रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोमवार रात दो दिन के दौरे पर मंगोलिया पहुंचे। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने मंगोलिया सरकार को पुतिन की गिरफ्तारी का आदेश दिया था मगर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। न्यूज एजेंसी TAAS के मुताबिक ICC के आदेश को दरकिनार कर राजधानी उलनबटार में पुतिन का पारंपरिक तरीके स्वागत किया गया। इस दौरान चंगेज खान के स्मारक को मंगोलिया और रूस के झंडे से रंग दिया गया। हालांकि, कुछ मानवाधिकार समर्थकों एयरपोर्ट के बाहर विरोध प्रदर्शन भी कर रहे थे, लेकिन सरकार ने उनके स्वागत में कोई कमी नहीं बरती। विदेश मंत्री बतमुंख बत्त्सेत्सेग खुद उनका स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंची थीं। ICC ने पुतिन की गिरफ्तारी का दिया था आदेश
मंगोलिया ICC का मेंबर देश है। ICC ने मार्च 2023 में पुतिन के खिलाफ अरेस्‍ट वारंट जारी किया था। पुतिन को यूक्रेन में बच्चों के अपहरण और डिपोर्टेशन के आरोपों को लेकर वॉर क्राइम्स के लिए जिम्मेदार बताया गया था। ICC ने मंगोलिया सरकार को पुतिन को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। पुतिन वारंट जारी होने के बाद से अब तक 12 देशों की यात्राएं कर चुके हैं। इनमें चीन, नॉर्थ कोरिया, सउदी अरब और UAE जैसे देश शामिल हैं। पुतिन अब तक किसी भी ऐसे देश की यात्रा से बचते थे जो ICC का मेंबर है। हालांकि, राष्ट्रपति पुतिन के स्वागत को देखते हुए साफ लगता है कि मंगोलिया ने ICC के आदेश को दरकिनार कर दिया है। रूस पर बहुत ज्यादा निर्भर है मंगोलिया
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक पुतिन के दौरे से पहले ICC ने कहा था कि मंगोलिया, पुतिन को गिरफ्तार कने के लिए बाध्य है, लेकिन वह रूस पर बहुत ज्यादा निर्भर है। इसलिए उनकी गिरफ्तारी की संभावना बहुत कम है। रिपोर्ट में इसे पुतिन की प्रतीकात्मक जीत बताया गया है। रूस मामले के जानकार अलेक्जेंडर गबुएव ने कहा कि पुतिन की यात्रा का मतलब है कि मंगोलिया को ICC से ज्यादा रूस की जरूरत है। 22 साल पहले मंगोलिया ने ICC कानूनों पर दस्तखत किए थे, जिसके अब कोई मायने नहीं हैं। ICC के पास किसी को गिरफ्तार करने की शक्ति नहीं है और अपने आदेश का पालन करने के लिए वह अपने सदस्य देशों पर निर्भर रहता है। भारत, चीन, तुर्की, पाकिस्तान, रूस समेत कई बड़े देश ICC के मेंबर नहीं हैं, इसलिए वे उनके आदेशों को नहीं मानते हैं। यूक्रेन बोला- मंगोलिया को इसकी सजा मिलेगी
यूक्रेन ने पुतिन की मंगोलिया यात्रा की आलोचना की है। यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि मंगोलिया ने एक वार क्रिमिनल को बचने का मौका दिया है। मंगोलिया को इसकी कीमत चुकानी होगी। यूक्रेन सहयोगी देशों के साथ मिलकर मंगोलिया को इसकी सजा जरूर देगा। पुतिन मंगलवार को राष्ट्रपति उखना खुरेलसुख से मुलाकात करेंगे। दोनों नेता 1939 में सोवियत और मंगोल सैनिकों की जापानी सेना पर जीत के 85 साल पूरे होने पर एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। रूस से तेल और बिजली खरीदता है मंगोलिया
मंगोलिया रूस और चीन के बीच स्थित है। दोनों देशों के साथ मंगोलिया के अच्छे संबंध हैं। मंगोलिया तेल और बिजली के लिए रूस पर और बाकी कई चीजों के लिए चीन पर बहुत अधिक निर्भर है। सोवियत संघ के दौर में मंगोलिया के रिश्ते सिर्फ रूस से थे। 1991 में जब सोवियत संघ टूटा तो मंगोलिया ने चीन के साथ भी रिश्ते कायम किए। मंगोलिया, रूस-यूक्रेन जंग में किसी पक्ष के साथ नहीं है। वह दोनों ही पक्षों के साथ संतुलन बनाने में यकीन रखता है। पुतिन के दौरे से पहले फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन और ब्रिटेन के तत्कालीन विदेश मंत्री कैमरन मंगोलिया पहुंच चुके हैं। ये खबर भी पढ़ें… पुतिन जाएंगे मंगोलिया, सवाल- क्या उनकी गिरफ्तारी होगी: इंटरनेशनल कोर्ट ने कार्रवाई का आदेश दिया, रूस ने कहा- हमें फिक्र नहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 3 सितंबर को मंगोलिया दौरे पर जाने वाले हैं। इस बीच इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने कहा है कि अगर पुतिन मंगोलिया जाते हैं तो वहां के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे उन्हें गिरफ्तार करें। पूरी खबर पढ़ें…