बोइंग के स्पेसक्राफ्ट से तीसरी बार अंतरिक्ष यात्रा पर गईं भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचते ही डांस करती नजर आईं। यहां उन्होंने दूसरे सभी एस्ट्रोनॉट्स को गले से लगा लिया। सुनीता के ISS पहुंचने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें उनके स्पेस स्टेशन पहुंचने पर एक घंटी बजती सुनाई देती है। दरअसल, ये ISS की परंपरा है कि जब भी वहां कोई नया अंतरिक्ष यात्री पहुंचता है, तो बाकी एस्ट्रोनॉट्स घंटी बजाकर उसका स्वागत करते हैं। सुनीत विलियम्स ने ISS के सदस्यों को अपना दूसरा परिवार बताया। उन्होंने कहा, “ISS मेरे लिए दूसरे घर जैसा है।” साथ ही उन्होंने शानदार स्वागत के लिए सभी एस्ट्रोनॉट्स को धन्यवाद भी कहा। लॉन्चिंग के 26 घंटे बाद ISS पहुंचा स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट
भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का स्पेसक्राफ्ट लॉन्चिंग के 26 घंटे बाद गुरुवार रात 11:03 बजे स्पेस स्टेशन पहुंचा था। इसे गुरुवार रात 9:45 बजे पहुंचना था, लेकिन रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टर में आई परेशानी के कारण पहली कोशिश में यह डॉक नहीं कर पाया। हालांकि दूसरे प्रयास में स्पेसक्राफ्ट को स्पेस स्टेशन से डॉक कराने में सफलता मिली। दोनों एस्ट्रोनॉट्स बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष में जाने वाले पहले एस्ट्रोनॉट बन गए हैं। बोइंग का स्टारलाइनर मिशन बुधवार 5 जून को भारतीय समयानुसार रात 8:22 बजे लॉन्च हुआ था। फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से ULA के एटलस V रॉकेट से लॉन्च किया गया था। विल्मोर और विलियम्स स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट और उसके सब सिस्टम का टेस्ट करने के लिए करीब एक हफ्ते तक स्पेस स्टेशन में रहेंगे। बोइंग के स्पेसक्राफ्ट SUV-स्टारलाइनर को डिजाइन करने में सुनीता ने भी मदद की थी। इस स्पेसक्राफ्ट में 7 क्रू सदस्य सवार हो सकते हैं। स्पेसक्राफ्ट बनने के बाद सुनीता विलियम्स ने ही इसका नाम कैलिप्सो रखा था। मिशन सफल हुआ तो नासा के पास पहली बार 2 स्पेसक्राफ्ट होंगे
इस मिशन के सफल होने पर इतिहास में पहली बार अमेरिका के पास एस्ट्रोनॉट को स्पेस में भेजने के लिए 2 स्पेसक्राफ्ट हो जाएंगे। अभी अमेरिका के पास इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ही है। नासा ने साल 2014 में स्पेसएक्स और बोइंग को स्पेसक्राफ्ट बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था। स्पेसएक्स 4 साल पहले ही इसे बना चुकी है। 9 पॉइंट में जानें स्टारलाइन का पृथ्वी से स्पेस स्टेशन और वापस पृथ्वी पर आने का सफर