अमेरिका में एक महिला की किडनी फेल होने के बाद सूअर की किडनी लगाई गई थी। लेकिन करीब 47 दिन बाद ही डॉक्टरों ने महिला के शरीर में ट्रांसप्लांट हुई किडनी को निकाल लिया है। महिला का नाम लीजा पिसानो (54) है। फिलहाल महिला को डायलिसिस पर रखा गया है। NYU लैंगोन ट्रांसप्लांट इंस्टीच्यूट के डॉक्टरों ने न्यूज वेबसाइट न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि दिल में खून की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पा रही थी। इससे किडनी डैमेज हो गई थी। इस वजह से इसे निकालने का फैसला किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक लीजा की हालत अभी सामान्य है। लीजा के शरीर में 12 अप्रैल को सूअर की किडनी लगाई गई थी। इससे पहले 4 अप्रैल को उसे मकैनिकल हार्ट पंप भी लगाया गया था, जिससे उसका दिल धड़कता रहे। यह किसी मनुष्य में मकैनिकल हार्ट पंप के साथ ऑर्गन ट्रांसप्लांट का ये पहला ऐसा मामला था। डॉक्टरों ने कहा कि मकैनिकल हार्ट पंप डिवाइस (LVAD) ठीक से खून की सप्लाई नहीं कर पा रहा था। उन्होंने कहा कि ट्रांसप्लांट के बाद किडनी शरीर में ठीक से काम कर रहा था और उसने रिजेक्शन के कोई संकेत नहीं दिए थे। हालांकि, किडनी निकाले जाने के बाद लीजा का मकैनिकल हार्ट पंप ठीक से काम कर रहा है। पहली बार रिचर्ड स्लेमैन को लगाई गई थी सूअर की किडनी
लीजा से पहले मार्च में अमेरिका के ही मैसाचुसेट्स में 62 साल के रिचर्ड रिक स्लेमैन को सूअर की किडनी लगाई गई थी। लेकिन रिचर्ड की 2 महीने बाद ही मौत हो गई थी। तब किडनी ट्रांसप्लांट के बाद डॉक्टरों ने दावा किया था कि ये जेनेटिकली मॉडिफाइड सूअर की किडनी कम से कम 2 साल तक काम करेगी। हालांकि, तब डॉक्टरों ने ये दावा किया था कि रिक स्लेमैन की मौत किडनी फेल्योर की वजह से नहीं हुई। डॉक्टरों ने कहा कि मरीज कुछ अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहा था। रिचर्ड स्लेमैन से पहले सूअर की किडनी को सिर्फ ब्रेन-डेड व्यक्ति के शिरीर में ट्रांसप्लांट किया गया था। सूअर की किडनी को इंसान के शरीर के लायक कैसे बनाया गया
सूअर की जीन्स में ग्लाइकोन नाम का एक शुगर मॉलिक्यूल होता है, जो इंसानों में नहीं होता है। इस शुगर मॉलिक्यूल को हमारी बॉडी एक फॉरेन एलिमेंट की तरह ट्रीट करती है और इसे रिजेक्ट कर देती है। इस वजह से इससे पहले जब भी किडनी ट्रांसप्लांट करने की कोशिश की गई, वो फेल हो गई। वैज्ञानिकों ने इस समस्या से निपटने के लिए सूअर के जीन में पहले से ही बदलाव कर इस शुगर मॉलिक्यूल को निकाल दिया था। साथ ही जेनेटिक इंजीनियरिंग से सूअर के जीन्स में बदलाव कर किडनी का ट्रांसप्लांट किया गया। अमेरिका में 1 लाख से ज्यादा लोगों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट का इंतजार
अमेरिका में फिलहाल लगभग 1.10 लाख लोग ऑर्गन ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर मामले किडनी ट्रांसप्लांट के हैं। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में ऑर्गन ट्रांसप्लांट न होने के कारण हर दिन 17 मरीजों की मौत हो जाती है। साल 2023 में अमेरिका में 27,000 लोगों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया था। OPTN के आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ अमेरिका में 8 लाख से अधिक लोग किडनी से जुड़ी बीमारी से पीड़ित हैं। डॉक्टरों का मानना है कि यदि पशुओं के ऑर्गन का ट्रांसप्लांट सफल होता है तो इससे हर साल दुनिया भर में लाखों लोगों की जान बचाई जा सकेगी।