हिंदी सिनेमा में धक-धक गर्ल नाम से मशहूर एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित आज 57 साल की हो चुकी हैं। उम्र के इस पड़ाव में भी माधुरी फिल्मों में एक्टिव हैं। 2022 में माधुरी थिएटर में रिलीज हुई फिल्म मजा मां और नेटफ्लिक्स की फिल्म द फेम गेम में नजर आई थीं। इन दिनों वो रियलिटी शो डांस दीवाने 4 में बतौर जज नजर आ रही हैं। 1984 में रिलीज अबोध से फिल्मों में आईं माधुरी का शुरुआती सफर बेहद मुश्किल रहा। उनकी कई फिल्में फ्लॉप होती चली गईं और उन्हें साइड रोल दिया जाने लगा। देखने वालों ने कहा कि ये लड़की हीरोइन मटेरियल नहीं है। फिर माधुरी ने अपने हुनर से खुद को टॉप पर जगह दिलाई। यही वजह रही कि फिल्म साजन में माधुरी को संजय दत्त से ज्यादा और हम आपके हैं कौन में माधुरी को सलमान से भी ज्यादा फीस दी गई थी। खूबसूरती और डांस की मिसाल बनीं माधुरी 90 के दशक की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस थीं, जिसके चलते उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। एक दौर में माधुरी की पॉपुलैरिटी का वो आलम था कि उन्हें बुर्का पहनकर अपनी फिल्म देखने जाना पड़ता था। माधुरी के चाहने वालों में सिर्फ भारत ही नहीं, पाकिस्तानी भी शामिल हैं। यही वजह थी कि कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने वॉर रोकने के बदले माधुरी दीक्षित की मांग कर दी थी। आज माधुरी दीक्षित के 57वें जन्मदिन पर जानिए उनके धक-धक गर्ल बनने की कहानी उनसे जुड़े चुनिंदा किस्सों के साथ- जब राजश्री प्रोडक्शन वाले अचानक पहुंच गए घर माधुरी दीक्षित की बड़ी बहन की दोस्त राजश्री प्रोडक्शन में काम करने वाले एक शख्स की बेटी थी। उस समय राजश्री प्रोडक्शन वाले फिल्म अबोध के लिए एक नई लड़की की तलाश में थे। बात निकली तो माधुरी की बड़ी बहन ने उनके नाम का सुझाव दिया और दोस्त ने उनका पता प्रोडक्शन वालों तक पहुंचा दिया। 12वीं के एग्जाम खत्म हुए थे और गर्मी की छुट्टियों के दिन थे कि एक दिन अचानक राजश्री प्रोडक्शन की कास्टिंग टीम माधुरी के घर पहुंच गई। जैसे ही घरवालों को पता चला कि वो लोग माधुरी को फिल्मों में लेना चाहते हैं, तो घरवालों ने इससे साफ इनकार कर दिया। वो नहीं चाहते थे कि माधुरी फिल्मों में काम करें। प्रोडक्शन के लोग माधुरी को फिल्म में लेने का मन बना चुके थे, ऐसे में उन लोगों ने माधुरी के परिवार को प्रोडक्शन के दफ्तर बुलाया, जहां बहुत देर समझाने के बाद उनके परिवार वाले राजी हो गए। माधुरी ने फिल्म साइन तो की, लेकिन वो उस समय तक हीरोइन बनने में कोई खास दिलचस्पी नहीं रखती थीं। गर्मी की छुट्टियों में फिल्म अबोध की शूटिंग खत्म कर माधुरी ने विले पार्ले के सथाए कॉलेज में दाखिला ले लिया। बड़ी फिल्मों के ऑफर मिले तो 6 महीने में छोड़ा कॉलेज कॉलेज में दाखिला लेने के बाद 10 अगस्त 1984 को माधुरी की फिल्म अबोध रिलीज हुई। फिल्म तो बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई, लेकिन गौरी का रोल कर माधुरी ने कई फिल्ममेकर्स का ध्यान खींच लिया। यही वजह रही कि उन्हें लगातार फिल्मों के ऑफर मिलने लगे। ये देख माधुरी ने भी कॉलेज की पढ़ाई अधूरी छोड़ दी और फिल्मी करियर को चुन लिया। सबसे पहले माधुरी ने साल 1985 की फिल्म आवारा बाप साइन की थी। इस फिल्म में राजेश खन्ना और मीनाक्षी शेषाद्रि लीड रोल में थे, जबकि माधुरी का साइड रोल था। फिल्म आवारा बाप की शूटिंग कश्मीर में हुई थी। जहां उसी समय सुभाष घई की फिल्म कर्मा की शूटिंग भी चल रही थी। दरअसल, फिल्म कर्मा के एक गाने में दिखाया जाना था कि श्रीदेवी और जैकी श्रॉफ एक गाने की शूटिंग देखकर उन किरदारों में ढल जाते हैं। शूटिंग वाले सीन के लिए सुभाष घई को एक लड़की की तलाश थी, जो डांस करना बखूबी जानती हो। इस बीच सुभाष घई के हेयर ड्रेसर ने उन्हें माधुरी की कुछ तस्वीरें दिखाईं और बताया कि वो बेहतरीन डांस करती हैं। सुभाष घई ने समय गंवाए बिना तुरंत माधुरी को सेट पर बुला लिया, क्योंकि वो भी कश्मीर में ही आवारा बाप की शूटिंग कर रही थीं। छोटा सा रोल देखकर सुभाष घई ने कहा था- ये आने वाले कल की स्टार है सेट पर सुभाष घई ने माधुरी की मुलाकात सरोज खान से करवाई, जो उस गाने की कोरियोग्राफर थीं। सरोज खान ने बिना झिझक तुरंत माधुरी से कहा कि वो उन्हें छोटा सा डांस करके दिखाएं। माधुरी ने कर्मा फिल्म के सेट पर ही डांस का नमूना पेश किया और उन्हें गाने में कास्ट कर लिया गया। गाने में माधुरी को महज 1 ही लाइन दी गई थी, जो उन्होंने महज 2 टेक में ही पूरी कर ली। सेट पर माधुरी का एक्सप्रेशन और डांस देखकर हर कोई तारीफ कर रहा था। उन लोगों में सुभाष घई और सरोज खान भी शामिल थे। माधुरी का शॉट देखकर उस दौर में सुभाष घई ने कहा था, ये आने वाले कल की स्टार है। शूटिंग के कुछ दिनों बाद सुभाष घई ने माधुरी को फिल्म उत्तर दक्षिण में साइन कर लिया। फिल्म में साइन करने के चलते सुभाष घई ने फिल्म कर्मा से माधुरी के सीन हटवा दिए थे। ये किस्सा सुभाष घई ने वाइल्ड लाइफ फिल्म्स से बातचीत के दौरान सुनाया था। आवारा बाप के बाद माधुरी दीक्षित की अगली फिल्में स्वाति (1986), मानव हत्या (1986), हिफाजत (1987) और उत्तर दक्षिण (1987) भी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गईं। इस बीच फिल्मी गलियारों में चर्चा शुरू हुई कि माधुरी दीक्षित हीरोइन मटेरियल नहीं हैं। इस बात से माधुरी को ठेस जरूर पहुंची, लेकिन उन्होंने काम करना जारी रखा। ये बात माधुरी दीक्षित ने सिमी गरेवाल को दिए इंटरव्यू में बताई थी। जब नीलम कोठारी के बाद नाम लिखने पर लड़ पड़ा था माधुरी का मैनेजर साल 1988 की फिल्म खतरों के खिलाड़ी में धर्मेंद्र, चंकी पांडे, संजय दत्त, माधुरी दीक्षित और नीलम कोठारी अहम किरदारों में थे। फिल्म में पहली बार माधुरी को संजय दत्त के साथ कास्ट किया गया और दोनों को सेकेंड लीड रोल मिला। जब फिल्म का प्रमोशन शुरू हुआ तो माधुरी का नाम कास्ट में सबसे आखिर में लिखा गया। इस बात से माधुरी के मैनेजर रिक्कू राकेश नाथ काफी नाराज हुए। उन्होंने फिल्ममेकर टी. रामा राव से कहा कि माधुरी का नाम ऊपर लिखा होना चाहिए, क्योंकि वो फिल्म में नीलम से ज्यादा अहम रोल निभा रही हैं। उन्हें जवाब मिला कि नामों को सीनियॉरिटी के मुताबिक लिखा गया है। जब मैनेजर ने कहा कि माधुरी सीनियर हैं, तो फिल्ममेकर ने उनसे सबूत मांग लिया। अपनी बात समझाने के लिए माधुरी के मैनेजर रिक्कू ने माधुरी और नीलम की पहली फिल्मों की रिलीज डेट्स निकलवाईं और टी. रामा राव को दिखाईं। उनकी मेहनत रंग लाई और अगले प्रमोशनल ऐड में माधुरी का नाम नीलम से ऊपर लिखा गया। ये किस्सा रिक्कू राकेश नाथ ने रेडिट को दिए एक इंटरव्यू में सुनाया था। अफसोस कि फिल्म खतरों के खिलाड़ी भी फ्लॉप रही और माधुरी को कोई पहचान नहीं मिल सकी। 1988 की तेजाब से रातोंरात स्टार बनीं माधुरी रिक्कू राकेश नाथ ने रेडिट को दिए इंटरव्यू में बताया था कि वो माधुरी के साथ-साथ अनिल कपूर के भी मैनेजर थे। एक दिन राजश्री प्रोडक्शन के दफ्तर में उनकी मुलाकात पुराने दोस्त एन.चंद्रा से हुई। एन.चंद्रा ने रिक्कू से कहा- तुम्हारे हीरो अनिल कपूर को मैं अगली फिल्म में साइन कर रहा हूं। ये बात रिक्कू पहले से ही जानते थे। बातों-बातों में एन.चंद्रा ने कहा कि उन्हें फिल्म तेजाब के लिए एक लड़की की तलाश है। ये सुनते ही रिक्कू ने तुरंत माधुरी की तस्वीरें उन्हें थमा दीं। उन्हें तस्वीरें पसंद आईं। एन.चंद्रा ने कहा कि वो माधुरी की एक्टिंग देखना चाहते हैं। रिक्कू ने राजश्री प्रोडक्शन के दफ्तर में ही उन्हें माधुरी की पहली फिल्म अबोध के कुछ सीन दिखाए। अबोध में कम उम्र की दुल्हन बनीं सीधी-सादी माधुरी के रोल से इंप्रेस होकर एन.चंद्रा ने उन्हें कास्ट करने का मन बना लिया। एक-दो तीन गाने के बाद मोहिनी नाम से मिली पहचान, फैन नहीं जानते थे असली नाम 11 नवंबर 1988 को फिल्म तेजाब रिलीज हुई, जो एक ब्लॉकबस्टर साबित हुई। फिल्म रिलीज के समय माधुरी दीक्षित भारत में नहीं थीं। उनके मैनेजर ने उन्हें कॉल पर बताया कि तेजाब ब्लॉकबस्टर हो गई है। ये माधुरी की पहली ब्लॉकबस्टर फिल्म थी। जैसे ही माधुरी भारत लौटीं तो एयरपोर्ट पर उन्हें देखने वालों की भीड़ इकट्ठा होने लगी। कई लोग माधुरी का ऑटोग्राफ लेने पहुंचे। पहला ऑटोग्राफ देते हुए माधुरी को एहसास हुआ कि पहचान मिलने के असल मायने क्या हैं। हालांकि ये बात भी सच है कि लोग माधुरी का चेहरा तो पहचानने लगे थे, लेकिन कई लोग उनका असल नाम नहीं जानते थे। सिमी गरेवाल को दिए इंटरव्यू में माधुरी ने बताया था कि कुछ बच्चे उनके पास ऑटोग्राफ लेने आए थे। जैसे ही उन्होंने अपने नाम का पहला अक्षर ‘M’ लिखा, तो उस बच्चे ने अपने दोस्त को दिखाते हुए कहा, देख, M लिखा है, कहा था न इसका नाम मोहिनी है। फिल्म तेजाब से मिली पॉपुलैरिटी के बाद माधुरी दीक्षित राम लखन, किशन कन्हैया, दिल, थानेदार, साजन, बेटा, राजा, दिल तो पागल है जैसी सुपरहिट फिल्मों में नजर आईं। माधुरी दीक्षित को राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म हम आपके हैं कौन में कास्ट किया गया था। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस फिल्म में सलमान की फीस महज 30-35 लाख रुपए थी, जबकि माधुरी को 2.75 करोड़ रुपए मिले थे। फिल्म हम आपके हैं कौन भारत की पहली फिल्म है, जिसने 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का कलेक्शन किया था। 90 के दशक में माधुरी हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस थीं, जिसके चलते उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। कारगिल वॉर में कश्मीर के बदले पाकिस्तानी सैनिक ने की माधुरी की मांग साल 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर कारगिल वॉर हुई थी। करीब 2 महीनों तक चले इस वॉर के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों के ठिकानों पर कब्जा कर लिया था। जब भारतीय जवान जवाबी हमले के लिए मस्को वैली पर आगे बढ़ रहे थे, तब एक बंकर के पास से एक पाकिस्तानी सैनिक ने चिल्लाते हुए कहा था, हमें माधुरी दीक्षित दे दो, हम यहां से चले जाएंगे। उस समय कैप्टन विक्रम बत्रा ने जवाबी फायरिंग करते हुए कहा, विद लव फ्रॉम माधुरी। बताते चलें कि कारगिल वॉर 26 जुलाई को खत्म हुई, जिसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। कारगिल वॉर के कैप्टन विक्रम बत्रा पर फिल्म शेरशाह बन चुकी है, जिसमें ये सीन भी दिखाया गया था। इससे पहले 2002 की फिल्म LOC कारगिल में विक्रम बत्रा का रोल कर चुके अभिषेक बच्चन पर भी यही सीन रीक्रिएट किया गया था। सिमी गरेवाल के चैट शो में माधुरी ने खुद भी इस पर बात की है। चैट शो में सिमी गरेवाल ने माधुरी से पूछा था- तो जब पाकिस्तानियों ने कहा कि वो आपके बदले कश्मीर छोड़ देंगे, तो क्या आपको परेशानी हुई? इस पर माधुरी ने कहा था- ओह माय गॉड, मैं परेशान नहीं थी, मैं उस बात से उलझन में थी। शादी के लिए रिजेक्ट करना चाहती थीं फिल्म देवदास संजय लीला भंसाली ने साल 1999 में माधुरी दीक्षित को फिल्म देवदास ऑफर की थी। उन्होंने फिल्म में चंद्रमुखी का किरदार माधुरी दीक्षित के लिए ही लिखवाया था। हालांकि जब वे ऑफर लेकर माधुरी के पास पहुंचे, तो उन्होंने शादी के लिए फिल्म ठुकरा दी। दरअसल माधुरी दीक्षित ने 1999 में साउथ कैलिफोर्निया के कार्डियोवैस्कुलर सर्जन डॉक्टर श्रीराम माधव नेने से शादी की थी। माधुरी शादी के लिए फिल्मों से ब्रेक लेना चाहती थीं। हालांकि संजय लीला भंसाली के मनाने पर वो राजी हो गईं। माधुरी के स्टारडम से अनजान थे पति डॉक्टर नेने माधुरी दीक्षित ने डॉक्टर नेने से अरेंज मैरिज की थी। जब दोनों पहली बार साउथ कैलिफोर्निया में मिले, तो डॉक्टर नेने नहीं जानते थे कि माधुरी स्टार हैं। पहली मुलाकात में ही माधुरी ने शादी के लिए हामी भर दी और दोनों ने 19 अक्टूबर को शादी कर ली। माधुरी दीक्षित ने सिमी गरेवाल को बताया था कि उनके रिसेप्शन में फिल्म इंडस्ट्री की तमाम हस्तियां शामिल हुई थीं। हालांकि डॉक्टर नेने उनमें से किसी को नहीं जानते थे। वे सिर्फ अमिताभ बच्चन को पहचान सके। उन्होंने अमिताभ को देखकर कहा था कि मैंने इस शख्स को कहीं देखा है। देवदास के बाद लिया था एक्टिंग ब्रेक, आजा नचले से की वापसी शादी के बाद माधुरी दीक्षित डेनवर, कोलाराडो शिफ्ट हो गई थीं। वहीं उन्होंने दोनों बेटों अरिन और रेयान को जन्म दिया था। भारत छोड़ने के बाद माधुरी ने साल 2007 की फिल्म आजा नचले से एक्टिंग कमबैक किया था। करीब 10 साल डेनवर में रहने के बाद माधुरी अक्टूबर 2011 में भारत लौट आई थीं। भारत लौटकर माधुरी ने 2013 की फिल्म ये जवानी है दीवानी के गाने घाघरा में काम किया था। आगे वे 2014 की फिल्म डेढ़ इश्किया और गुलाब गैंग में नजर आईं। माधुरी दीक्षित के शूटिंग से जुड़े ये किस्से भी पढ़िए- पुकार- फिल्म पुकार के गाने किस्मत से तुम हमको मिले हो की शूटिंग अलास्का के ग्लेशियर वाले इलाके में हुई थी। गाने में माधुरी दीक्षित को शिफॉन साड़ी पहनाई गई थी, जबकि उस जगह का टेम्प्रेचर माइनस 40 था। ठंड का वो आलम था कि शूटिंग शुरू होते ही माधुरी का शरीर ठंडा पड़ने लगा और उनके होंठ नीले पड़ गए। हालत बिगड़ने पर शूटिंग रोकनी पड़ी और तुरंत डॉक्टर्स बुलवाए गए। देवदास- फिल्म देवदास की शूटिंग के समय माधुरी दीक्षित प्रेग्नेंट थीं। फिल्म के गाने काहे छेड़ छेड़ मोहे के लिए उन्हें 30 किलो का लहंगा पहनाया गया था, जिसमें डांस करने में उन्हें दिक्कत हो रही थी। बाद में उस लहंगे को 16 किलो का करवाया गया था। प्रेग्नेंसी में माधुरी की परफॉर्मेंस देखकर हर कोई हैरान था। साहिबा- साल 1993 की फिल्म साहिबा के एक गाने में माधुरी दीक्षित को खरगोश से खेलते हुए दिखाया गया था। खरगोश को बहलाए रखने के लिए उसके पास गाजर रखे गए थे। जैसे ही शूटिंग शुरू हुई तो खरगोश ने गाजर छोड़कर माधुरी का अंगूठा काट लिया, जिससे माधुरी चलते शॉट में ही चीख पड़ी थीं।