बाढ़ की मार झेल रहे बांग्लादेश को सिंगापुर ने 83 लाख रुपए देने का वादा किया है। ये मदद सिंगापुर रेड क्रॉस सोसाइटी की मदद से दी जाएगी। इससे पहले सिंगापुर रेड क्रॉस ने 3 सिंतबर को बांग्लादेश की मदद के लिए 42 लाख रुपए इक्ट्ठा करने का लक्ष्य रखा था। सिंगापुर रेड क्रॉस इस रकम को बांग्लादेश की रेड क्रॉस सोसाइटी को सौंपेगी। इसकी जरिए से बांग्लादेश में इमरजेंसी सेवाओं को चलाने में मदद मिलेगी। सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस योगदान से मानवीय राहत प्रयासों और बाढ़ प्रभावित लोगों की आवश्यकताओं में मदद होगी। बाढ़ की वजह से बांग्लादेश में 58 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। कम से कम 5 लाख लोगों को 3 हजार से ज्यादा निकासी केंद्रों में शरण दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाढ़ की वजह से अब तक 71 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा बाढ़ का पानी कम होने के साथ-साथ बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। UNICEF ने भी बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए लगभग 300 करोड़ रुपए की सहायता की मांग की है। तस्वीरों में बांग्लादेश में आई बाढ़ देखिए… बांग्लादेश के 12 जिलों में बाढ़, भारत पर आरोप
बांग्लादेश में भीषण बाढ़ 12 जिल प्रभावित हुए हैं। दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश में बाढ़ की वजह से सैकड़ों घर पानी में डूब गए थे। अंतरिम सरकार के कुछ नेता समेत खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के नेताओं ने भी इस बाढ़ के लिए भारत को दोषी बताया था। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सलाहकार नाहिद इस्लाम ने कहा था कि भारत ने बिना चेतावनी पानी छोड़ दिया। यह अमानवीय है। BNP पार्टी के संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने आरोप लगाया था कि भारत ने जानबूझकर त्रिपुरा में गोमती नदी पर बने डंबूर बांध का दरवाजा खोला,जिसकी वजह से इतनी भीषण बाढ़ आई। उन्होंने कहा था कि भारत को बांग्लादेश के लोगों की परवाह नहीं है। भारत बोला- बाढ़ के लिए हम जिम्मेदार नहीं
भारतीय विदेश मंत्रालय ने 23 अगस्त को बयान जारी कर कहा था कि बांग्लादेश में आई बाढ़ के लिए भारत जिम्मेदार नहीं है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “बांग्लादेश में यह अफवाह है कि बाढ़ की वजह त्रिपुरा में डंबूर बांध का दरवाजा खोलना है। यह सच नहीं है।” मंत्रालय ने साफ किया था कि भारत और बांग्लादेश से होकर बहने वाली गोमती नदी के आस-पास के इलाके में इस साल की सबसे ज्यादा बारिश हुई है। इस वजह से दोनों तरफ समस्या हुई है। दोनों देशों के बीच मौजूद नदियों में आने वाली बाढ़ एक साझा समस्या है, जिससे दोनों देशों के लोगों को जूझना पड़ता है। इससे निपटने के लिए दोनों देशों के सहयोग की जरूरत है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि डंबूर बांध बांग्लादेश की सीमा से 120 किलोमीटर से अधिक दूर है। यह कम ऊंचाई (करीब 30 मीटर) का बांध है, जो बिजली पैदा करता है और वह बिजली ग्रिड में जाती है। इससे बांग्लादेश को भी त्रिपुरा से 40 मेगावाट बिजली मिलती है।