अमेरिका की पूर्व हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड की चाची कैरोलीन की हत्या के मामले में पुलिस ने रविवार को उन्हीं की एक दोस्त को गिरफ्तार किया है। 78 साल की कैरोलीन सिनावियाना-गैबर्ड की 25 को हत्या कर दी गई थी। उनकी बॉडी पर चाकू और हथौड़े से मारने के निशान मिले थे। पुलिस ने 8 दिन बाद कैरोलीन की दोस्त पापाली सिया फिगेल को गिरफ्तार किया। समोआ के पुलिस अधिकारी के मुताबिक हत्या से पहले कैरोलीन और पापाली के बीच तीखी बहस हुई थी। हालांकि, अब तक यह नहीं पता है कि बहस किस वजह से हुई थी। जानकारों के मुताबिक, दोनों काफी अच्छी दोस्त थीं। इसके अलावा गैबर्ड फिगेल की टीचर भी थीं। राइटर और एनवायरनमेंट एक्टिविस्ट थी सिनावियाना-गैबर्ड
सिनावियाना-गैबर्ड के परिवार वालों ने बताया कि वह समोआ की पहली महिला थी, जो अमेरिका में प्रोफेसर बनी थीं। वह अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई में पढ़ाती थीं। इसके अलावा वह एक राइटर और एनवायरनमेंट एक्टिविस्ट थीं। सिनावियाना-गैबर्ड के भाई माइक गैबर्ड ने बताया कि वह बचपन से ही अपनी बहन के करीब थे और उनकी उपलब्धियों पर गर्व करते थे। माइक गैबर्ड ने बताया कि सिनावियाना-गैबर्ड ने उनकी कैलिफोर्निया के सोनोमा स्टेट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने में मदद की थी, जिससे वापस आकर उन्होंने समोआ में बच्चों को इंग्लिश पढ़ाई। कौन हैं पूर्व हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड?
पूर्व अमेरिकी हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड तब चर्चा में आई थी जब 2019 में हाउडी मोदी प्रोग्राम के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया था। तब उन्होंने नरेन्द्र मोदी के वसुधैव कुटुम्बकम की तारीफ की थी। तुलसी गबार्ड का जन्म समोआ आइलैंड में हुआ था। उनकी मां हिन्दू थी, इसलिए उन्होंने ने भी बचपन से हिन्दू धर्म अपना लिया। 2002 में उन्होंने 21 साल की उम्र में हवाई से सांसद का चुनाव लड़ा और जीत गई। फिर 2013 में वह अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी की कमेटी की उपाध्यक्ष बन गई और 2020 में उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प को सपोर्ट किया था।