यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन में शांति के लिए होने वाले दूसरे शांति सम्मलेन को भारत में होना चाहिए। जेलेंस्की ने इसके लिए उन्होंने PM मोदी से बात भी की है। दरअसल यूक्रेन की कोशिश है कि दूसरा शांति सम्मेलन ग्लोबल साउथ देशों में होना चाहिए। भारतीय पत्रकारों से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा कि दूसरे शांति सम्मेलन के आयोजन के लिए भारत के अलावा सऊदी अरब, कतर, तुर्की और स्विट्जरलैंड के साथ भी बातचीत चल रही है। जेलेंस्की ने बताया कि शांति सम्मेलन उसी देश में होगा, जिसकी इसमें दिलचस्पी होगी। इससे पहले स्विट्जरलैंड में पहला यूक्रेन शांति सम्मेलन जून में आयोजित किया गया था, जिसमें रूस ने हिस्सा नहीं था। अब यूक्रेन शांति के लिए अपनी शर्तों को आगे बढ़ाने और रूस के प्रतिनिधियों को इसमें शामिल करने के लिए एक बार फिर से पीस समिट कराने पर जोर दे रहा है। यूक्रेन पीस समिट में भारत ने नहीं किए थे दस्तख्त
यूक्रेन युद्ध को रोकने का रास्ता तलाशने के लिए स्विटजरलैंड में दो दिवसीय (15-16जून) शांति सम्मेलन का आयोजन हुआ था। इसमें यूक्रेन ने 160 से ज्यादा देशों को आमंत्रण भेजा था मगर इसमें लगभग 90 देशों ने हिस्सा लिया था। रूस, चीन, ब्राजील समेत कुछ देशों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया था। समिट के आखिरी दिन एक साझा बयान जारी किया गया जिस पर 80 से अधिक देशों ने दस्तखत किए। वही भारत, सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका, इंडोनेशिया, थाइलैंड, मेक्सिको और UAE समेत 7 देशों ने ऐसा नहीं किया। दिलचस्प बात है कि इस कई बार रूस का पक्ष लेने वाले तुर्किये ने भी इस पर हस्ताक्षर किए थे। मोदी ने जेलेंस्की को भारत आने का न्योता दिया
रूस और यूक्रेन में ढाई साल से जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन पहुंचे। यहां राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक में मोदी ने कहा, “भारत हमेशा से शांति के पक्ष में रहा है। मैं कुछ दिन पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिला था। तब मैंने मीडिया के सामने उनकी आंख से आंख मिलाकर कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है।” मोदी और जेलेंस्की के बीच यूक्रेन के मैरिंस्की पैलेस में करीब 3 घंटे बैठक हुई। उन्होंने जेलेंस्की को भारत आने का न्योता दिया। इससे पहले मोदी जेलेंस्की के साथ यूक्रेन नेशनल म्यूजियम पहुंचे, जहां उन्होंने जंग में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बच्चों के मेमोरियल पर डॉल भी रखी। ‘भारत के लिए क्षेत्रीय अखंडता सबसे जरूरी’
यूक्रेन दौरे पर PM मोदी ने कहा, “भारत के लिए संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान सबसे जरूरी है। PM मोदी ने कहा कि शांति के हर प्रयास में भारत सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अगर व्यक्तिगत तौर मैं कोई योगदान कर सकता हूं, तो एक मित्र की तरह मैं यह जरूर करना चाहूंगा। ये खबर भी पढ़ें… मोदी के यूक्रेन दौरे से भारत को क्या हासिल हुआ:अमेरिका को साधा, दुनिया को शांति का संदेश दिया; यूक्रेन दौरे के दावे और हकीकत “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता (मोदी) का दुनिया के सबसे खूनी अपराधी (पुतिन) को गले लगाना दिल तोड़ने वाला है।” 9 जुलाई को जब मोदी रूस के दौरे पर पहुंचे तो ये बात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कही थी। इसके ठीक 44 दिन बाद मोदी यूक्रेन दौरे पर गए। उन्होंने जेलेंस्की को गले लगाया, कंधे पर हाथ रखा। मोदी ने जेलेंस्की को बताया कि उन्होंने पुतिन की आंखों में आंखे डाल ये बात कही है कि ये समय जंग का नहीं है। पूरी खबर यहां पढ़ें…