बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल में नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध करने को लेकर केस दर्ज हुआ है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में इसकी जांच कराएगी। अंतरिम सरकारी कानूनी सलाहकार प्रो. आसिफ नजरुल ने कहा कि शेख हसीना पर कमान देने की जिम्मेदारी थी, इसलिए छात्र आरक्षण विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई मौतों में उनकी भूमिका की जांच की जाएगी। ट्रिब्यूनल के डिप्टी डायरेक्टर अताउर रहमान ने कहा कि शिकायत दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच शुरू हो गई है। जांच पूरी होने पर हम अगली प्रक्रिया के लिए ट्रिब्यूनल के चीफ प्रोसिक्यूटर ऑफिस को रिपोर्ट सौंपेंगे। सुप्रीम कोर्ट के वकील ने केस किया, गोलीबारी में बेटे की मौत हुई थी
बांग्ला अखबार डेली स्टार के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस की गोलीबारी में मारे गए स्टूडेंट के पिता ने केस दर्ज कराया है। 9वीं कक्षा के स्टूडेंट आरिफ अहमद की 5 अगस्त को प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली लगी थी। 2 दिन बाद उसकी मौत हो गई। हसीना सरकार में गृहमंत्री रहे असदुज्जमान खान और अवामी लीग के महासचिव ओबेदुल कादर सहित दर्जनों मंत्रियों और अफसरों पर भी इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल में आरोप लगाए गए हैं। इन सभी पर मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप हैं। हसीना पर 2 दिन में 3 केस दर्ज, हत्या और अपहरण का भी मुकदमा
शेख हसीना पर 2 दिन में 3 केस दायर किए गए हैं। इससे पहले मंगलवार को हसीना पर हत्या का केस दर्ज हुआ था। आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान 19 जुलाई को पुलिस फायरिंग में एक दुकानदार अबु सैयद की मौत हो गई थी। इसमें हसीना के साथ 6 और लोगों को आरोपी बनाया गया। हसीना पर बुधवार को अपहरण का केस दर्ज हुआ। सुप्रीम कोर्ट के वकील सोहैल राणा ने कहा कि हसीना के इशारे पर 2015 में रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) के जवानों ने उसका अपहरण कर लिया था। इस मामले में हसीना के साथ 5 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया। पहली बार शेख हसीना ने बयान दिया, न्याय की मांग की
बांग्लादेश के PM पद से इस्तीफा देने और फिर देश छोड़कर भारत आईं शेख हसीना ने मामले को लकेर पहली बार मंगलवार को प्रतिक्रिया दी। उनके बेटे साजीब वाजिद ने अपनी मां के हवाले से सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। हसीना ने देश में दंगा करने वालों को सजा दिए जाने की मांग की और कहा है कि उनके पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा से तोड़फोड़ करने के मामले में भी न्याय हो। शेख हसीना ने बांग्लादेशी नागरिकों से 15 अगस्त अपने पिता शेख मुजीबुर्रहमान की बरसी पर शोक मानने का आग्रह किया। 15 अगस्त 1975 को मुजीबुर्रहमान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दूसरी तरफ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 15 अगस्त की छुट्टी कैंसिल कर दी है। प्रदर्शन में मारे गए लोगों को हसीना ने श्रद्धांजलि दी
हसीना ने बयान में कहा कि “जुलाई से अब तक, आंदोलन के नाम पर बर्बरता, आगजनी और हिंसा में कई जाने गई हैं। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती हूं और उनके प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जो मेरी तरह अपने प्रियजनों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं।” प्रदर्शनों में कई छात्रों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, पत्रकारों, अवामी लीग के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी। हसीना ने कहा कि “मैं मांग करती हूं कि इन हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों को सख्त सजा दी जाए।” भारत-बांग्लादेश के बीच पहली बैठक
इस बीच बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने बुधवार को विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन से मुलाकात की। बैठक के बाद वर्मा ने कहा, “हम बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं।” शेख हसीना सरकार के पतन के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच यह पहली बैठक हुई।