दुनिया में छिड़े दो बड़े युद्धों से हथियार बाजार में गरमा-गरमी है। कोरोना काल के बाद भड़के यूक्रेन-रूस युद्ध और पिछले साल अक्टूबर में इजराइल-हमास युद्ध के बाद अब हथियारों का बाजार तैयार हो गया है। इस साल 250 लाख करोड़ रुपए के हथियारों की बिक्री होने की संभावना है। अब तक दुनिया में हथियारों का बाजार लगभग 183 लाख करोड़ रुपए का है। इस हिसाब से इस साल हथियारों की खरीद में 37 फीसदी तक की तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ये आंकड़ा देशों के बीच होने वाले आधिकारिक हथियार सौदों के आंकड़ों से जुड़ा है। लेकिन दुनिया भर में अवैध रूप से हथियारों की ब्रिकी का नेटवर्क और बाजार भी है। इसमें कई देशों की सरकारें भी परदे के पीछे शामिल हैं। तीस साल में पहली बार यूरोप में हथियारों की खरीद में 13% की वृद्धि हुई। फरवरी 2022 में छिड़ा यूक्रेन-रूस युद्ध दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप का पहला बड़ा युद्ध है। पिछले साल अक्टूबर में इजराइल-हमास युद्ध ने भी हथियारों की खरीद की रेस को बढ़ाया है। इजराइल के पास अपने बूते हथियारों का बड़ा जखीरा है, वहीं हमास के पक्ष में ईरान और खाड़ी के अन्य देशों ने अपने भंडारों को खोल दिया है। युद्ध का नैरेटिव सेट कर रिस्क को क्रिएट करते हैं
मल्टीपोलर वर्ल्ड ऑर्डर में गुटों की भूमिका खत्म हो रही है। हथियार बाजार में नए देशों की एंट्री हो रही है। इनमें स्वीडन, तुर्किये, दक्षिण कोरिया, चीन और ईरान शामिल हैं। भारत भी अब हथियार बेचने वाले देशों में शामिल हो गया है। हथियार बेचने में अव्वल देशों ने सबसे पहले हथियारों के क्षेत्र में रिसर्च पर बहुत काम किया। स्वीडन दुनिया का सबसे दिलचस्प देश है जो हथियार एक्सपोर्ट करता है और शांति का नोबेल पुरस्कार भी देता है। दुनिया में असल युद्ध के समय तो हथियारों की बिक्री होती ही है, युद्ध का नैरेटिव सेट कर युद्ध का आर्टिफिशियल रिस्क भी क्रिएट किया जाता है। हाल के समय में ताइवान इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। ताइवान की जियो लोकेशन के कारण अमेरिका यहां सक्रिय है, चीन से खतरा बताकर अमेरिका दो साल में ताइवान को 17 लाख करोड़ रुपए के हथियार बेच चुका है। 30 साल में पहली बार यूरोप में खरीद 13% बढ़ी
जेनेवा अकेडमी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में अभी लगभग 25 बड़े युद्ध या संघर्ष चल रहे हैं। कुछ महाद्वीपों में चल रहे युद्ध को जेनेवा एकेडमी द्वारा हथियारबंद संघर्ष का नाम दिया गया है। ड्रोन की डिमांड… 5 साल में 25 लाख करोड़ का होगा ये सेक्टर
फाइटर ड्रोन की सबसे ज्यादा डिमांड है। लगभग 5 लाख करोड़ का वर्तमान में ड्रोन का मार्केट अगले 5 साल में 25 लाख करोड़ रुपए का होगा। एके-47 सबसे पॉपुलर हथियार, अफ्रीका में सबसे ज्यादा 18%
एसॉल्ट क्लाशिनिकोव यानी एके 47 राइफल दुनिया में पॉपुलर हथियारों की लिस्ट में टॉप पर है। 50 करोड़ एके 47 में से 18 फीसदी अफ्रीका में हैं।