आगे आप खुद को किस तरह के प्रोजेक्ट्स में देखना चाहेंगे? मुझे अच्छे प्रोजेक्ट्स की उम्मीद है। कुछ प्रोजेक्ट्स जल्द ही शुरू होने वाले हैं, और मैं अभी उनके बारे में बात नहीं कर सकता। लेकिन मैं ऐसे प्रोजेक्ट्स की उम्मीद कर रहा हूं जो मनोरंजन के साथ-साथ लोगों को कुछ सोचने पर भी मजबूर करें। क्या कोई खास कॉन्सेप्ट या किरदार है जिसके लिए आप इंतजार कर रहे हैं? मुझे सुपरहीरो किरदारों में बहुत दिलचस्पी है। ‘हनुमान जी’ की कहानियां मुझे बहुत पसंद हैं, और मैं उनके बारे में पढ़ता हूं। मुझे लगता है कि ऐसा किरदार निभाना बहुत अच्छा रहेगा जो हमें यह सिखाए कि हमारे अंदर सब कुछ मौजूद है।