ब्रिटेन में 4 जुलाई को आम चुनाव होंगे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बुधवार की रात को ऐलान किया। सुनक ने कहा कि बीते 5 साल देश के लिए दूसरे विश्व युद्ध के बाद से सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण रहे हैं। आने वाले दिनों में मैं आपके हर वोट के लिए संघर्ष करुंगा। हमारे पास एक क्लीयर प्लान है। अगले हफ्ते संसद भंग कर दी जाएगी। उसके बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 44 साल के सुनक पहली बार नेता के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले 2022 में पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री कैंडिडेट चुने गए थे। पार्टी के कुछ सांसद सुनक के खिलाफ
ब्रिटेन की सत्तारूढ़ कंज़र्वेटिव पार्टी के एक स्रोत ने BBC को बताया है कि पार्टी के कुछ सांसद ऋषि सुनक के खिलाफ अविश्वास मत की मांग कर रहे हैं। एक सांसद ने पार्टी के मौजूदा माहौल को ‘पेनिक’ की स्थिति वाला बताया है। दो साल पहले बने थे प्रधानमंत्री
ऋषि सुनक 25 अक्टूबर 2022 को ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने थे। वह पहले ब्रिटिश-भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उनसे पहले लिज ट्रस प्रधानमंत्री थी, जिनका कार्यकाल सिर्फ 49 दिन का था। लिज की सरकार में सुनक वित्त मंत्री थे। ब्रिटेन में 14 सालों से सत्ता में हैं कंजर्वेटिव पार्टी
ब्रिटेन में पिछले 14 सालों से कंजर्वेटिव पार्टी सत्ता में है। ब्रिटिश मीडिया फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, ब्रिटेन में हो रहे अलग-अलग सर्वे में लेबर पार्टी बढ़त बना रही है। मार्च में आए इप्सोस पोल में सुनक को 38 रेटिंग दी गई, जो सबसे खराब रेटिंग थी। ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स (लोअर हाउस) में कुल 650 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 326 सीटों की जरूरत होती है। अप्रैल में YouGov के पोल में बताया गया था कि कंजर्वेटिव पार्टी को आने वाले चुनाव में सिर्फ 155 सीटें मिलेगी, जबकि 2019 में पूर्व PM बॉरिस जॉनसन ने 365 सीटें जीती थी। वहीं, इस पोल में विपक्षी लेबर पार्टी को 403 सीटें मिलने का दावा किया गया। 2019 के बाद 10 उपचुनाव हार चुकी है कंजर्वेटिव पार्टी
ब्रिटेन में 2019 के आम चुनावों में तत्कालीन PM बॉरिस जॉनसन ने पार्टी को बहुमत दिलाया था, लेकिन उसके बाद एक ही कार्यकाल में 10 से ज्यादा उपचुनाव पार्टी हार चुकी है। करीब 3 महीने पहले ब्रिटेन में दो सीटों वेलिंगबर्ग और किंग्सवुड में हार से कंजर्वेटिव सांसद चिंता में पड़ गए हैं। वेलिंगबर्ग में कंजर्वेटिव सांसद पीटर बोन को हटाने के बाद चुनाव हुए थे। यहां लेबर पार्टी के सांसद जेन किचेन को 45.8% वोट मिले, जो पिछली बार से 28.5% ज्यादा थे। यह सीट 2005 से कंजर्वेटिव पार्टी के पास थी। यही स्थिति किंग्सवुड की थी, जहां लेबर पार्टी को 44.9% वोट मिले, जो पिछली बार से 16.4% ज्यादा है। ये सीट 2010 से कंजर्वेटिव पार्टी के पास थी। कौन है ऋषि सुनक?
ऋषि सुनक के पैरेंट्स पंजाब के रहने वाले थे, जो विदेश में जाकर बस गए। सुनक का जन्म ब्रिटेन के हैम्पशायर में हुआ था। ऋषि ने अमेरिका की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। राजनीति में आने से पहले ऋषि ने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश और हेज फंड में काम किया। इसके बाद उन्होंने इन्वेस्टमेंट फर्म की भी स्थापना की। उनकी मां एक फार्मासिस्ट और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) में काम करती हैं। सुनक के पिता ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं। नारायण मूर्ति के दामाद हैं राजनीतिक सफर पर एक नजर
ऋषि 2015 में पहली बार सांसद चुने गए। 2018 में स्थानीय सरकार में बतौर मंत्री शामिल हुए। 2019 में उन्हें ट्रेजरी का चीफ सेक्रेटरी बनाया गया। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के चुनाव प्रचार कैम्पेन में ऋषि का अहम रोल रहा है। मीडिया इंटरव्यू के लिए सरकार अक्सर उन्हें ही आगे रखती है। इसके अलावा PM बोरिस जॉनसन के चुनाव प्रचार में भी उन्होंने अहम रोल दिखाया। कई मौकों पर टीवी डिबेट में बोरिस की जगह पर ऋषि ने हिस्सा लिया।