इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने शुक्रवार (24 मई) को इजराइल को आदेश दिया कि वह राफा में हमले को तुंरत रोके। BBC के मुताबिक, साउथ अफ्रीका ने इजराइल पर नरसंहार का आरोप लगाते हुए कोर्ट (ICJ) से जंग को रोकने की मांग की थी। मामले में 15 जजों की टीम सुनवाई कर रही थी, जिसमें से 13 जजों ने साउथ अफ्रीका के पक्ष में फैसला सुनाया। हालांकि, ICJ के पास फैसले को लागू कराने की पावर नहीं है। इजराइल ने आरोपों को खारिज करते हुए कोर्ट का ऑर्डर न मानने की बात कही है। इजराइली वॉर कैबिनेट के मंत्री बेनी गैंट्ज ने कहा कि वे राफा में जंग जारी रखेंगे। संयुक्त राष्ट्र (UN) में फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने कोर्ट के फैसले की सराहना की और इजराइल से इसका पालन करने को कहा है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि ICJ के फैसले को बिना किसी सोच विचार कर लागू किया जाएगा। कोर्ट फैसले के बाद इजराइल ने राफा में कार्रवाई तेज की
यूरोपीय यूनियन के अधिकारी जोसेप बोरेल ने कहा कि फैसले को लागू करना कठिन होगा और हमारा इजराइल का साथ देना भी अब मुश्किल होता जा रहा है। साउथ अफ्रीका के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह पहली बार है जब कोर्ट ने राफा में कार्रवाई रोकने के लिए इजराइल को सीधा आदेश दिया है। हमास के नेताओं ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। ICJ के फैसले के बाद इजराइल ने राफा में कार्रवाई तेज कर दी है। यह फैसला उस समय आया जब दो दिन पहले नॉर्वे, आयरलैंड और स्पेन ने औपचारिक रूप से फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा की थी। जंग में 35 हजार फिलिस्तीनी मारे गए
7 महीने से जारी इजराइल-हमास जंग में अब तक 35 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है। इनमें 15 हजार से ज्यादा बच्चे हैं। राफा पर हमले के बाद 8 लाख लोग शहर छोड़ चुके हैं। 7 अक्टूबर को हमास के एक हजार से ज्यादा लड़ाके इजराइल में घुस गए थे। हमास ने दावा किया था कि उसने इजराइली शहरों पर 5 हजार रॉकेट दागे हैं। तब 1200 इजराइलियों की मौत हुई थी। ‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे। वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।