ताइवान में नए राष्ट्रपति लाई चिंग ते की शपथ से 2 दिन पहले देश की संसद में शुक्रवार को सांसदों के बीच जमकर लड़ाई हुई। इस दौरान लात-घूंसे भी चले। कुछ सांसद स्पीकर की सीट पर भी चढ़ गए। वे एक-दूसरे को खींचकर मारपीट करते नजर आए। इस बीच सांसद सदन से एक बिल से जुड़े दस्तावेज लेकर भाग गया। दरअसल, ताइवान की संसद में एक प्रस्ताव लाया गया है। इसके तहत सरकार के कामकाज पर नजर रखने के लिए विपक्षी सांसदों को ज्यादा पावर देने की बात कही गई है। इसके अलावा संसद में झूठा बयान देने पर सरकारी अधिकारियों पर क्रिमिनल केस दर्ज किया जाएगा। अलजजीरा के मुताबिक, इसी बिल पर वोटिंग से ठीक पहले नए राष्ट्रपति चिंग ते की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) और चीन समर्थक विपक्ष की कुमेन्तांग (KMT) पार्टी के लोगों के बीच झड़प हो गई। जब सांसद सदन में पहुंचे तो वे एक-दूसरे पर लड़ाई करने का आरोप लगाने लगे। 20 मई को राष्ट्रपति लाई चिंग ते लेंगे शपथ, उनकी पार्टी के पास बहुमत नहीं
दरअसल, 20 मई को ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग ते राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं। हालांकि, उनकी पार्टी DPP के पास संसद में बहुमत नहीं है। ताइवान की मुख्य विपक्षी पार्टी KMT के पास DPP से ज्यादा सीटें हैं। फिर भी बहुमत में आने के लिए उसे ताइवान पीपुल्स पार्टी (TPP) के साथ गठबंधन करना पड़ेगा। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, बहुमत में होने की वजह से विपक्षी पार्टी संसद में अपने सदस्यों को सरकार के ऊपर नजर बनाए रखने के लिए और ज्यादा पावर दिलवाना चाहती है। वहीं चिंग ते की पार्टी DPP का आरोप है कि विपक्ष संसद में जबरदस्ती बिल पास करवाने की कोशिश कर रहा है, जो संविधान का उल्लंघन है। सत्ताधारी पार्टी की मांग- पहले बिल पर चर्चा हो
DPP के सांसदों की मांग है कि पहले बिल पर प्रक्रिया के तहत चर्चा करवाई जानी चाहिए। वहीं विपक्ष का आरोप है कि DPP इस बिल को पास नहीं होने देना चाहती, जिससे वह अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर सके। ताइवान की संसद में पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। साल 2020 में भी KMT के सांसदों ने अमेरिका से पोर्क (सुअर का मांस) इम्पोर्ट करने का विरोध करते हुए संसद में पिग गट्स (सुअर की आंत) फेंकी थी। जनवरी के चुनाव में चीन विरोधी नेता लाई चिंग ते चुनाव जीते
ताइवान में इसी साल जनवरी में राष्ट्रपति पद के चुनाव हुए थे। इसमें रूलिंग पार्टी के नेता विलियम लाई चिंग-ते ने जीत दर्ज की थी। यह वही नेता हैं, जिन्हें मतदान से पहले चीन ने खतरनाक अलगाववादी कहा था। चुनाव से पहले चीन ने मतदाताओं को चेतावनी दी थी कि यदि वे सैन्य संघर्ष से बचना चाहते हैं, तो सही विकल्प चुनें। चिंग ते के खिलाफ ताइवान की कुमेन्तांग पार्टी (KMT) ने होउ यू इह पर अपना दाव खेला था। KMT वही पार्टी है जिसकी सरकार चीन के कम्युनिस्टों से गृह युद्ध में हारकर ताइवान द्वीप पर आ बसी थी। पार्टी ने कहा था कि अगर वह चुनाव जीती तो चीन से दोबारा बातचीत शुरू करेगी।