श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद वोटों की गिनती जारी है। पोस्टल वोटिंग के नतीजों में नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके राष्ट्रपति बनने की रेस में आगे हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा रुझानों में पीछे चल रहे हैं। श्रीलंका में 21 सितंबर को सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक 22 चुनावी जिलों में 13,400 से ज्यादा मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई थी। 22 में से सात चुनावी जिलों के पोस्टल वोटों की गिनती हो चुकी है। इसमें दिसानायके को 56% वोट मिले हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी 19% वोट हासिल करके उनसे पीछे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि दिसानायके के 50% से ज्यादा वोटों के अंतर राष्ट्रपति पद जीतने की संभावना है। अनुरा दिसानायके चीन समर्थक माने जाते हैं। अनुरा ने वादा किया है कि राष्ट्रपति बनने के बाद वे अडानी के प्रोजेक्‍ट को रद्द कर देंगे। सर्वे में भी दिसानायके के जीतने की संभावना जताई गई चुनाव से पहले हालिया सर्वे में भी अनुरा कुमारा दिसानायके के जीतने की संभावना जताई गई है। अनुरा के अलावा रेस में 3 और बड़े उम्मीदवार हैं। सर्वे में विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा दूसरे नंबर पर हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। राष्ट्रपति बनने की रेस में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे भी हैं। सर्वे में उनके जीतने की संभावना कम बताई गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीलंका में 2 साल पहले का आर्थिक संकट लोगों के जेहन में अभी भी है। यही वजह है कि पिछले दो दशक से देश का सबसे बड़ा परिवार राजपक्षे रेस से बाहर होता दिख रहा है। भारत विरोध के लिए जाने जाते थे अनुरा, अब दोस्ती बढ़ाई
अनुरा कुमारा दिसानायके वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) के नेता हैं। वे NPP गठबंधन से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक JVP पार्टी भारत विरोध के लिए जानी जाती है। 1980 के दशक में भारत ने श्रीलंका में लिट्टे से निपटने के लिए पीस कीपिंग फोर्स को भेजने का फैसला लिया था। तब JVP ने इसका विरोध किया था। हाल के कुछ सालों में JVP ने अपना भारत विरोधी रुख बदला है। हालांकि, अनुरा ने चुनाव से पहले भारतीय कंपनी अडानी के खिलाफ बयान देकर एक नया विवाद शुरू कर दिया है। JVP नेता ने हाल में ही वादा किया है कि वे 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जीत जाते हैं तो श्रीलंका में अडानी ग्रुप की पवन ऊर्जा परियोजना को रद्द कर देंगे। अनुरा का कहना है कि अडानी प्रोजक्ट श्रीलंका की ऊर्जा संप्रभुता के लिए खतरा है। अडानी ग्रुप ने इसी साल श्रीलंकाई सरकार से विंड पॉवर स्टेशन डेवलप करने को लेकर डील की है। इसके लिए कंपनी 442 मिलियन डॉलर (करीब 367 करोड़) निवेश करने वाली है। भ्रष्टाचार के खिलाफ बयान देकर युवाओं में लोकप्रिय हुए अनुरा
पिछले 4 साल में अनुरा दिसानायके और NPP की लोकप्रियता में काफी उछाल आया है। आर्थिक सुधार और सामाजिक समानता के लिए श्रीलंका के लोगों को NPP से बहुत सारी उम्मीदें हैं, क्योंकि यह पहले कभी भी सत्ता में नहीं रही है इसलिए लोगों को उस पर ज्यादा भरोसा है। अनुरा कुमार दिसानायके युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हैं। NPP की बढ़ती लोकप्रियता का एक और मुख्य कारण भ्रष्टाचार से लड़ने का वादा भी है। अनुरा अपने हर कैंपन में श्रीलंका को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने का वादा कर रहे हैं। युवाओं को लग रहा है कि देश की आर्थिक स्थिति खराब होने की मुख्य वजह भ्रष्टाचार है। पार्टी ने मजबूत अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी काम किया है। चीन और भारत श्रीलंका के दो प्रमुख आर्थिक साझेदार हैं। पार्टी ने दिसंबर 2023 में चीन का दौरा किया और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। इसी तरह, NPP के एक प्रतिनिधिमंडल ने फरवरी 2024 में भारत का दौरा किया और विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की थी। निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं रानिल विक्रमसिंघे
रानिल विक्रमसिंघे ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने श्रीलंका की दक्षिणपंथी पार्टी यूनाइटेड नेशनलिस्ट पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। विक्रमसिंघे अपने दो साल के कार्यकाल में हासिल की गई राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता का जिक्र करते नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि मौजूदा सरकार ने मुद्रास्फीति को कम करने जैसे कुछ बड़े आर्थिक सफलता हासिल किए हैं। ये खबर भी पढ़ें… श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 39 उम्मीदवार:राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे का नामांकन स्वीकार, चुनाव में कोई भी महिला उम्मीदवार नहीं श्रीलंका में 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में कुल 39 उम्मीदवार हिस्सा लेंगे। इनमें वर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भी शामिल हैं। विक्रमसिंघे ने पिछले महीने 27 जुलाई को गाले में एक रैली के दौरान चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। पूरी खबर यहां पढ़ें…