नेपाल में चीन के राजदूत चेंग सोंग की वहां के एक पत्रकार से बहस हो गई। दरअसल, नेपाल की टकसाल मैग्जीन में काम करने वाले एक पत्रकार गजेंद्र बुधाथोकी ने 27 मई को दावा किया कि चीन ने पोखरा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने के लिए 5% की ब्याज पर लोन दिया जबकि डॉक्यूमेंट्स में सिर्फ 2% मेंशन किया गया है। इसे नेपाल में चीन के राजदूत चेंग सोंग ने गलत बताया। उन्होंने गजेंद्र के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि अगर आपके पास ये साबित करने के लिए डॉक्यूमेंट है तो उसे पब्लिश करें। अगर सबूत नहीं हैं तो ऐसे झूठ फैलाने के पीछे क्या इरादा है ये बताएं। ‘मुझे धमकाओ मत’
चीन के राजदूत ने पत्रकार गजेंद्र से माफी मांगने को कहा। इस पर गजेंद्र ने जवाब दिया कि मुझे धमकाओ मत और अपनी हद में रहो। मेरे पास सबूत हैं और मैं इन्हें अपनी मैग्जीन में जरूर छापूंगा। दरअसल, नेपाल के पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को चीन की कंपनी ने बनाया है। इसके लिए चीन ने नेपाल को कर्ज दिया था। क्या है पूरा मामला?
अगस्‍त 2013 में पोखरा एयरपोर्ट बनाने का प्रोजेक्ट चीन के पास गया। उसने बताया कि इसमें 26 करोड़ 40 लाख डॉलर का खर्च आएगा। चीनी कंपनी ने बाद में इसे बढ़ाकर 30 करोड़ 50 लाख डॉलर कर दिया। नेपाल के आपत्ति जताने पर चीनी कंपनी ने खर्च का अनुमान घटाकर 22 करोड़ डॉलर से 30 करोड़ डॉलर कर दिया। इसके बाद नेपाल ने चीन के एग्जिम बैंक से 21 करोड़ 60 लाख डॉलर का लोन लिया गया। इसमें 25% रिआयती दर पर और 75% लोन 2 प्रत‍िशत की ब्‍याज दर पर द‍िया। पोखरा एयरपोर्ट को बनाने का ठेका चीनी कंपनी सीएएमसी इंजीनियरिंग को दिया गया था। 2023 में यह एयरपोर्ट बनकर तैयार हो गया। हालांकि, उद्घाटन के 2 हफ्ते बाद ही यहां प्लेन दुर्घटना हो गई। इसमें 68 लोगों की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एयरपोर्ट अब ये व‍ित्‍तीय संकट झेल रहा है। गजेंद्र की मानें तो अब नेपाल को 2 नहीं बल्कि 5 प्रत‍िशत की दर से चीनी लोन पर ब्‍याज देना होगा।