बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में विदेश मंत्री मोहम्मद तोहीद हुसैन ने कहा कि उनकी सरकार भारत से आ रहे बयानों से खुश नहीं हैं। शेख हसीना की तरफ से भी जो बयान जारी किए गए वे सही नहीं थे। उन्होंने यह बात भारत के हाई कमिश्नर तक भी पहुंचाई है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में हुसैन ने कहा, “सरकार भारत से शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग कर सकती है। हसीना के खिलाफ बहुत सारे मुकदमे दर्ज हैं। ऐसे में अगर गृह मंत्रालय उन्हें लाने का फैसला करता है तो इसकी मांग की जाएगी। यह भारत के लिए भी शर्मिंदा करने वाले स्थिति पैदा कर सकता है। मुझे लगता है कि भारत सरकार यह जानती है और वे सही कदम उठाएंगे।” ‘रोहिंग्याओं की समस्या बांग्लादेश की जिम्मेदारी नहीं’
रोहिंग्या समुदाय के मुद्दे पर हुसैन ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए बांग्लादेश जिम्मेदार नहीं है। भारत एक बड़ा देश है। अगर वह उन्हें शरण देना चाहता है तो दे सकता है। हमने लाखों रोहिंग्याओं को पनाह दी है। लेकिन मूल लक्ष्य उन लोगों की म्यांमार वापसी है। हम और रोहिंग्याओं को बांग्लादेश में नहीं घुसने दे सकते। रोहिंग्याओं का मसला मानवीय संकट से जुड़ा है। इसके लिए सिर्फ बांग्लादेश नहीं बल्कि पूरी दुनिया जिम्मेदार है। हम अपने हिस्से की मदद कर चुके हैं। हसीना पर 80 केस दर्ज, 65 हत्या के मामले
बांग्लादेश में हिंसा के बाद पूर्व PM शेख हसीना 5 अगस्त को भारत आ गई थीं। उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अब तक हसीना पर 80 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं, जिनमें 65 मामले हत्या से जुड़े हैं। 22 अगस्त को अंतरिम सरकार ने हसीना और उनके परिवार के लोगों के डिप्लोमैटिक पासपोर्ट भी रद्द कर दिए थे। बांग्लादेशी मीडिया हाउस ढाका ट्रिब्यून ने भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत की वीजा पॉलिसी के मुताबिक, अगर किसी बांग्लादेशी नागरिक के पास भारत का वीजा नहीं है तो वह सिर्फ 45 दिन तक ही यहां रह सकता है। शेख हसीना को भारत आए 27 दिन हो चुके हैं। ऐसे में कानूनी तौर पर वे सिर्फ 18 दिन और भारत में रह सकती हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण समझौता क्या है?
2013 में हुए प्रत्यर्पण समझौते के तहत दोनों देश एक-दूसरे के यहां पनाह ले रहे भगोड़ों को लौटाने की मांग कर सकते हैं। हालांकि, इसमें एक पेंच ये है कि भारत राजनीति से जुड़े मामलों में किसी व्यक्ति के प्रत्यर्पण से इनकार कर सकता है। हालांकि अगर उस व्यक्ति पर हत्या और किडनैपिंग जैसे संगीन मामले दर्ज हों तो उसके प्रत्यर्पण को रोका नहीं जा सकता। समझौते में 2016 में हुए संशोधन के मुताबिक, प्रत्यर्पण की मांग करने वाले देश को अपराध के सबूत देने की जरूरत भी नहीं है। इसके लिए कोर्ट से जारी वारंट ही काफी है। इससे हसीना के लिए मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। हिंसा में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार मे स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रमुख नूरजहां बेगम ने 29 अगस्त को बताया था कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों में 1 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। वहीं 400 से ज्यादा लोगों के आंखों की रोशनी चली गई। कई की एक तो कई की दोनों आंखों की रोशनी चली गई है। बांग्लादेश में 16 जुलाई 2024 को सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुआ था। ये 1971 के बाद शुरू हुआ देश में सबसे बड़ा सरकार विरोधी प्रदर्शन था। यह खबर भी पढ़ें… भारत में हसीना के सिर्फ 20 दिन बचे:पासपोर्ट रद्द, हत्या के 63 मामले दर्ज, बांग्लादेश ने वापसी की मांग की तो क्या करेगा भारत तारीख- 5 अगस्त 2024, समय- दोपहर के करीब 1 बजे। बांग्लादेश में हिंसा के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी बहन रेहाना के साथ कार में बैठकर PM आवास छोड़ देती हैं। वे C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से शाम करीब 5 बजे भारत के हिंडन एयरबेस पहुंचती हैं। पूरी खबर पढ़ें…