एक्ट्रेस-सांसद कंगना रनोट का कहना है कि कुछ साल पहले हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में मीटू मूवमेंट के दौरान उन्हें अकेले ही महिलाओं के लिए लड़ना पड़ा था। दरअसल उन्होंने जिन महिलाओं के पक्ष में आवाज उठाई थी, उनमें से किसी ने उनका साथ नहीं दिया था। बल्कि लोगों ने कहा कि कंगना हमेशा सिर्फ प्रॉब्लम क्रिएट करती हैं। द लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा, ‘मैंने इस बारे में महिलाओं के पक्ष में मुखर होकर बात की थी। लेकिन फिर उनकी चुप्पी पैसे से खरीदी गई। मैं उन महिलाओं को ढूंढती रही, लेकिन वे गायब हो गईं। उनमें से कुछ ने उन्हीं लोगों के साथ फिल्म साइन कर ली, जिसने गलत किया। मैं इन महिलाओं से बहुत निराश हूं। मैं अकेली रह गई और लोगों के लिए प्रॉब्लम क्रिएट करने वाली बन गई।’ कंगना ने यह बयान हेमा कमेटी रिपोर्ट पर दिया है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट उस समय सबमिट की गई थी, जब बॉलीवुड में मीटू मूवमेंट पर हंगामा छिड़ा हुआ था। लेकिन सरकार ने इसे लंबे समय तक छिपाकर रखा था। इस दौरान कई एक्टर्स, डायरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स पर यौन शोषण का आरोप लगाया गया था। कंगना बोलीं- लोग मुझे जेल भेजने की तैयारी में थे
कंगना ने दावा किया कि इस एक्शन के बाद इंडस्ट्री उनके खिलाफ हो गई थी। उन्होंने कहा, ‘मैं कुछ दबाव बनाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन सभी की आवाजें बंद करा दी गईं। अगर यह रिपोर्ट तभी जारी हो जाती तो सभी इंडस्ट्रीज एकजुट हो गए होते। इसमें मुझे अकेला छोड़ दिया गया। लोगों ने मुझे जेल भेजने के लिए केस भी दर्ज कराए थे।’ हेमा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद कई एक्ट्रेसेस ने एक्टर्स पर लगाए संगीन आरोप
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में पिछले कई सालों से महिला कलाकारों के साथ यौन शोषण के आरोप लग रहे थे। इसकी जांच के लिए 2019 में रिटायर्ड जस्टिस हेमा की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। 4 साल बाद 19 अगस्त को हेमा कमेटी ने केरल सरकार को 233 पन्नों की एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कई बड़े कलाकारों द्वारा शोषण किए जाने की बात सामने आई। जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद से मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में एक्ट्रेसेस लगातार कई बड़े एक्टर्स और फिल्ममेकर्स पर आरोप लगा रही हैं। कंगना की अपकमिंग फिल्म इमरजेंसी की रिलीज पर रोक
कंगना इन दिनों फिल्म इमरजेंसी से चर्चा में हैं। कंगना ने हाल ही में बताया कि उनकी अपकमिंग फिल्म इमरजेंसी की रिलीज पर रोक लगा दी गई है। CBFC (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) ने फिल्म को क्लियर कर दिया था, लेकिन बाद में सर्टिफिकेशन पर रोक लगा दी गई है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि जान से मारने की बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं। सेंसर बोर्ड वालों को भी धमकियां मिल रही हैं। हम पर यह प्रेशर है कि इंदिरा गांधी की हत्या न दिखाएं, भिंडरावाले को न दिखाएं, पंजाब दंगे न दिखाएं। मुझे नहीं पता कि फिर क्या दिखा। कंगना ने भास्कर इंटरव्यू में कहा था- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए
भाजपा सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनोट ने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कहा था- पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। किसान बिल को वापस ले लिया गया वरना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। इसी के बाद से उनके खिलाफ पंजाब में आक्रोश फैल गया था।