‘सरफिरा’ के बाद अक्षय कुमार की फिल्म ‘खेल खेल में’ आज थिएटर में रिलीज हुई है। अक्षय कुमार के अलावा इस फिल्म में वाणी कपूर, तापसी पन्नू,एमी विर्क,आदित्य सील, प्रज्ञा जायसवाल और फरदीन खान की अहम भूमिका है। इस फिल्म की लेंथ 2 घंटे 14 मिनट और 7 सेकेंड है। दैनिक भास्कर ने इस फिल्म को 5 में से 2 स्टार रेटिंग दी है। फिल्म की कहानी क्या है? फिल्म की कहानी तीन कपल और एक दोस्त के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में अक्षय कुमार-वाणी कपूर, तापसी पन्नू-एमी विर्क और आदित्य सील-प्रज्ञा जायसवाल कपल हैं। फरदीन खान तीनों कपल के कॉमन दोस्त हैं और अभी तक कुंवारे हैं। सभी दोस्त एक शादी में जयपुर मिलते हैं और एक गेम खेलते हैं। इस गेम में सभी को अपने फोन अनलॉक करके टेबल पर रखना है। इस गेम में अगर कोई फोन या मैसेज आता है तो उसे सबके सामने पढ़ना और उठाना होता है। एक-एक करके सबके पर्सनल कॉल और मैसेज आने शुरू होते हैं। लेकिन जब फोन उठाते हैं, तो उनकी पर्सनल लाइफ में क्या भूचाल आता है? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी। स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है? लंबे ब्रेक के बाद अक्षय की कॉमेडी जॉनर में वापसी हुई है। वो अपने ट्रेडमार्क ह्यूमर और कॉमिक टाइमिंग के साथ नजर आए हैं। वह ‘हेराफेरी’ और ‘हाउसफुल’ वाले मोड में लौटे हैं, लेकिन अपने किरदार के साथ कुछ नया प्रयोग नहीं कर पाए। अक्षय के साथ वाणी कपूर की कमेस्ट्री अच्छी दिखी है। तापसी पन्नू ने कॉमिक अंदाज में कुछ नया करने की कोशिश की है। एमी विर्क,आदित्य सील और प्रज्ञा जायसवाल ने अपने किरदार के साथ न्याय करने की कोशिश की है। फिर भी अपने किरदार के डीएनए को सही तरीके से समझ नहीं पाए। लंबे समय के बाद फरदीन खान की वापसी बड़े परदे पर हुई है। इस फिल्म को देखने के बाद लगता है कि अभी भी वो ‘नो एंट्री’ के किरदार से नहीं निकल पाए हैं। डायरेक्शन कैसा है? इस फिल्म को मुद्दसर अजीज ने डायरेक्ट की है। फिल्म की कहानी भी उन्होंने खुद ही लिखी है। इससे पहले इस सब्जेक्ट पर कई फिल्में बन चुकी हैं। सबसे पहले इसी सब्जेक्ट पर 2016 में इटालियन फिल्म ‘परफेक्ट स्ट्रेनजर्स’ बनी थी। इसी फिल्म का 2018 में फ्रेंच रीमेक ‘नथिंग टू हाइड’ बनाया गया था। साउथ में भी इस सब्जेक्ट पर फिल्में बन चुकी हैं। डायरेक्टर ने इस फिल्म को अपने अंदाज में पेश करने की कोशिश की है। लेकिन सब्जेक्ट के साथ जस्टिफाई नहीं कर पाए। अक्षय कुमार को ऐसे मॉर्डन पिता के किरदार में पेश किया गया है, जिसे इस बात से कोई हैरानी नहीं कि बेटी के बैग में कंडोम का पैकेट मिला है। इतना ही नहीं वो अपनी बेटी को सलाह भी देता है कि बॉयफ्रेंड के साथ किस तरह से नाइट स्पेंड करनी है। यह बात फिल्म में बहुत खटकती है। यह फिल्म खास वर्ग के दशकों के लिए बनाई गई है। आम दर्शक एक तरह की फिल्म को कनेक्ट नहीं कर पाते हैं। फर्स्ट हाफ में फिल्म जिस तरह से एंटरटेन करती हैं, उस हिसाब से सेकेंड हाफ कमजोर है। फिल्म का म्यूजिक कैसा है? इस फिल्म में कहने को चार गाने हैं। लेकिन इन चारों गानों पर फिल्म ‘शिकार’ का गीत ‘परदे में रहने दो’ भारी पड़ा है। जब कपल के फोन पर कोई मैसेज आने से पहले यह गीत बैकग्राउन्ड में बजता है। बैकग्राउन्ड म्यूजिक भी एवरेज है। फाइनल वर्डिक्ट, देखे या नहीं? इस फिल्म को बहुत ही हल्के-फुल्के एंटरटेनिंग अंदाज में पेश किया गया है। अगर आपको कॉमेडी फिल्में देखने का शौक हो तो एक बार देख सकते हैं।