डोनाल्ड ट्रम्प और भारतवंशी कमला हैरिस अगले महीने 10 सितंबर को डिबेट के लिए राजी हो गए हैं। अमेरिकी टीवी न्यूज ABC ने इसकी पुष्टि की है। ये पहली बार होगा जब ट्रम्प और कमला के बीच आमने-सामने की बहस होगी। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प, कमला के साथ 3 डिबेट्स करना चाहते हैं। ट्रम्प ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि डिबेट्स का होना बहुत जरूरी है। वह फॉक्स के साथ 4 सितंबर को, ABC के साथ 10 दिसंबर को और NBC के साथ 25 सितंबर को डिबेट्स के लिए तैयार हैं। ट्रम्प ने कहा डिबेट्स की लोकेशन क्या होगी और इसमें कितने लोग रहेंगे इन सब चीजों पर बात चल रही है। उन्होंने कहा कि तीनों डिबेट्स के लिए वे दूसरे पक्ष (कमल हैरिस) के राजी होने का इंतजार कर रहे हैं। ट्रम्प ने कहा कि वे अपना रिकॉर्ड ठीक करने के लिए डिबेट में शामिल हो रहे हैं। विश्वयुद्ध के करीब दुनिया, कमला हालात संभाल नहीं पाएंगी
ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका की हालत बहुत खराब है। दुनिया विश्वयुद्ध के करीब है और यहां ऐसे लोग हैं जो इन हालात में कुछ नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कमला को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के लिए जरूरी वोट तक नहीं मिला था और अब वो चुनाव लड़ रहीं हैं। ट्रम्प ने कमला को कमजोर उम्मीदवार बताया और कहा कि वह पत्रकारों को इंटरव्यू भी नहीं देतीं। उन्होंने कहा कि वह इससे बचती हैं क्योंकि वह बहुत कमजोर कैंडिडेंट हैं। ट्रम्प ने आगे कहा कि वह इसके लायक ही नहीं हैं कि वो उनके साथ डिबेट करें फिर भी वो उनके खिलाफ डिबेट में हिस्सा लेंगे। डिबेट के लिए कमला भी तैयार, कहा बेसब्री से इंतजार
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने पहले ही ABC न्यूज पर डिबेट के लिए अपनी हामी भर दी थी। उन्होंने गुरुवार को कहा कि उन्हें खुशी है कि ट्रम्प डिबेट्स के लिए राजी हो गए हैं। मैं इसका बेसब्री से इंतजार कर रही हूं। मुझे उम्मीद है कि वे डिबेट के लिए आएंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या वे बाकी डिबेट्स के लिए भी तैयार हैं, उन्होंने कहा कि 10 सितंबर के बाद वह एक और डिबेट के लिए तैयार हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में ट्रम्प ने कहा था कि अगर कमला हैरिस 4 सितंबर को फॉक्स न्यूज डिबेट में हिस्सा नहीं लेंगी तो वे उनके साथ बाकी डिबेट्स नहीं करेंगे। 4 सितंबर की डिबेट्स में कमला हैरिस शामिल होंगी या नहीं इस बारे में साफ जानकारी नहीं मिल पाई है। 90 मिनट को हो सकती है बहस, लाइव ऑडियंस भी होगी
इससे पहले जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच 2 डिबेट्स (27 जून और 10 सितंबर) को लेकर सहमति बनी थी। ट्रम्प और हैरिस के बीच 10 सितंबर को होने वाली बहस फिलाडेल्फिया में हो सकती है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस डिबेट की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से ये जानकारी दी है। डिबेटव एक ग्राउंड में 90 मिनट की हो सकती है। डेविड म्योह और लिंसी डेविस इसके मॉडरेटर्स हो सकते हैं। इस डिबेट में लाइव ऑडियंस भी होगी। डिबेट के रूल्स क्या होंगे और इसके फॉर्मेट को लेकर अभी बात चल रही है। पहली डिबेट में बुरी तरह हारे थे बाइडेन, हटना पड़ा
28 जून को दोनों नेताओं के बीच CNN नेटवर्क पर डिबेट्स हुई थी। इस बहस को 5.1 करोड़ लोगों ने देखा था। इसमें बाइडेन की करारी हार हुई थी। इसके बाद बाइडेन पर राष्ट्रपति पद की रेस से हटने का दबाव बढ़ने लगा था। शुरुआती इनकार के बाद बाइडेन चुनावी मैदान से हट गए। उन्होंने कमला हैरिस का समर्थन किया। अमेरिका में प्रेसिडेंशियल डिबेट का 64 साल से चलन है। इसमें दोनों पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए फाइनल हो चुके कैंडिडेट्स के बीच डिबेट्स होती है। चुनाव से पहले उम्मीदवारों के बीच अहम मुद्दों पर बहस कराई जाती है। इसके आधार पर वोटर्स उम्मीदवारों को लेकर राय बनाते हैं। US में पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट, ट्रम्प ने बाइडेन को हराया:4 साल पुरानी हार का बदला लिया, बहस के दौरान खांसते-अटकते दिखे राष्ट्रपति अमेरिका में आज (28 जून) को राष्ट्रपति जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई। 81 साल के हो चुके बाइडेन के लिए खुद को डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद का सही उम्मीदवार साबित करने के लिए यह सबसे बेहतरीन मौका था। हालांकि, 75 मिनट की डिबेट के बाद अमेरिका के सबसे बड़े मीडिया हाउस में शुमार न्यूयॉर्क टाइम्स, वॉशिंगटन पोस्ट और डिबेट होस्ट करने वाले CNN ने इसमें ट्रम्प को विजेता घोषित किया। विश्लेषकों ने कहा कि बहस के दौरान बाइडेन बार-बार अपनी बात रखने में अटक रहे थे, वे लगातार खांस रहे थे और ट्रम्प के आरोपों का जवाब नहीं दे पा रहे थे। पूरी खबर यहां पढ़ें… अमेरिकी प्रेसिडेंशियल डिबेट हारे तो निक्सन को गाली पड़ी, इसी बहस के लिए आमने-सामने होंगे ट्रम्प और बाइडेन; 5 सवालों में जानिए सबकुछ साल 1858…अमेरिका के इलिनॉय राज्य में सीनेट (राज्यसभा) के चुनाव हो रहे थे। रिपब्लिकन पार्टी के अब्राहम लिंकन और नॉर्दन डेमोक्रेट्स के स्टीफन डगलस के बीच मुकाबला था। डगलस जहां भाषण देते लिंकन भी वहां पहुंच जाते। वे डगलस के भाषणों में कही बातों की खामियां निकालते। लिंकन के यूं पीछा करने से तंग आकर डगलस ने उन्हें बहस की चुनौती दी। मौके के इंतजार में बैठे लिंकन तुंरत तैयार हो गए। इसी की तर्ज पर 102 साल बाद 1960 में पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई। पूरी खबर यहां पढ़ें…