कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी 6 सितंबर को रिलीज होने वाली है। ट्रेलर जारी होते ही फिल्म विवादों में हैं। दरअसल, फिल्म में संत जरनैल सिंह भिंडरावाले को दिखाए जाने के बाद से ही कंगना रनोट को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। हाल ही में विक्की थॉमस सिंह नाम के शख्स ने उन्हें सरेआम धमकी दी है कि अगर वो फिल्म में संत जरनैल सिंह भिंडरावाले को गलत तरह दिखाएंगी, तो उन्हें परिणाम भुगतने होंगे। धमकियां मिलने के बाद अब कंगना ने कहा है कि उन्हें किसी का डर नहीं है, लोग चाहें तो उन्हें गोली मार दें। हाल ही में एक्ट्रेस कंगना रनोट ने आज तक से बात करते हुए इन धमकियों पर रिएक्शन दिया है। एक्ट्रेस ने कहा है, मुझे डरा नहीं सकते। इस देश की आवाज को मैं मरने नहीं दे सकती। ये लोग मुझे धमका लें, गोलियां मार लें, लेकिन मैं नहीं डरने वाली। ये गुंडाराज नहीं चलेगा। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया गया था, जिसमें कुछ निहंग बैठे हुए हैं। उनके साथ बैठे विक्की थॉमस सिंह ने कंगना को धमकी देते हुए कहा है, “इतिहास को बदला नहीं जा सकता। अगर आतंकवादी दिखाया गया तो अंजाम के लिए तैयार हो जाना। जिसकी फिल्म कर रही है, उसकी क्या सेवा होगी। सतवंत सिंह व बेअंत सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर गोलियां बरसाने वाले) कौन थे, वे रोल भी करने के लिए तैयार हो जाना। ये मैं दिल से बोल रहा हूं, क्योंकि उंगली जो हमारी तरफ करता है, वे उंगली ही झटका (काट) देते हैं हम। वो संत (जरनैल सिंह भिंडरांवाले) के लिए हम अपना सिर कटवा भी देंगे। अगर सिर कटवा सकते हैं तो काट भी सकते हैं।” इस वीडियो पर कंगना रनोट ने भी रिएक्ट किया। उन्होंने अपने ऑफिशियल X प्लेटफॉर्म (पहले ट्विटर) पर वीडियो रीपोस्ट कर महाराष्ट्र के डीजीपी, हिमाचल और पंजाब की पुलिस को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की है। बताते चलें कि कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी 6 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लगी इमरजेंसी पर बनाई गई है। ट्रेलर सामने आने के बाद से ही फिल्म पर सिख समुदाय को गलत तरह दिखाए जाने के आरोप लग रहे हैं। सबसे पहले पंजाब के निर्दलीय सांसद सर्बजीत सिंह खालसा ने ट्रेलर में दिखाए गए दृश्यों पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इसमें सिखों को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार को लेटर लिखकर फिल्म की रिलीज रोकने की मांग की है। सर्बजीत सिंह खालसा ने कहा, ‘नई फिल्म ‘इमरजेंसी’ में सिखों को गलत तरीके से पेश करने की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे समाज में शांति और कानून की स्थिति बिगड़ने की आशंका है। अगर इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है तो यह एक गहरी साजिश है। यह फिल्म मनोवैज्ञानिक हमला है, जिस पर सरकार को पहले से ध्यान देकर दूसरे देशों में सिखों के प्रति नफरत भड़काना बंद कर देना चाहिए।’