ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने इजराइल से बदला न लेने पर चेतावनी जारी की है। खामेनेई ने कहा है कि अगर ईरान ने किसी भी तरह से इजराइल के साथ समझौता करने की कोशिश की तो उस पर खुदा का कहर टूट पड़ेगा। 86 साल के खामेनेई ने कहा, “ईरान ने अगर सैन्य, राजनीतिक या आर्थिक किसी भी तरह से इजराइल पर नरमी बरती तो उसे सजा जरूर मिलेगी। आज कुछ सरकारें अपने देश की ताकत के बारे में सोचे बिना कुछ प्रमुख शक्तियों के आगे झुक जाती हैं। अगर वे अपने लोगों की ताकत का इस्तेमाल करें तो दुश्मन को कड़ा मुकाबला दे सकते हैं।” खामेनेई बोले- 45 साल से ईरान को दबाने की कोशिश कर रहे अमेरिका-इजराइल
इसके अलावा खामेनेई ने दुश्मन की शक्ति को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाने की भी आलोचना की। इस दौरान उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल का उदाहरण दिया। खामेनेई ने कहा कि तीनों देशों ने 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद से ईरान को दबाने की कोशिश की है। दरअसल, 15 दिन पहले 31 जुलाई को ईरान में हमास के चीफ इस्माइल हानियेह की हत्या हो गई थी। हानियेह ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पजशकियान के शपथ ग्रहण में शामिल होने पहुंचा था। ईरान ने इजराइल पर हानियेह की हत्या का आरोप लगाया है। ईरान के तमाम नेताओं और सेना कई बार इजराइल से बदला लेने की बात कह चुकी है। ‘हम खुशनसीब कि पिछली बार इजराइल ने जंग नहीं छेड़ी’
ब्रिटिश मीडिया द टेलीग्राफ ने बताया था कि पजशकियान इजराइल पर सीधा हमला करने के पक्ष में नहीं हैं। दूसरे देश जैसे अजरबैजान और इराकी कुर्दिस्तान में मौजूद इजराइल के बेस और मोसाद के ठिकानों पर अटैक करना चाहते हैं। दरअसल, पजशकियान को डर है कि इजराइल पर सीधा हमला करने से ईरान को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। राष्ट्रपति के सहयोगी ने बताया था, “पजशकियान ने कहा कि हम खुशकिस्मत थे जब इजराइल ने पिछली बार हमारे खिलाफ जंग नहीं छेड़ी थी। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि इस बार भी ऐसा ही होगा।” इजराइल पर सीधा हमला करना चाहती है ईरानी सेना
वहीं ईरान की सेना IRGC सुप्रीम लीडर खामेनेई के आदेश को मानते हुए इजराइल पर सीधा अटैक करने के पक्ष में है। हालांकि, यह हमला कब और कैसे होगा इसकी अब तक जानकारी नहीं दी गई है। इससे पहले ईरान और इजराइल के बीच अप्रैल में तनाव हुआ था। दरअसल, 1 अप्रैल को इजराइल ने सीरिया में ईरान के दूतावास के पास हमला किया था। इसमें एक टॉप कमांडर समेत कई अधिकारी मारे गए थे। इजराइल के इस कार्रवाई के जवाब में 12 दिन बाद 13 अप्रैल को ईरान ने इजराइल पर 300 मिसाइलों और ड्रोन्स से अटैक किया था। इस हमले के 6 दिन बाद इजराइल ने ईरान में एयरस्ट्राइक की थी।