इजराइल-हमास के बीच गाजा में तीन-तीन दिन के लिए कुछ इलाकों में सीजफायर पर सहमति बनी है। गाजा में 25 साल बाद 23 अगस्त को पोलिया का पहला केस मिला था। जिसके बाद 640,000 बच्चों को पोलियो का टीका लगाया जाएगा। फिलिस्तीनी इलाकों में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अधिकारी रिक पीपरकोर्न ने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान रविवार (1 सितंबर) को शुरू होने वाला है। उन्होंने कहा कि स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच सीजफायर रहेगा। WHO अधिकारी ने कहा, वैक्सीनेशन अभियान सेंट्रल गाजा में शुरू होगा, जहां तीन दिन का सीजफायर रहेगा। फिर दक्षिणी गाजा की ओर बढ़ेगा, जहां तीन दिन का और सीजफायर रहेगा। उसके बाद वैक्सीनेशन ड्राइव उत्तरी गाजा में चलाई जाएगी। पीपरकोर्न ने कहा कि यदि आवश्यक पड़ी तो हर इलाके में सीजफायर को चौथे दिन तक बढ़ाया जा सकेगा। इजराइल-हमास जंग में 40 हजार फिलिस्तीनियों की मौत
इजराइल और हमास के बीच जारी जंग में मरने वाले फिलिस्तीनियों लोगों का आंकड़ा 40 हजार के पार हो गया है। गाजा पर इजराइली हमलों में अब तक 90 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मंत्रालय की तरफ से जारी किए आंकड़ो में हमास के आतंकवादियों को भी शामिल किया गया है। मरने वालों की संख्या इससे भी अधिक हो सकती है। अभी भी कई शव मलबे में दबे हुए हैं। गाजा में 11 महीनों से जारी है जंग
इजराइल और हमास बीच इस जंग को लगभग 11 महीनों का वक्त बीत गया है। बीते साल 7 अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने इजराइल पर हमला किया था। इस हमले में लगभग 1200 इजराइली नागरिकों की मौत हो गई थी। वहीं आंतकवादी लगभग 250 लोगों बंधक बनाकर गाजा ले गए थे। इजराइल के मुताबिक अभी भी 111 लोग हमास की कैद में मौजूद है। इनमें 39 शव भी शामिल हैं। बंधकों में 15 महिलाएं और 5 साल से कम उम्र के 2 बच्चे शामिल हैं। 7 अक्टूबर के हमले के बाद इजराइल ने हमास के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया था। इस जंग में अब तक इजराइल के 329 सैनिकों की भी मौत हो गई है। वहीं इजराइली सेना के मुताबिक उन्होंने अब तक हमास के 15 हजार से अधिक आतंकियों का मार गिराया है। जंग की वजह से गाजा में लगभग 18 लाख लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। इजराइल और दक्षिणी लेबनान में भी हजारों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। 5 लाख लोगों पर भुखमरी का संकट
जंग की वजह से गाजा में मानवीय संकट खड़ा हो गया है। इजराइली हमलों की मार झेल रहे गाजा के नागरिकों के सामने भुखमरी की समस्या पैदा हो गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक गाजा के लगभग 5 लाख लोगो को आने वाले महीनों में खाद्य संकट का सामना करना पड़ेगा। ये आंकड़ा गाजा की कुल आबादी का लगभग एक चौथाई हिस्सा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इजराइली हमलों ने अब तक गाजा की 59% इमारतों को ध्वस्त कर दिया है। उत्तरी गाजा में ये आंकड़ा 70% से ज्यादा है। गाजा में सीजफायर के लिए कतर में बातचीत
इजराइल- हमास के बीच सीजफायर और बंधकों की अदला-बदली के लिए कतर में 15 अगस्त से बातचीत हुई थी। ये बातचीत दो दिन तक चली थी। इस सीजफायर डील में इजराइल के अलावा कतर, अमेरिका और मिस्त्र के नेताओं ने हिस्सा लिया। हमास की कोई भी प्रतिनिधि इस बातचीत में शामिल नहीं हुआ था। इस डील के लिए पिछले दो महीने से ज्यादा समय से कोशिश चल रही थी। डील के तहत गाजा में 3 फेज में सीजफायर लागू करने का प्लान है। इस प्लान के मुताबिक हमास 7 अक्टूबर को बंधक बनाए कुछ लोगों को रिहा करेगा। साथ ही इजराइली सेना गाजा के इलाके से पीछे हटेगी। इसके अलावा इजराइल की जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा। इजराइल पर ईरानी हमले का खतरा
पिछले महीने 31 जुलाई को ईरान में हमास चीफ हानियेह की मौत के बाद से इजराइल पर ईरानी हमले का खतरा मंडरा रहा है। ईरान ने हानियेह की मौत के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामनेई ने इजराइल से बदला लेने का आदेश दिया था। इजराइल पर ईरानी हमले की बढ़ती आशंका के कारण अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में पनडुब्बियों और युद्धपोतों को तैनात कर दिया है। वहीं अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी समेत 5 देशों के प्रमुख नेताओं की तरफ से जारी किए गए संयुक्त बयान में ईरान से इजराइल के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए कहा है। ये खबर भी पढ़ें… खामेनेई बोले- इजराइल पर नरमी बरती तो खुदा का कहर:सुप्रीम लीडर ने कहा- कोई समझौता नहीं कर सकते, दुश्मन से मुकाबले के लिए तैयार ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने इजराइल से बदला न लेने पर चेतावनी जारी की है। खामेनेई ने कहा है कि अगर ईरान ने किसी भी तरह से इजराइल के साथ समझौता करने की कोशिश की तो उस पर खुदा का कहर टूट पड़ेगा। 86 साल के खामेनेई ने कहा, “ईरान ने अगर सैन्य, राजनीतिक या आर्थिक किसी भी तरह से इजराइल पर नरमी बरती तो उसे सजा जरूर मिलेगी। आज कुछ सरकारें अपने देश की ताकत के बारे में सोचे बिना कुछ प्रमुख शक्तियों के आगे झुक जाती हैं। अगर वे अपने लोगों की ताकत का इस्तेमाल करें तो दुश्मन को कड़ा मुकाबला दे सकते हैं।” पूरी खबर यहां पढ़ें…