बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बनी अंतरिम सरकार को आज एक महीना पूरा हो गया है। जन-विद्रोह और अशांति के बाद अंतरिम सरकार ने एक महीने के भीतर देश की पूरी मशीनरी को बदल दिया है। राजधानी ढाका में अंतरिम सरकार के गठन के बाद से ही हालात सामान्य हो गए थे। इस बीच, यूनुस सरकार के कट्टरपंथी समर्थक जमात-ए-इस्लाम पार्टी ने रवींद्रनाथ टेगोर के लिखे बांग्लादेश के राष्ट्रगान ‘अमार सोनार बांग्ला’ को बदलने की आवाज तेज कर दी है। हालांकि, अंतरिम सरकार में धार्मिक मामलों के मंत्री खालिद हुसैन ने राष्ट्रगान बदलने से इनकार किया है। हालांकि जानकारों का कहना है कि अंतरिम सरकार संविधान बदलने के लिए रिटायर्ड फौजी अफसरों की कमेटी बना चुकी है। फौज समर्थित अंतरिम सरकार आने वाले दिनों में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े प्रतीकों को खत्म करेगी। छात्र आंदोलन में बंग बंधु मुजीबुर रहमान की प्रतिमा गिराई जा चुकी है। ऐसे में राष्ट्रगान बदलने पर कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। मंत्रालयों से लेकर यूनिवर्सिटी तक कट्‌टरपंथी हावी
नई सरकार ने पूर्व पीएम शेख हसीना की तरफ से नियुक्त किए गए सभी शीर्ष अधिकारियों को हटा दिया। मुख्य न्यायाधीश, बांग्लादेश बैंक गवर्नर, आईजीपी आरएबी डीजी, बीजीबी डीजी, डीएमपी कमिश्नर, अटॉर्नी जनरल, विभिन्न मंत्रालयों के 30 सचिव बदले गए। इसके अलावा, कई देशों में मौजूद बांग्लादेश के राजदूतों को या तो वापस बुला लिया है या फिर बर्खास्त कर दिया है। करीब 50 से ज्यादा विश्वविद्यालयों के वीसी, कोषाध्यक्ष और रजिस्ट्रार, 147 स्कूल और कॉलेज प्रिंसिपल, यूजीसी प्रमुख नई नियुक्तियां की गई है। बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर का भी मानना ​​है कि अब तक यह सरकार अच्छा काम कर रही है। हम लोकतंत्र को बहाल करने के लिए इस सरकार का समर्थन करेंगे। लेकिन हम लोकतंत्र के लिए अपनी लड़ाई से समझौता नहीं करेंगे। हम जल्द से जल्द राष्ट्रीय चुनाव देखना चाहते हैं। गारमेंट इंडस्ट्री ने रफ्तार पकड़ी
ढाका सहित कई शहरों में फैली गारमेंट इंडस्ट्री की अधिकांश यूनिट फिर सक्रिय हो गई हैं। गारमेंट इंडस्ट्री में करीब 85% महिलाएं काम करती हैं। बता दें कि बांग्लादेश के कुल निर्यात में गारमेंट उद्योग का हिस्सा 80% है। छात्र आंदोलन के दौरान एक भी गारमेंट फैक्ट्री में आग नहीं लगी। अमेरिका की ओर बढ़ेगा झुकाव
विदेश नीति पर नई सरकार ने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन यह साफ है कि वे अमेरिका के पक्ष में होंगे। नई सरकार अब पाकिस्तान की ओर झुकेगी। चीन से संबंध बने रहेंगे। भारत प्राथमिकता सूची में होगा, लेकिन हसीना विवाद का विषय हैं। चटगांव के मदरसे में हिंदू युवकों को बंधक बनाया, सेना ने छुड़ाया
बांग्लादेश के चटगांव में गणेश चतुर्थी के जुलूस में शामिल तीन हिंदू युवकों काे मदरसे में बंधक बनाने से तनाव पैदा हो गया। शुक्रवार देर रात को जुलूस जब एक मदरसे के सामने से गुजर रहा था तब भीतर से कुछ लड़कों ने आपत्तिजनक नारे लगाए और कथित रूप से पानी फेंका। इस पर जुलूस में शामिल युवक भड़क उठे। उन्होंने इसका विरोध किया। कुछ लड़कों ने तीन हिंदू युवकों को अगवा कर मदरसे में बंधक बना लिया। सूचना मिलने पर सेना ने मौके पर पहुंच हिंदू युवकों को मदरसे से छुड़ाया। बता दें कि लगभग एक करोड़ की आबादी वाले चटगांव में 20 लाख हिंदू हैं।