पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस से पहले मंगलवार को आतंकवादियों ने बलूचिस्तान प्रांत में ग्रेनेड से हमला कर दिया। इसमें 3 लोगों की मौत हो गई। 6 लोग घायल भी हुए हैं। यह हमला बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा के लियाकत बाजार में झंडा बेचने वाले एक दुकानदार पर किया गया था। पाकिस्तानी अखबार द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। BLA ने कहा कि उन्होंने इलाके में दुकानदारों को झंडे बेचने से मना किया था। जब दुकानदारों ने बात नहीं मानी तो उन पर बम से हमला कर दिया। लियाकत बाजार, क्वेटा की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक है। हमले के दौरान यहां पर काफी भीड़ थी। बुधवार को पाकिस्तान में 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। BLA ने 14 अगस्त के दिन लोगों से छुट्टी न मनाने को कहा है। वहीं, सरकारी अस्पताल के प्रवक्ता वसीम बेग ने कहा कि अस्पताल में छह घायल और तीन लोगों के शव आए थे। पहले भी हुए हमले, कई दुकानदारों ने झंडा बेचना बंद किया
पाकिस्तानी अखबार डेली टाइम्स के मुताबिक हाल के कुछ सालों में बलूचिस्तान में स्वतंत्रता दिवस पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। उग्रवादियों ने राष्ट्रीय झंडा बेच रहे स्टॉलों और दुकानों को निशाना बनाया है। इस वजह से कई दुकानदारों को अपना व्यवसाय छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। 2022 और 2023 में भी ऐसी घटनाएं हुई थीं जिनमें पाकिस्तानी झंडा बेच रहे लोगों पर हमले हुए थे। बलूचिस्तान के गृह एवं जनजातीय मामलों के प्रांतीय मंत्री मीर जिया उल्लाह लांगोव ने कहा कि सरकार ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की है। उन्होंने लोगों से राष्ट्रीय त्योहार के दिन घरों से निकलने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर किसी को धमकी का डर है तो वो पुलिस को बताए। वह उनकी हिफाजत करेगी। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है
बलूचिस्तान में कई लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वे एक आजाद देश के तौर पर रहना चाहते थे। लेकिन बिना उनकी मर्जी से उन्हें पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया था। ऐसा नहीं हुआ इस वजह से बलूचिस्तान में सेना और लोगों का संघर्ष आज भी जारी है। BBC के मुताबिक बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वाले कई संगठन हैं मगर बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी(BLA) सबसे ताकतवर संगठन है। ये संगठन 70 के दशक में अस्तित्व में आया लेकिन 21वीं सदी में इसका प्रभाव बढ़ा है। BLA बलूचिस्तान को पाकिस्तानी सरकार और चीन से मुक्ति दिलाना चाहता है। उनका मानना है कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर उनका हक है। पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को 2007 में आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया था। सेना प्रमुख ने आतंकवाद को हराने की कसम खाई
इसके पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश के लोगों को संदेश दिया। उन्होंने टेलीविजन भाषण में आतंकवाद को हराने की कसम खाई। जनरल मुनीर ने कहा कि दुनिया में तेजी से बदलाव हो रहे हैं लेकिन पाकिस्तान, मुस्लिम समुदाय और विश्व में अपनी जगह बरकरार रखे हुए है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का भविष्य उज्ज्वल है। पाकिस्तानी अवाम और सेना एक दूसरे पर निर्भर हैं। हमारी सेना मुल्क की हिफाजत करती रहेगी। जनरल मुनीर ने माना कि देश में आतंकवाद एक बड़ा खतरा है। उन्होंने अफगानिस्तान से पाकिस्तानी तालिबान के खिलाफ सहयोग मांगा। पाकिस्तानी तालिबान एक आतंकवादी समूह है जो अफगान धरती खासकर बलूचिस्तान से गतिविधियां चलाता है। बांग्लादेश से पाकिस्तान की तुलना पर भड़के जनरल मुनीर
इससे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने देश में अराजकता पैदा करने की कोशिश करने वालों को कड़ी चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा देश में संकट खड़ा करना ‘सबसे बड़ा गुनाह’ है। सेना ऐसे किसी भी कोशिश को नाकाम कर देगी और देश की हिफाजत करेगी। सेना प्रमुख का ये बयान सोशल मीडिया पर उन पोस्ट्स के बाद आया है जिनमें पाकिस्तान के हालात की तुलना बांग्लादेश से की गई थी। इस्लामाबाद में नेशनल उलेमा कन्वेंशन में बोलते हुए मुनीर ने कहा कि अगर कोई पाकिस्तान में अराजकता फैलाने की कोशिश करता है तो ‘अल्लाह कसम’, हम उनसे मुकाबला करेंगे। उन्होंने यकीन दिलाया कि अल्लाह के रहमों करम से पाकिस्तानी सेना अशांति और अव्यवस्था को दूर करने में कामयाब होगी।