दिव्येंदु शर्मा नए वेब शोज के साथ लौट चुके हैं। उनकी सीरीज लाइफ हिल गई OTT पर रिलीज हो गई है। इसमें उनके साथ कुशा कपिला भी लीड किरदार में हैं। इस सीरीज को बनाया है आरुषि निशंक ने। आरुषि निशंक बीजेपी के बड़े नेता डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की बेटी हैं। शो में डांस कोरियोग्राफर मुक्ति मोहन का भी रोल हैं। इन सभी ने दैनिक भास्कर से अपनी नई सीरीज के बारे में बातचीत की है। दिव्येंदु ने इसी बीच मिर्जापुर के अपने फेमस किरदार मुन्ना त्रिपाठी पर बात की। दिव्येंदु बोले- देखकर खुशी है कि लोग मेरे किरदार को मिस कर रहे हैं
दिव्येंदु शर्मा ने कहा कि लोग अभी भी उनसे मिर्जापुर को लेकर सवाल करते हैं। मुन्ना को मरते हुए दिखाया है, फिर भी लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अगले सीजन में कैसे भी करके उसकी वापसी हो जाए। मैं बहुत खुश हूं कि लोग मेरे कैरेक्टर को इतना ज्यादा मिस कर रहे हैं। मुझे न देखकर लोगों का दिल दुखा है। दिव्येंदु ने कहा कि मिर्जापुर के पहले सीजन का वो डायलॉग, ‘बहुत तकलीफ होती है, जब आप योग्य हों और लोग आपकी योग्यता न समझे’ रियल लाइफ में भी फील होता है। एक आर्टिस्ट के जीवन में ऐसे मोमेंट बहुत आते हैं। दिव्येंदु ने कहा- स्क्रिप्ट पढ़ते ही काम करने का मन कर गया
दिव्येंदु ने लाइफ हिल गई में अपने किरदार पर बात करते हुए कहा, ‘इस सीरीज का मुद्दा कोई बहुत ज्वलंत नहीं है। यहां बस जीवन जीने की बात दिखाई गई है। हम साधारण जीवन में कैसे रहते हैं। क्या बेसिक परेशानियां होती हैं, उनसे डील कैसे करते हैं। मैं पहली बार एक शहरी लड़के का किरदार निभा रहा हूं। स्क्रिप्ट ऐसी थी कि पढ़ने के दौरान ही इसमें काम करने की इच्छा हो गई। एक तरह से देखा जाए तो पहली बार भाई-बहन के रिश्ते पर कोई शो बना है।’ कुशा कपिला ने कहा कि सीरीज में ऑडियंस को भाई-बहन की एक इंटरेस्टिंग कहानी देखने को मिलेगी। दोनों एक दूसरे की टांग भी खीचेंगे साथ ही एक दूसरे की केयर भी करेंगे। प्रोड्यूसर आरुषि निशंक ने कहा- मेकर ऑडियंस के दिल को छू नहीं पा रहे
प्रोड्यूसर आरुषि निशंक ने कहा कि अभी बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स आ रहे हैं। उसमें स्टार्स भी बड़े दिखते हैं लेकिन वो फिल्में या वेब शोज लोगों के दिल को टच नहीं कर पाते हैं। मैं इस वेब सीरीज के जरिए आम लोगों की जिंदगी को बहुत फनी तरीके से दिखाना चाहती थी। इस सीरीज में आपको उत्तराखंड के कल्चर की भी झलक देखने को मिलेगी। आरुषि अपनी बहनों में सबसे बड़ी हैं। टीनएज में वे काफी स्ट्रिक्ट हुआ करती थीं। बाद में एहसास हुआ कि सख्ती दिखाने के लिए मां-बाप काफी हैं। इसके बाद वे अपने बहन-भाइयों के साथ एक दोस्त की तरह रहने लगीं। जब मिठाई लेकर टीचर के पास पहुंचे दिव्येंदु
दिव्येंदु शर्मा ने कहा कि वे पढ़ाई में बहुत कमजोर थे। वे दसवीं में थे, उनके टीचर ने कहा कि मिस्टर शर्मा, तुम्हें दुनिया की कोई भी ताकत पास नहीं कर सकती। हालांकि दिव्येंदु किसी तरह करके पास हो गए। वे अगले दिन उस टीचर के पास मिठाई लेकर पहुंच गए।