7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई इजराइल-हमास जंग जारी है। अमेरिकी छात्रों में फिलिस्तीनियों के प्रति संवेदना और इजराइल के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है। स्टूडेंट्स कैंपस में प्रोटेस्ट कर रहे हैं। इस बीच सोमवार को जॉर्जिया राज्य के मोरहाउस कॉलेज में ग्रेजुएशन सेरेमनी हुई। राष्ट्रपति जो बाइडेन सेरेमनी में शामिल हुए। उन्होंने जंग को लेकर दुख जताया। उन्होंने कहा, “मैं आपकी भावनाओं को समझ रहा हूं। आप जो विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं उसकी वजह मैं जानता हूं। जंग से जो हालात बने हैं उन्हें देखकर मेरा दिल टूटा है। मैं शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का समर्थन करता हूं। गाजा में मानवीय संकट है। इसलिए मैंने फौरन सीजफायर किए जाने की मांग की है।” छात्रों ने कफिए पहने थे
ग्रैजुएशन सेरेमनी के दौरान छात्रों ने फिलिस्तीन के समर्थन में सिर और गले में कफिए पहने थे। ज्यादातर फिलिस्तीनियों के लिए कफिया संघर्ष और प्रतिरोध का सिंबल है। इसे राजनीतिक और सांस्कृतिक हथियार के तौर पर भी देखा जाता है। इसे फिलिस्तीन का ‘अनौपचारिक झंडा’ भी कहा जाता रहा है। वहीं, कुछ छात्र बाइडेन की स्पीच के दौरान उनकी तरफ पीठ करके बैठे नजर आए। कई छात्र फिलिस्तीन का झंडा लपेटकर बैठे दिखे। छात्रों के पास बैनर भी थे। इन पर “सेव द चिल्ड्रन, सीजफायर नाओ” लिखा हुआ था। पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प की सरकार पर निशाना साधा
बाइडेन ने अपनी स्पीच में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार का भी जिक्र किया। उन्होंने अवैध प्रवासियों को लेकर ट्रम्प के नजरिए का जिक्र भी किया। मोरहाउस कॉलेज बॉयज कॉलेज और यहां ज्यादातर अश्वेत छात्र पढ़ते हैं। ऐसे में बाइडेन ने मई 2020 में हुई जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बारे में भी बात की। उन्होंने इस घटना को ट्रम्प सरकार और लोकतंत्र से जोड़ने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “अगर एक अश्वेत शख्स को सड़क पर मार दिया जाता है, तो कहां है लोकतंत्र? जो लोकतंत्र अश्वेतों को साथ लेकर आगे न बढ़ सके वो कैसा लोकतंत्र? बराबरी करने के लिए अश्वतों को 10 गुना ज्यादा काम करना पड़े तो वो कैसा लोकतंत्र है।” जंग में 35 हजार फिलिस्तीनियों की मौत
7 महीने से जारी इजराइल-हमास जंग में अब तक 35 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है। इनमें 15 हजार से ज्यादा बच्चे हैं। 7 अक्टूबर को हमास के एक हजार से ज्यादा लड़ाके इजराइल में घुस गए थे। हमास ने दावा किया था कि उसने इजराइली शहरों पर 5 हजार रॉकेट दागे हैं। तब 1200 इजराइलियों की मौत हुई थी। ‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे। वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
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