इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार रात 11:30 बजे (भारतीय समयानुसार) अमेरिकी संसद के जॉइंट सेशन को संबोधित किया। नेतन्याहू ने करीब एक घंटे तक भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने सबसे अधिक ईरान पर ही बात की। उन्होंने ईरान को अमेरिका और इजराइल का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। नेतन्याहू ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि अब जीत बेहद करीब है। हमास के हारने से ईरान को झटका लगेगा। उन्होंने हिजबुल्लाह को कुचलने की धमकी दी और कहा कि अपने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए इजराइल हर जरूरी कदम उठाएगा। नेतन्याहू ने ईरान को अमेरिका, इजराइल और अरब देशों के लिए चुनौती बताया और कहा कि ऐसे वक्त में अमेरिका और इजराइल को एक साथ खड़ा होना चाहिए। इससे पहले पीएम नेतन्याहू जब अमेरिकी संसद पहुंचे तो उन्हें 2 मिनट 16 सेकेंड की स्टैंडिंग ओवेशन दी गई। इस दौरान कुछ सांसदों ने हूटिंग भी की। कार्यक्रम में गेस्ट के रूप में एलन मस्क भी शामिल हुए थे। ‘7 अक्टूबर, 11 सितंबर की तरह बदनाम दिन बना’
नेतन्याहू ने कहा कि 7 अक्टूबर का दिन, 11 सितंबर की तरह इजराइलियों के लिए एक बदनाम दिन बन चुका है। अमेरिका के न्यूयॉर्क में 11 सितंबर 2011 को आतंकी हमला हुआ था। नेतन्याहू ने बताया कि यह हमला एक छुट्टी के दिन हुआ। हमास के आतंकी तब हमारे लोगों पर टूट पड़े जब वे त्योहार में व्यस्त थे। आतंकियों ने महिलाओं का बलात्कार किया, पुरुषों के सिर काटे, बच्चों को जिंदा जला दिया। नेतन्याहू नेगाजा से अनेक बंधकों को बचाने के लिए इजराइली सेना की तारीफ भी की। संसद में नेतन्याहू ने एक इजराइली बंधक रह चुकी नोआ अग्रमानी से भी परिचय कराया। नोआ को 7 अक्टूबर के दिन हमास के लड़ाके मोटरसाइकिल पर उठा ले गए थे। बंधकों के परिवारों को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि वह तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक कि सभी बंधक वापस नहीं आ जाते। उन्होंने कहा कि वे बंधकों को छुड़ाने के लिए कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बंधकों को छुड़ाने के लिए बाइडेन की कोशिशों की भी तारीफ की। इजराइल और अमेरिका के एक साथ खड़े होने की अपील की
नेतन्याहू ने कहा कि जब इजराइल और अमेरिका एक साथ खड़े होते हैं तो ‘हम जीतते हैं वे हारते हैं।’ उन्होंने संसद में सबको यकीन दिलाते हुए कहा कि इस बार भी “हम ही जीतेंगे।” नेतन्याहू ने संसद में एक इजराइली सैनिक (IDF) से भी सभी का परिचय कराया। उन्होंने कहा कि जब इजराइल पर हमला हुआ तो ये शख्स देश की रक्षा के लिए 8 मील दौड़कर मोर्चे पर पहुंच गया। इसके अलावा नेतन्याहू ने एक और सैनिक जो कि मुस्लिम था उसकी भी तारीफ की। नेतन्याहू ने इन्हें बहादुर सैनिक बताया। बाइडेन बोले- 7 अक्टूबर को जो हुआ, अब कभी नहीं होगा
नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल का जन्म नाजी नरसंहार के बाद हुआ। तब 60 लाख यहूदी मारे गए थे लेकिन अब हम दुश्मनों के सामने कमजोर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर को जो हुआ अब आगे कभी देखने को नहीं मिलेगा। गाजा में युद्ध का विरोध करने वालों का उड़ाया मजाक
नेतन्याहू ने गाजा में युद्ध का विरोध करने वालों का भी मजाक उड़ाया। उन्होंने संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों को दुश्मन देशों का ‘मददगार मूर्ख’ बताया। नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिका में अधिकांश लोग इजराइल का समर्थन करते हैं। ये वे लोग हैं जो हमास के झूठ में नहीं फंसे हैं। इजराइली प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका गाजा में खाने की चीजें भेजता है ताकि युद्ध से प्रभावित लोगों का पेट भर सके। गाजा के लोग फिर भी भूखे रह रहे हैं क्योंकि हमास उनका खाना चुरा ले रहा है। नेतन्याहू बोले- इजराइल की जीत अमेरिका की जीत होगी
नेतन्याहू ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि उन्हें इस भाषण से एक बात याद रखनी चाहिए कि इजराइल का दुश्मन अमेरिका का दुश्मन है। इजराइल की लड़ाई अमेरिका की लड़ाई है और इजराइल की जीत अमेरिका की जीत होगी। नेतन्याहू ने कहा ईरान का मानना है कि यदि उसे अमेरिका को कमजोर करना है तो उसे मिडिल ईस्ट पर जीत हासिल करनी होगी। लेकिन मिडिल ईस्ट के दिल में इजराइल बसा हुआ है जो बार-बार ईरान के मंसूबे पर पानी फेर देता है। नेतन्याहू बोले- गाजा पर कंट्रोल करने का इरादा नहीं
नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल जिस दिन हमास को हरा देगा उस दिन गाजा में एक नई शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि जीत के बाद भी वे कुछ समय तक गाजा पर कंट्रोल रखेंगे ताकि ये जमीन फिर इजराइल के लिए खतरा न बने। नेतन्याहू ने कहा कि जंग खत्म होने के बाद गाजा में जिनकी भी सरकार होगी वे फिर कभी इजराइल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं करेंगे। उनकी बस इतनी सी मांग है। नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल का गाजा को हासिल करने का कोई इरादा नहीं है। अमेरिका को नया एलायंस बनाने की दी सलाह
नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल और अमेरिका को नया गठबंधन बनाने की सलाह दी। उन्होंने इसे अब्राहम एलायंस कहा। उन्होंने दूसरे देशों को भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने अब्राहम अकॉर्ड के लिए डोनाल्ड ट्रम्प की प्रशंसा भी की। नेतन्याहू ने अमेरिका से और हथियार मांगा
नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिका सैन्य मदद को और बढ़ाता है तो उन्हें युद्ध जल्दी खत्म करने में मदद मिलेगी। उन्होंने सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान चर्चिल की चर्चित कथन दोहराया- हमें औजार दो हम काम पूरा कर देंगे। नेतन्याहू ने कहा कि वह अमेरिका से आज अपील करते हैं कि उन्हें औजार दिए जाएं वो जल्द काम खत्म करेंगे। पहले भी डेमोक्रेटिक नेताओं ने बहिष्कार किया था, बाइडेन भी नहीं हुए थे शामिल
पिछली बार 2015 में जब नेतन्याहू ने तीसरी बार अमेरिकी संसद में संबोधन दिया था तो 58 सांसदों ने नेतन्याहू का बहिष्कार किया था। इसमें तत्कालीन उपराष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल थे। दरअसल नेतन्याहू ईरान न्यूक्लियर डील की आलोचना कर रहे थे। इससे अमेरिकी सांसद नाराज हो गए। उनका कहना था कि नेतन्याहू अमेरिका की विदेश नीति में दखल दे रहे हैं। इस बार भी कई डेमोक्रेटिक सांसदों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया। नेतन्याहू को गिरफ्तार करना चाहिए, उन्हें संसद में बुलाना शर्मनाक
फिलिस्तीनी-अमेरिकी सांसद रशीदा तलीब ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर PM नेतन्याहू की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू एक वॉर क्रिमिनल है जो फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ नरसंहार कर रहे हैं। यह बेहद शर्म की बात है कि दोनों पार्टियों के नेताओं ने उन्हें संसद को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया है। उन्हें गिरफ्तार कर इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट भेजा जाना चाहिए। इजराइल की कट्टर समर्थक नैन्सी पेलोसी बोलीं- नेतन्याहू को बुलाना गलत
संसद की पूर्व स्पीकर नैन्सी पेलोसी भी नेतन्याहू के संबोधन के दौरान मौजूद नहीं रहेंगी। पेलोसी को इजराइल का कट्टार समर्थक माना जाता है। हालांकि, पेलोसी ने नेतन्याहू की खुलकर आलोचना की है। उन्होंने अप्रैल में कहा था कि कि इजराइली पीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नेतन्याहू को संसद में संबोधित करने के लिए बुलाना गलत था। युद्ध विराम समझौते पर हो सकती है बातचीत
बाइडेन और नेतन्याहू की मुलाकात के दौरान गाजा में युद्ध विराम समझौते पर बातचीत हो सकती है। यूएसए टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपि कमला हैरिस दोनों ही मुलाकात के दौरान नेतन्याहू पर जंग रोकने का दबाव बना सकते हैं। वहीं, नेतन्याहू की अमेरिका यात्रा को लेकर अमेरिका में विरोध शुरू हो गया है। मंगलवार को राजधानी वाशिंगटन में हमास के कब्जे में फंसे बंधकों के परिवारों ने प्रदर्शन किया। बुधवार सुबह भी नेतन्याहू की गिरफ्तारी की मांग को लेकर संसद के नजदीक लोगों ने प्रदर्शन किया। नेतन्याहू की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जहां वे ठहरे हैं, उस होटल के आसपास बाड़ लगाई गई है। इस दौरान पुलिस और सीक्रेट सर्विस एजेंट्स भी बड़ी संख्या में तैनात किए गए हैं। जर्मनी में सबसे बड़ी और पुरानी मस्जिद बंद की गई, आतंकी संगठन हिजबुल्लाह से जुड़े होने का आरोप जर्मनी की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी हैम्बर्ग मस्जिद को बंद कर दिया गया है। ये मस्जिद ‘ब्लू मोसीक’ के रूप में पूरी दुनिया में चर्चित है। जर्मन पुलिस का कहना है कि इस मस्जिद को शिया मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन चलाती है और इसका ईरान की सरकार के साथ गहरा संबंध है। पूरी खबर यहां पढ़ें…