नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने शनिवार को कहा कि देश में बांग्लादेश और श्रीलंका की तरह हालात नहीं बन सकते हैं। यहां किसी भी तरह की राजनीतिक हिंसा और अराजकता के लिए जगह नहीं है। ओली ने जोर देते हुए कहा कि नेपाल किसी देश की फोटोकॉपी मशीन नहीं है। ओली ने कहा कि दशकों देश में चले उग्रवाद के लिए भी अब देश में कोई जगह नहीं है। सरकार देश में ऐसी किसी भी तरह की गतिविधियों को नहीं होने देगी। केपी ओली काठमांडू में “इन टू द फायर” नाम की एक किताब को लॉन्च करने के लिए पहुंचे थे। इस किताब को सिमरिक एयर के अध्यक्ष कैप्टन रामेश्वर थापा ने लिखा है। पूर्व पीएम प्रचंड ने कहा था बांग्लादेश से सीखने की जरूरत
नेपाल के पूर्व PM और माओवादी सेंटर के अध्यक्ष पुष्पकमल दहल प्रचंड ने पिछले महीने बांग्लादेश से सबक लेने की बात कही थी। उन्होंने केपी ओली के गठबंधन वाली सरकार को बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता और अशांति से सबक सीखने के लिए कहा था। प्रचंड के इस बयान का जवाब देते हुए ओली ने शनिवार को कहा कि “मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं कि वो खुद भी सीखें, जो हमें दूसरों से सीखने की सलाह देते हैै।” ओली ने कहा कि नेपाल की अपनी पहचान है। यहां की सभ्यता और संस्कृति अलग है। इसलिए बांग्लादेश जैसे घटना नेपाल में नहीं दोहराई जा सकती। हाल ही में काठमांडू के ओपन थियेटर में दो युवकों ने PM ओली और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के खिलाफ नारे लगाए थे। घटना के बाद पुलिस ने दोनों युवकों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें 2 दिन बाद छोड़ दिया गया था। हिंसा के बाद शेख हसीना को छोड़ना पड़ा बांग्लादेश
बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना के 5 अगस्त को हिंसा की वजह से देश छोड़ना पड़ा था। बांग्लादेश में 5 जून के बाद से आरक्षण के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। 2 महीने से जारी हिंसा के बाद 5 अगस्त को शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत आ गईं थी। हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतिरम सरकार का गठन हुआ। अंतरिम सरकार के मुताबिक हसीना विरोधी प्रदर्शनों में लगभग 1 हजार लोगों की मौत हुई थी। ये खबर भी पढ़ें…
राम को नेपाली बताने वाले ओली बने प्रधानमंत्री:दो साल में तीसरी बार बदली नेपाल में सरकार, भारत समर्थक देउबा के साथ गठबंधन किया भगवान राम को नेपाली बताने वाले केपी ओली आज नेपाल नए प्रधानमंत्री बन गए है। उन्हें आज राष्ट्रपति नेपाल के रामचंद्र पौडेल ने राष्ट्रपति कार्यालय में प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। ओली ने भारत समर्थक माने जाने वाले शेर बहादुर देउबा के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने 12 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, वह संसद में विश्वासमत हासिल करने में नाकाम रहे। वे सिर्फ 1 साल 6 महीने ही प्रधानमंत्री रह पाए। पूरी खबर यहां पढ़ें…