श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने देश के प्रधानमंत्री के तौर पर हरिनी अमरसूर्या को नियुक्त किया है। हरिनी अमरसूर्या को श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके ने प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति अनुरा ने प्रधानमंत्री अमरसूर्या को न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा विजिथा हेर्थ और लक्ष्मण निपुनाराच्ची ने भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। श्रीलंका के मंत्रिमंडल में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कुल 4 सदस्य है। ये श्रीलंका के इतिहास का सबसे छोटा मंत्रिमंडल है। हरिनी श्रीलंका के प्रधानमंत्री पद पर काबिज होने वाली तीसरी महिला हैं। उनसे पहले सिरिमाओ बंडारनायके (3 बार) और चंद्रिका कुमारतुंगा (1 बार) देश की महिला प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। हरिनी अमरसूर्या 2020 में पहली बार सांसद बनी थी। जल्द संसद भंग करेंगे राष्ट्रपति अनुरा
श्रीलंकाई राष्ट्रपति दिसानायके ने मंगलवार की रात को संसद भंग कर दिया। देश में अब राष्ट्रपति चुनाव 14 नवंबर को कराए जाएंगे। राष्ट्रपति चुनाव से पहले दिसानायके ने कहा था कि वह संसद को तुरंत भंग कर देंगे और मिडटर्म चुनाव कराने का आदेश देंगे। श्रीलंका की पिछली संसद साल 2020 के अगस्त में गठित की गई थी। यानी कि इस संसद को निर्धारित समय से 11 महीने पहले ही भंग कर दिया गया है। प्रधानमंत्री अमरसूर्या (54) और राष्ट्रपति अनुरा दोनों ही नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) के सांसद है। श्रीलंका की 225 सीटों वाली संसद में NPP के पास मात्र 3 सीटे हैं। अनुरा ने 2019 में भी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा था। इस दौरान उन्हें मात्र 3% वोट मिले थे। इन चुनावों में राष्ट्रपति के साथ हरिनी अमरसूर्या ने भी प्रचार किया था। दो बार वोटों की गिनती के बाद राष्ट्रपति बने अनुरा
श्रीलंका में चुनाव जीतने के बाद अनुरा दिसानायके ने सोमवार को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। यह समारोह कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय में हुआ। श्रीलंका में यह पहली बार है, जब राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे दूसरी बार गिनती में साफ हुए क्योंकि पहले दौर की गिनती में किसी भी प्रत्याशी को 50% वोट नहीं मिले थे। पहले चरण में टॉप पर रहे दो प्रत्याशी नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के अनुरा कुमारा दिसानायके और समागी जन बालावेगया (एसजेबी) के सजिथ प्रेमदासा के दूसरी बार वोट की गणना की गई। 2022 के आर्थिक संकट के चलते बदलाव की उम्मीद कर रहे युवा वोटरों की मदद से अनुरा राष्ट्रपति बनने में सफल रहे हैं। विद्रोह से सत्ता तक: 5 साल पहले पार्टी रिलॉन्च की और राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचे अनुरा
​​​​​​उत्तर मध्य प्रांत के थंबुत्तेगामा से आने वाले अनुरा ने कोलंबो की केलानिया यूनिवर्सिटी से विज्ञान में ग्रेजुएशन किया। वे 1987 में जेवीपी में शामिल हुए, जब भारत-विरोधी विद्रोह चरम पर था। पार्टी ने दो खूनी विद्रोहों का नेतृत्व किया था। 2014 में अनुरा पार्टी के प्रमुख बने। 2019 में जेवीपी का नाम एनपीपी हो गया। अनुरा ने फरवरी 2024 में भारत यात्रा की, जो एनपीपी के भारत के प्रति बदलता नजरिया है। ये खबर भी पढ़ें…
श्रीलंकाई राष्ट्रपति बोले-भारत और चीन के बीच सैंडविच नहीं बनना:कहा- दोनों देशों से हमारी दोस्ती, किसी एक का साथ नहीं देंगे श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा है कि वे भारत और चीन के बीच सैंडविच बनकर नहीं रहना चाहते हैं। मोनोकल मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में अनुरा ने कहा कि श्रीलंका दुनिया में चल रही दबदबे की लड़ाई में नहीं फंसना चाहता है। उन्होंने कहा, “हम न तो दबदबे की होड़ में शामिल लेंगे और न ही होड़ में शामिल किसी देश का साथ देंगे। दोनों देश (भारत-चीन) हमारे अच्छे दोस्त हैं, मुझे उम्मीद है भविष्य में हमारी साझेदारी अच्छी होगी।” पूरी खबर यहां पढ़ें…