भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का स्पेसक्राफ्ट रात 11:03 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचा। इसे आज यानी, गुरुवार रात 9:45 बजे पहुंचना था, लेकिन रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टर में आई परेशानी के कारण ऐसा नहीं हो सका। दूसरे प्रयास में स्पेसक्राफ्ट को स्पेस स्टेशन से डॉक कराने में सफलता मिली। बोइंग का स्टारलाइनर मिशन बुधवार 5 जून को भारतीय समयानुसार रात 8:22 बजे लॉन्च हुआ था। फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से ULA के एटलस V रॉकेट से लॉन्च किया गया था। विल्मोर और विलियम्स स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट और उसके सब सिस्टम का टेस्ट करने के लिए करीब एक हफ्ते तक स्पेस स्टेशन में रहेंगे। मिशन लॉन्च दो बार टला, तीसरी बार में सफलता मिली
मिशन को 7 मई को सुबह 8:04 बजे फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्च किया जाना था। लेकिन टीम को ULA के एटलस V रॉकेट की सेकेंड स्टेज में ऑक्सीजन रिलीफ वॉल्व में समस्या मिली। ऐसे में टीम ने मिशन लॉन्च से 2 घंटे पहले टालने का फैसला लिया। दूसरी बार इसे 1 जून को लॉन्च करने की कोशिश की गई, लेकिन ग्राउंड लॉन्च सीक्वेंसर ने लिफ्टऑफ से 3 मिनट 50 सेकंड पहले काउंटडाउन क्लॉक को ऑटोमेटिक होल्ड कर दिया। ऐसे में मिशन को टालना पड़ा। अब तीसरी बार में मिशन लॉन्च करने में सफलता मिली है। मिशन सफल हुआ तो नासा के पास पहली बार 2 स्पेसक्राफ्ट होंगे
इस मिशन के सफल होने पर इतिहास में पहली बार अमेरिका के पास एस्ट्रोनॉट को स्पेस में भेजने के लिए 2 स्पेसक्राफ्ट हो जाएंगे। अभी अमेरिका के पास इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ही है। नासा ने साल 2014 में स्पेसएक्स और बोइंग को स्पेसक्राप्ट बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था। स्पेसएक्स 4 साल पहले ही इसे बना चुकी है। 9 पॉइंट में जानें स्टारलाइन का पृथ्वी से स्पेस स्टेशन और वापस पृथ्वी पर आने का सफर अब 5 जरूरी सवालों के जवाब…
सवाल 1: स्टारलाइनर पर कितने लोग उड़ान भर सकते हैं?
जवाब: स्टारलाइनर को मैक्सिमम सात लोगों के क्रू को फिट करने के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन नासा मिशन चार लोगों के क्रू को ले जाएगा। सवाल 2: क्या स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट रीयूजेबल है?
जवाब: हां, क्रू मॉड्यूल को 10 मिशनों तक उड़ान भरने के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन सर्विस मॉड्यूल रीयूजेबल नहीं है। सवाल 3: क्या प्राइवेट एस्ट्रोनॉट भी स्टारलाइनर में जाएंगे?
जवाब: हां, नासा मिशनों पर अतिरिक्त पांचवीं सीट को बोइंग सेल करेगा। प्राइवेट सिटिजन इसमें टूरिस्ट की तरह फ्लाई कर सकेंगे। सवाल 4: नासा को प्राइवेट प्लेयर्स की जरूरत क्यों पड़ी?
जवाब: नासा को प्राइवेट कंपनियों के स्पेस सेक्टर में आने से एडवांस टेक्नोलॉजी डेवलप करने में मदद मिली है। इससे मिशन कॉस्ट भी घटी है। 2011 स्पेस शटल प्रोग्राम बंद होने के बाद अमेरिका ISS तक पहुंचने के लिए रूस के सोयूज स्पेसक्राफ्ट पर निर्भर हो गया था। हालांकि, स्पेसएक्स जैसे प्राइवेट प्लेयर के आने से उसकी रूस पर निर्भरता कम हुई है। सवाल 5: बोइंग के लिए क्यों अहम है स्टारलाइनर मिशन?
जवाब: बोइंग अपने 737 मैक्स विमानों को लेकर विवादों में है। अक्टूबर 2018 में इस्तेमाल शुरू होने के एक साल बाद ही ये हादसे का शिकार हो गया। इथियोपिया एयरलाइन्स के बेड़े में शामिल ये विमान उड़ान भरने के 13 मिनट बाद क्रैश हो गया। इसमें 189 लोगों की मौत हो गई। 2019 में फिर एक हादसा हुआ, जिसमें 157 लोग मारे गए। इस साल जनवरी में बोइंग के 737 सीरीज के एक और विमान मैक्स-9 का दरवाजा 16 हजार फीट की ऊंचाई से टूट कर गिर गया। इससे एक बार फिर बोइंग के विमानों में सेफ्टी से जुड़े सवाल उठने लगे। इन सब घटनाओं के बीच बोइंग नासा के लिए एक बड़े मिशन को अंजाम देने की तैयारी में है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर स्टारलाइनर मिशन कामयाब रहा तो ये बोइंग की इमेज को सुधारने का काम करेगा। हालांकि, अगर मिशन में गड़बड़ी हुई तो कंपनी की साख को बड़ी ठेस पहुंचेगी।