हाल ही में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में हेमा कमेटी की रिपोर्ट आई है, जिसने पूरे देश में हलचल मचा दी है। इस रिपोर्ट में इंडस्ट्री में हो रहे औरतों के साथ यौन उत्पीड़न और कास्टिंग काउच जैसे गंभीर मामलों का खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के बाद फिर से सवाल उठने लगे हैं कि #Metoo मूवमेंट से आखिर क्या बदला? दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान, #Metoo के दौरान खुलकर बोलने वालीं सिंगर-कंपोजर सोना मोहापात्रा और एक्ट्रेस अहाना कुमरा ने इस रिपोर्ट पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इन दोनों ने बॉलीवुड में #Metoo के आरोपियों के खिलाफ कोई सख्त कदम न उठाने पर नाराज़गी जताई है। ‘सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है…’ सोना मोहापात्रा ने कहा, ‘मुझे ये देखकर बड़ा शॉक लगा है कि जो इंडस्ट्री सबसे ज्यादा नारीवादी फिल्मों के लिए जानी जाती है, वहीं ऐसी भयानक घटनाएं हो रही हैं। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि मलयालम इंडस्ट्री, जो पावरफुल फेमिनिस्ट फिल्मों के लिए मशहूर है, वहां से ये रिपोर्ट्स आ रही हैं।’ सोना ने मलयालम इंडस्ट्री में 2017 में हुई एक घटना का भी जिक्र किया, जिसमें एक एक्ट्रेस के साथ चलती कार में रेप हुआ था और इसमें एक्टर दिलीप का नाम सामने आया था। उन्होंने कहा, ‘ये बहुत ही दुखद और चौंकाने वाला है कि ऐसे अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है। दिलीप जैसे लोग, जो ऐसे गंभीर अपराध में शामिल थे, वे आज भी समाज में बेखौफ घूम रहे हैं और इसे सामान्य मान लिया गया है।’ ‘#Metoo के आरोपी आराम से बॉलीवुड में काम कर रहे हैं’ सोना ने बॉलीवुड की सच्चाई पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘#Metoo के आरोपी लोग आराम से बॉलीवुड में काम कर रहे हैं, और इससे इंडस्ट्री की हकीकत सामने आती है। ये बहुत निराशाजनक है कि जिन लोगों पर गंभीर आरोप लगे थे, वे बिना किसी सजा के खुलेआम घूम रहे हैं और काम कर रहे हैं। वहीं, मुझे फिर से काम पर नहीं बुलाया गया, बल्कि टीवी शो से तुरंत निकाल दिया गया, क्योंकि हमने सच बोला। हमें ऐसा महसूस कराया गया कि हमारा काम बंद करवा दिया गया है। ‘साजिद खान जैसे लोगों को आज भी काम मिल रहा’ अनु मलिक को बार-बार जज के रूप में लिया जा रहा है। साजिद खान, जिसने कई महिलाओं के साथ गलत किया, वह अब भी बिग बॉस में नजर आ रहा है और खुलेआम घूम रहा है। इसी तरह, क्वीन फिल्म के डायरेक्टर विकास बहल, जिसके खिलाफ भी कई आरोप हैं, फिर से फिल्मों में काम कर रहा है, जबकि सच बोलने वालों को ‘ट्रबलमेकर’ कहकर चुप करा दिया गया। #Metoo मूवमेंट के बाद हमारे लिए काम के मौके बंद हो गए। पिछले तीन-चार सालों में मैंने देखा है कि अगर आप खुद कोशिश नहीं करेंगे, तो कोई मदद नहीं करेगा। लोग यही कहते हैं, ‘अरे, पुरानी बात है, बार-बार क्यों उठा रहे हो? सोशल मीडिया पर मैंने देखा कि मेरे कुछ दोस्त और कलीग्स ने #Metoo आरोपियों के साथ फोटो डालीं। मैंने उन्हें मैसेज किया, ‘आपको याद नहीं है, 12-13 लड़कियों ने इनके बारे में क्या-क्या कहा था?’ ‘मैं अपने मौके खुद बना रही हूं’ सोना ने बताया कि कैसे काम न मिलने के बावजूद वह अपने लिए मौके खुद बना रही हैं। ‘मैंने एक शो लॉन्च किया, ‘द लालपरी मस्तानी शो’, जिसमें मैंने अपनी सारी सेविंग्स लगा दीं। मैं अपने पैसों से अपने गाने, वीडियो, और शो खुद बना रही हूं। मुश्किल है, लेकिन मैं हार नहीं मान रही। मैं अपना खुद का काम कर रही हूं और मुझे गर्व है कि मैंने यह रास्ता चुना।’ #Metoo मूवमेंट एक मजाक था: अहाना कुमरा अहाना ने इस मामले पर गुस्से से कहा, ‘बॉलीवुड में #Metoo मूवमेंट किसी मजाक से कम नहीं था। जिन लोगों पर गंभीर आरोप लगे थे, वे आज भी इंडस्ट्री में बिना किसी डर के काम कर रहे हैं। मेरे बोलने या न बोलने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि जिनको काम देना था, वे वैसे भी नहीं देने वाले थे। इस मूवमेंट का असली मकसद कहीं खो गया, और जिनके खिलाफ़ आवाज़ उठाई गई थी, वे अब भी उसी बेफिक्री से काम कर रहे हैं। ये बताता है कि हमारे देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कितनी बड़ी समस्या है।’ ‘ये सिर्फ मलयालम इंडस्ट्री में ही नहीं, हर जगह हो रहा है’ अहाना ने यह भी बताया कि यौन शोषण और उत्पीड़न की घटनाएं सिर्फ मलयालम इंडस्ट्री तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘यह समस्या सिर्फ एक इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है, बल्कि हर इंडस्ट्री में औरतें इसी तरह की परेशानियों का सामना कर रही हैं। चाहे वो छोटे शहर हों या बड़े, हर जगह महिलाओं को ऐसे ही चैलेंजेस का सामना करना पड़ता है। यह कोई छोटे या बड़े शहर का मामला नहीं है, बल्कि यह एक देशव्यापी समस्या है। हमारे समाज में औरतों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर एक बहुत बड़ी कमी है, और इस पर सख्त कदम उठाए जाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।’ अहाना ने #Metoo मूवमेंट को लेकर अपनी निराशा भी जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘इस देश में मी टू सच में एक मजाक बनकर रह गया है, क्योंकि जिन लोगों पर गंभीर आरोप लगे थे, वे आज भी आराम से काम कर रहे हैं।’