दुनियाभर के कई देश इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में हैं। भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, थाईलैंड, वियतनाम, माली और लीबिया में तापमान 45°C पार जा चुका है। अमेरिका के नेशनल ओसियानिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, कई देशों में रात में भी हीटवेव चल रही है। मई में रात का औसत तापमान दिन की तरह बढ़ गया है। साउथ एशिया में हीटवेव की आशंका 45 गुना बढ़ गई है। उधर, पश्चिम एशिया (सीरिया, इजराइल, फिलिस्तीन, जॉर्डन, लेबनान) में यह 5 गुना बढ़ी है। 22 मई को भारत के 9 शहरों में तापमान 40°C के पार जा पहुंचा। इजराइल और फिलिस्तीन में जंग की वजह से हीटवेव ज्यादा बढ़ी है। एशिया में घातक हीटवेव का यह लगातार तीसरा साल है। इसकी एक वजह एल नीनो भी है। बुधवार (22 मई) को पाकिस्तान के जैकोबाबाद में सबसे ज्यादा तापमान रहा। यहां तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। पाकिस्तान- स्कूल बंद, अस्पतालों में हाई अलर्ट
बारिश और बाढ़ से परेशान रहे पाकिस्तान में अब लू चल रही है। मोहनजोदाड़ो में तापमान 48.5 डिग्री तक पहुंच गया है। यह सामान्य से 8 डिग्री ज्यादा है। यहां परीक्षाएं टाल दी गई हैं। 31 मई तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं। अस्पतालों को हाई अलर्ट मोड पर रखा गया हैं। वियतनाम में गर्मी की वजह से ​बड़ी संख्या में मछलियां मर गईं। कई तालाब पूरी तरह सूख गए। सरकार ने लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी है। बांग्लादेश- 26 दिन से हीटवेव, स्कूल बंद
बांग्लादेश में लगातार 26 दिन से हीटवेव चल रही है। बुधवार (22 मई) को तापमान 43.8 डिग्री तक जा पहुंचा, जो औसत से 7 डिग्री ज्यादा है। यहां अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। थाईलैंड में भी गर्मी की वजह से 30 से ज्यादा मौतें हो गई हैं। यहां स्कूल बंद कर दिए गए हैं। म्यांमार- अप्रैल से पिछले हफ्ते तक रोज 40 मौतें
म्यांमार में अप्रैल से ही हीटवेव शुरू हो गई थी। इससे देश में अप्रैल से 10 मई तक रोज 40 मौतें हुईं। यहां तापमान 48.2 डिग्री तक पहुंच गया है। मैक्सिको के जंगलों में गर्मी की वजह से बंदर पेड़ों से गिरकर मर रहे हैं। जिन इलाकों में बंदरों की मौत हो रही है, वहां तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है। अब तक 138 बंदरों की मौत हो चुकी है। हीटवेव से 26 लोगों की भी मौत हो चुकी है। हीटवेव क्या होती है?
IMD के मौसम वैज्ञानिक आरके जेनामनी के मुताबिक, जब किसी क्षेत्र में तापमान सामान्य से ज्यादा हो जाए और वहां तेज लू चलने लगे तो उसे हीटवेव माना जाता है। इतनी ज्यादा लू लगातार दो या ज्यादा दिन तक रह सकती है। हीटवेव के लिए फिक्स तापमान अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग हो सकता है। IMD के मुताबिक, आमतौर पर देश में हीटवेव तब चलती है जब मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस, समुद्र तटीय इलाकों में 37 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा हो जाए। किसी क्षेत्र में तापमान, सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा होने पर हीटवेव और 6.4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा होने पर सीवियर हीटवेव कहलाती है।