किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में 13 मई को मिस्र और अरबों के बीच लड़ाई के बाद हिंसा भड़क उठी है। किर्गिज लोग भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के छात्रों को निशाना बना रहे हैं। उधर, बिश्केक स्थित भारतीय दूतावास ने बयान जारी कर कहा कि पिछले कुछ दिनों में एक अप्रिय घटना हुई है।यहां विभिन्न शहरों में करीब 17000 भारतीय छात्र हैं। इसके अधिकांश छात्र बिश्केक में रहते हैं। हिंसा का असर किर्गिस्तान में पढ़ रहे कुछ गुजराती छात्रों पर भी पड़ रहा है। किर्गिस्तान में छात्रों पर हो रहे हमलों को लेकर दैनिक भास्कर ने बिश्केक में रहने वाली सूरत की स्टूडेंट रिया लाठिया से खास बातचीत की। रिया ने कहा हम हॉस्टल तो दूर, एयरपोर्ट भी नहीं छोड़ सकते। हमने सभी मंत्रियों को ट्वीट और मेल किया है लेकिन अभी तक किसी ने जवाब नहीं दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सब कुछ सामान्य हो गया है। लेकिन हमारी सरकार को यहां के बारे में कुछ भी पता नहीं है। सिर्फ हम ही जानते हैं कि यहां क्या हो रहा है। भारत सरकार हमारी मदद कब करेगी। पिछले एक हफ्ते में हालात और बिगड़े
रिया ने बताया किर्गिस्तान के बिश्केक में एक हफ्ते पहले चोरी जैसी मामूली घटना हुई थी, जिसमें छात्रों के बीच मारपीट हो गई। इसके बाद मारपीट का वीडियो स्थानीय सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। कहा जाने लगा कि विदेशों से लोग हमारे देश में आ रहे हैं और लोगों को मार रहे हैं, जिससे स्थिति बिगड़ी। स्थानीय छात्रों की पिटाई का मुद्दा गरमा गया और इसके बाद चारों तरफ मारपीट और दंगे होने लगे। स्थानीय लोग खासतौर पर अरब, मिस्र, भारतीय और पाकिस्तानी छात्रों को निशाना बना रहे हैं। हालात बदतर होते जा रहे हैं। हर दिन स्थिति खराब हो रही है। किर्गिस्तान में सरेआम पिटाई के जो वीडियो सामने आए हैं वो बेहद चिंताजनक हैं। जिस तरह से स्थानीय युवक विदेशी युवकों की पिटाई कर रहे हैं उससे विदेशी स्टूडेंट्स डरे हुए हैं। सड़क पर जहां भी दूसरे देशों के छात्र दिख रहे हैं, भीड़ उन्हें पीट रही है। छात्र लहूलुहान हालत में सड़क पर पड़े नजर आ रहे हैं। कई छात्र गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। इतना ही नहीं बल्कि स्थानीय युवक खाना देने के बहाने छात्रों के हॉस्टल के कमरों में जबरन घुसकर तोड़फोड़ कर रहे हैं। जिन कमरों में छात्र रह रहे हैं वहां भी पिटाई के दृश्य साफ नजर आ रहे हैं। हमले की घटनाएं लगातार हो रही हैं। एयरपोर्ट पर हजारों स्टूडेंट्स
छात्र अपने देश जाने के लिए बड़ी संख्या में एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं, लेकिन वहां भी उनके साथ ठीक से व्यवहार नहीं किया जा रहा है। वहां के स्थानीय अधिकारी भी ठीक से जवाब नहीं दे रहे हैं। एयरपोर्ट बहुत छोटा है और हजारों छात्र पिछले दो-तीन दिनों से वहां बैठे हैं और रात भर वहीं रुक रहे हैं। एयरपोर्ट पर भी जाम लगा हुआ है। होस्टल से बाहर भी नहीं निकल पा रहे
रिया ने कहा हम भारत आने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यहां हालात बहुत खराब हैं। हम अपने हॉस्टल से बाहर भी नहीं निकल सकते। हमारे कॉलेज के होस्टल संचालक हमें भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। हम अब कमरा छोड़ने से बच रहे हैं। हमारे ग्रुप के सभी छात्र एक-दूसरे के संपर्क में हैं और उनके साथ क्या हो रहा है, इसकी जानकारी हमें दे रहे हैं।
दरवाजा नहीं टूटा तो हम बच गए
रिया ने बताया कि हमें यह भी पता चला है कि दो से तीन लड़कियों के साथ रेप हुआ है। स्थानीय युवक छात्राओं को भी निशाना बना रहे हैं। वे मेरे साथ कभी भी छेड़छाड़ कर सकते हैं। रिया ने कहा कि मेरा खुद का अनुभव है कि जहां हम ठहरे हैं, वहां भी एक वर्दीधारी पुलिसकर्मी ने हमारे कमरे में घुसने की कोशिश की है। पहले दरवाजे की घंटी बजी और फिर उन्होंने कहा, हम आपके लिए खाना लाए हैं, लेकिन असल में वे गलत मानसिकता वाले स्थानीय युवक थे। जब हमने दरवाजा नहीं खोला तो उन्होंने दरवाजा तोड़ने की भी कोशिश की। जहां मैं रहती हूं, उस कमरे में डबल डोर सुरक्षा व्यवस्था है।उन्होंने एक दरवाजा तोड़ दिया, लेकिन वे दूसरा दरवाजा नहीं तोड़ सके, इस वजह से हम बच गए। हमें अब भी डर है कि ऐसी स्थिति में हमारे साथ कुछ भयानक हो सकता है।
एयरपोर्ट पर जाने से भी डर रहे हैं छात्र
रिया ने बताया कि पहले विदेश से आए छात्र एयरपोर्ट पहुंच रहे थे जिससे वे अपने देश लौट सकें। हजारों की संख्या में पाकिस्तानी छात्र भी एयरपोर्ट पहुंचे, लेकिन उन्हें लौटा दिया गया। ऐसी ही हरकत भारतीय छात्रों के साथ की जा रही है। एयरपोर्ट पर भी हमले जारी हैं। छात्र अब एयरपोर्ट जाने से भी डर रहे हैं।
दूतावासों ने संपर्क किया, लेकिन अभी तक जवाब नहीं
रिया ने कहा कि यहां की स्थिति के बारे में हम अपनी सरकार को लगातार ट्वीट कर रहे हैं। हम भारत सरकार और दूतावास को ट्वीट के जरिए सूचित करते रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। हमारे विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि स्थिति अब सामान्य हो रही है, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। हम खुद यहीं रह रहे हैं। हम यहां की स्थिति से भलीभांति परिचित हैं। मैं अभी भी नीचे दूसरे कमरे में नहीं जा सकती। उससे आप समझ सकते हैं कि स्थिति कैसी है। बाहर निकलना मुश्किल है क्योंकि हिंसा हो रही है।
अल्माटी छोड़ने की कोशिशें शुरू
छात्र कजाकिस्तान-अलमाटी छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वे खुद दिल्ली पहुंच सकें। यहां तेलंगाना सरकार ने जो व्यवस्था की है वह बहुत अच्छी है। आठ से दस उड़ानें यहां आ रही हैं और जो छात्र दक्षिण भारत से हैं, उनके परिवहन की मुफ्त व्यवस्था की गई है। लेकिन अभी तक हमारी सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। अल्माटी हवाई अड्डे पर स्थिति अच्छी है, इसलिए कुछ छात्र वहां पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
सूरत के 500 से अधिक छात्र
किर्गिस्तान में सूरत के 500 से अधिक स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं। यहां 1500 से ज्यादा भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। उनके परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं है। छात्र अलग-अलग कॉलेजों और हॉस्टलों में रह रहे हैं। कुछ लोग एकसाथ अल्माटी छोड़ने की कोशिश करने के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन एक साथ कैसे और कहां जाएं इसके लिए डर रहे हैं। क्योंकि सड़कों पर शरारती असामाजिक तत्व लगातार उत्पात मचा रहे हैं।