पंकज कपूर, राजेश कुमार और अंजिनी धवन स्टारर फिल्म बिन्नी एंड फैमिली 20 सितंबर को रिलीज होगी। अंजिनी मशहूर फिल्म मेकर डेविड धवन की पोती और एक्टर वरुण धवन की भतीजी हैं। इस फिल्म के जरिए वो डेब्यू कर रही हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में अपनी पहली फिल्म चुनने और उसे शूट करने के प्रोसेस के बारे में बात की। दिग्गज एक्टर पंकज कपूर ने फिल्म की कहानी और बेटे शाहिद कपूर की जर्नी पर बात की। सवाल- फिल्म की सबसे खूबसूरत बात क्या है। इसमें काम करने के लिए रजामंदी क्यों दी?
पंकज कपूर- फिल्म की कहानी सुनी तो लगा कि हर हिंदुस्तानी के घर में ऐसी ही स्थिति होती है। समय के साथ भले ही परिवार वालों में दूरियां आ जाएं। भले ही उनकी थिंकिंग बदल जाए। भले ही जेनरेशन गैप ही क्यों न हो, लेकिन कनेक्शन कभी नहीं छूटता। इस फिल्म में भी यही दिखाने की कोशिश की गई है।
राजेश कुमार- इस फिल्म से NRI काफी ज्यादा रिलेट करेंगे। फिल्म लंदन के बैकग्राउंड पर बेस्ड है। लंदन में घर छोटे होते हैं। जब छोटे घर में अचानक ज्यादा लोग आ जाते हैं, तो मैनेज करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। तब अभाव में स्वभाव का पता चलता है। हम कहीं न कहीं खुद को फिल्म के किसी किरदार में ढूंढ लेंगे। ​​
अंजिनी धवन- इस फिल्म को देखने के बाद आपको अपने पेरेंट्स और ग्रैंड पेरेंट्स को तुरंत फोन करने का मन कर देगा। फिल्म देखने के बाद आपको खुशी भी होगी और रोना भी आएगा। यही इस फिल्म की सबसे बड़ी खूबसूरती है। सवाल- फिल्म में आपके किरदार बिन्नी और रियल लाइफ में क्या समानताएं हैं, अंजिनी आप बताइए?
जवाब- काफी ज्यादा समानताएं हैं। मेरे नाना जी फटे हुए जींस पहनने के लिए गुस्सा करते थे। कहते थे कि फटे हुए जींस कौन खरीदता है। ठीक ऐसे ही बिन्नी भी फिल्म में फटे हुए जींस पहनती है। उसकी दादी उसे सिलने बैठ जाती हैं। सवाल- अंजिनी, पंकज कपूर जैसे दिग्गज और राजेश कुमार जैसे मंझे कलाकार के साथ काम करना कैसा रहा। सेट का माहौल बताइए?
जवाब- झूठ नहीं बोलूंगी, पहले थोड़ी स्ट्रेस में थी। हालांकि जब सेट पर पहुंची तो वहां माहौल काफी चिल था। हंसी-मजाक बहुत होता था। अंजिनी के जवाब के बीच में राजेश कुमार ने कहा, ‘शूट का दूसरा दिन ही होगा। पंकज सर किनारे जाकर बैठे थे। मैंने सोचा कि उनके पास जाकर थोड़ी बात की जाए। उन्होंने मुझे बुलाया और कहा कि आज से 10 साल पहले अगर तुम मेरे साथ काम करते तो मैं इतनी भी बात नहीं करता। अब मैं पहले से थोड़ा खुल गया हूं। (हंसते हुए) सवाल- पंकज जी, क्या आप सच में खुद को बहुत रिजर्व रखते थे?
जवाब- नहीं ऐसा नहीं है। बस मैं शूटिंग के वक्त बहुत ज्यादा बातचीत नहीं करता था। मैं दूसरों को बहुत ज्यादा बातचीत करके डिस्टर्ब भी नहीं करना चाहता था। मैं अपना शॉट करके कोने में बैठ जाता था और दूसरे शॉट की तैयारी में लग जाता था। मैंने जबान संभाल के नाम का एक शो किया था। उसके तकरीबन 104 एपिसोड्स आए थे। उसमें एक विदेशी एक्टर काम करते थे। जब हमें काम करते एक साल हो गए तो सबको बिठाकर अपने-अपने अनुभव शेयर करने को कहा गया। उन विदेशी एक्टर ने तब कहा कि हमें एक साल लग गए पंकज जी की कुर्सी को वहां से यहां लाने में, शूटिंग का हमारा सबसे बड़ा तजुर्बा यही है। सवाल- अंजिनी, क्या चाचा वरुण धवन और ग्रैंड फादर डेविड धवन की तरफ से कुछ सुझाव आया?
जवाब- शूट से पहले सबकी एक ही सलाह थी कि अपने काम के प्रति ईमानदार रहना। जो करना है दिल से करो। अगर ईमानदार होगी तो तुम्हारे साथ कभी गलत नहीं होगा। सवाल- पिता और अब बच्चों के साथ आपके रिश्ते कैसे हैं? पंकज जी आप बताइए?
जवाब- मेरे पिता मेरे बेस्ट फ्रेंड थे। आज तक उनसे अच्छा मेरा कोई दोस्त हुआ ही नहीं। मैं उनसे जिंदगी के हर मुद्दे पर बात कर सकता था। पिता की वजह से ही मैं एक्टर बन पाया। जब मैंने उन्हें बताया कि एक्टर बनना चाहता हूं तो उन्हें बहुत खुशी हुई। उन्होंने कहा कि मुझे अपने बेटे पर गर्व है, क्योंकि उसे 18 साल की उम्र में पता है कि करना क्या है। मैंने अपने बच्चों के साथ भी वैसे ही रिलेशन रखे हैं। मेरे बच्चे भी मुझसे किसी भी सब्जेक्ट पर बात कर सकते हैं। अगर मुझे कोई चीज समझ में नहीं आती है तो बेहिचक अपने बच्चों से उसके बारे में पूछ भी लेता हूं। इसमें कोई शर्मिंदगी नहीं है। सवाल- पंकज जी, शाहिद कपूर की जर्नी को आप एक पिता के तौर पर कैसे देखते हैं?
जवाब- शाहिद ने जो भी किया है, अपनी मेहनत से किया है। उसने कभी किसी की हेल्प नहीं ली। उसने शुरुआत से ठान लिया था कि मुझे पिता के नहीं बल्कि अपने दम पर एक मुकाम हासिल करना है। शुरुआती कुछ प्रोजेक्ट्स छोड़ दिए जाएं तो फिल्मों का चयन भी उसने काफी अच्छा किया है। आज मुझे अपने बेटे पर गर्व है कि उसने इतनी कम उम्र में इतना कुछ अचीव कर लिया है।