बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा हुई। रविवार देर रात होमगार्ड (अंसार ग्रुप) और स्टूडेंट के बीच झड़प हो गई। जिसमें 40 लोग घायल हुए। दरअसल अंसार ग्रुप पिछले दो दिनों से प्रदर्शन कर रहा था। अंसार ग्रुप की मांग है उनकी नौकरियों को स्थायी किया जाए। रविवार (25 अगस्त) को अंसार ग्रुप के कई सदस्य सचिवालय पहुंच गए। उन्होंने गेट बंद कर दिया। किसी भी सरकारी अधिकारी को बाहर आने नहीं दिया। स्टूडेंट संगठन के कुछ सदस्य भी अंदर कैद हो गए। उन्होंने फेसबुक के जरिए सैकड़ों छात्रों से सचिवालय आने की अपील की। जब भारी संख्या में छात्र सचिवालय की ओर बढ़े तो वहां पहले से मौजूद अंसार ग्रुप के मेंबर्स से उनकी भिड़ंत हो गई। स्टूडेंट का आरोप है कि, अंसार ग्रुप बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के एजेंट के तौर पर काम कर रहा है। अंसार ग्रुप ने फेंके पत्थर, फिर शुरु हुई झड़प
ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, झड़प की शुरुआत रात करीब 9 बजे हुई। जब हजारों की संख्या में स्टूडेंट सचिवालय की तरफ बढ़ने लगे। 9:30 बजे अंसार ग्रुप के मेंबर्स पीछे हटने लगे। इसके बाद उन्होंने लाठी लेकर स्टूडेंट को दौड़ा लिया। कुछ ने पत्थर भी फेंकने शुरु कर दिए। जिसके बाद स्टूडेंट की तरफ से भी हमला किया गया। बांग्लादेश में नई अंतरिम सरकार, हसीना दे चुकीं इस्तीफा
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार जा चुकी है। आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के चलते हसीना ने 5 अगस्त को पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत आ गईं। उनके जाने के बाद मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बन गए हैं। यूनुस के अलावा राष्ट्रपति ने 8 अगस्त को सरकार में शामिल होने वाले 16 सदस्यों में से 13 को भी शपथ दिलाई थी। शपथ लेने वालों में हसीना के विरोधी रहे छात्र नेता नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद भी शामिल हैं। शेख हसीना पर अब तक 31 केस दर्ज, बेटे-बेटी और बहन को भी बनाया आरोपी
बांग्लादेश में नई सरकार बनने के बाद से शेख हसीना अब तक 31 केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें 26 हत्या, 4 नरसंहार और एक किडनैपिंग का मामला है। बांग्लादेश के एक संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम के सचिव मुफ्ती हारून इजहार चौधरी ने इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल में हसीना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के मुताबिक हिफाजत-ए-इस्लाम के कार्यकर्ता 5 मई 2013 को ढाका में ईशनिंदा के खिलाफ कानून बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान हिंसक हो उठी भीड़ पर पुलिस ने बल प्रयोग किया। इसमें 27 लोग मारे गए थे। 11 साल बाद इस मामले में हसीना के खिलाफ नरसंहार का मामला दर्ज हुआ है। इसमें हसीना के बेटे सजीब वाजिद जॉय , बेटी साइमा वाजिद पुतुल और बहन शेख रेहाना को भी आरोपी बनाया गया है।