7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई इजराइल-हमास जंग जारी है। इस बीच गाजा में मंगलवार देर रात हुए इजराइली हमले में 7 राहतकर्मियों की मौत हो गई। इस पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि जंग में ऐसा होता है। एक वीडियो संदेश में PM नेतन्याहू ने राहतकर्मियों की मौत पर सफाई देते हुए कहा, “दुर्भाग्य से, एक दुखद घटना घटी जिसमें हमारी सेना ने अनजाने में गाजा पट्टी में राहतकर्मियों को मार दिया। सेना से गलती हुई। हमें बहुत दुख है कि हमले में राहतकर्मियों की मौत हुई, लेकिन जंग में ऐसा ही होता है। आने वाले समय में किसी बेगुनाह की जान न जाए इस बात का हम ध्यान रखेंगे। इस मामले में जांच होगी।” मारे गए राहतकर्मी अलग-अलग देश के नागरिक थे
मंगलवार देर रात इजराइली सेना ने वर्ल्ड सेंट्रल किचिन चैरिटी के काफिले पर एयरस्ट्राइक कर दी थी। हमले में 7 वालंटियर मारे गए थे। ये ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, पोलैंड, अमेरिका के नागरिक थे।
वर्ल्ड सेंट्रल किचिन चैरिटी ने फाउंडर शेफ जोस एंड्रेस ने कहा, “राहतकर्मी चैरिटी के लोगो वाली दो बख्तरबंद कारों में थे। उन्होंने अपने आने की जानकारी इजराइली सेना को दी थी। बावजूद इसके सेना ने उन पर हमला किया।” अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और ब्रिटेन ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस हमले के लिए इजराइल की निंदा की है। UN के मुताबिक, जंग में अब तक 196 राहतकर्मियों की मौत हो चुकी है। राहतकर्मियों के पास 100 टन खाना था
UN के मुताबिक, गाजा के 22 लाख लोग भुखमरी की कगार पर हैं। ऐसे में वहां राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। वर्ल्ड सेंट्रल किचिन चैरिटी का काफिला दीर अल-बलाह इलाके के वेयरहाउस से निकला था। इसमें फिलिस्तीनियों के लिए 100 टन खाना था। ये खाना समुद्र के रास्ते गाजा पहुंचाया गया था। चैरिटी ने मदद पहुंचाने पर रोक लगाई
UAE समुद्र के रास्ते गाजा में मदद भेज रहा था। यहां से अमेरिकी चैरिटी वर्ल्ड सेंट्रल किचिन के राहतकर्मी खाने के बक्से कलेक्ट करके फिलिस्तीनियों तक पहुंचा रहे थे। चैरिटी और UAE ने सुरक्षा के मद्देनजर फिलहाल अपने काम रोक दिए हैं। इजराइल की तरफ से होने वाली जांच पूरी होने के बाद काम दोबारा शुरू किया जाएगा। इजराइली सैनिकों ने अपने 3 नागरिकों को गोली मारी थी
इजराइली सेना ने 15 दिसंबर को गाजा में अपने ही तीन नागरिकों को गोली मार दी थी। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। इन तीनों नागरिकों को हमास ने 7 अक्टूबर को बंधक बनाया था। इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा- हम इस घटना की जिम्मेदारी लेते हैं। गाजा सिटी के शिजैया इलाके में एक ग्राउंड ऑपरेशन के दौरान सैनिकों को लगा कि ये लोग उनके लिए खतरा हैं। गोली मारने के बाद जब शवों के पास पहुंचे तो मारे गए लोगों की पहचान के बारे में संदेह हुआ। बाद में पता चला कि वो इजराइल के ही नागरिक हैं। IDF के स्पोक्स पर्सन हगारी ने कहा- गाजा में एलोन शमरिज, योतम हैम और समेर अल-तलालका की मौत हो गई। वो हमास की कैद से बचकर भागे थे। ‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे। वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।