कंगना की विवादित फिल्म इमरजेंसी को लेकर आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। याचिका कंगना और जी स्टूडियो ने दायर की है। उन्होंने आपत्ति जताई है कि CBFC (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) ने फिल्म को पहले सर्टिफिकेट दे दिया था, लेकिन 6 सितंबर को होने वाली रिलीज से 4 दिन पहले इस पर रोक लगा दी। बॉम्बे हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई 4 सितंबर को हुई थी। तब कोर्ट ने CBFC से 19 सितंबर तक जवाब मांगा था। फिल्म पर सिखों को आपत्ति है। उनका आरोप है कि इसमें उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है। इस पर कई राज्यों में याचिकाएं दायर की गई हैं। क्या है पूरा मामला?
कंगना रनोट और फिल्ममेकर्स ने याचिका में CBFC पर आरोप लगाया है कि उसने मनमाने ढंग से फिल्म का सर्टिफिकेट रोक रखा है। CBFC ने ई-मेल के जरिए सर्टिफिकेट दे दिया था, हालांकि रिलीज से महज 4 दिन पहले सर्टिफिकेट की कॉपी देने से मना कर दिया। इस पर CBFC के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने बताया है कि इमरजेंसी के मेकर्स को सिस्टम जनरेटेड मेल मिला था, लेकिन बाद में आपत्ति होने पर इसे रोक दिया गया था। कोर्ट ने लगाई थी CBFC को फटकार
4 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट जज ने CBFC से जुड़े अधिकारियों को फटकार लगाई थी। उनसे सवाल किया कि आप सिस्टम जनरेटेड ई-मेल कैसे भेज सकते हैं। क्या मेल भेजने से पहले अधिकारियों ने फिल्म नहीं देखी? क्या सर्टिफिकेट देते हुए अधिकारियों ने अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया? याचिका में कंगना रनोट के प्रोडक्शन हाउस की तरफ से वकील ने कहा- हम फिल्म में कोई बदलाव नहीं करेंगे और फिल्म को उसी तरह रिलीज करेंगे, जिस तरह CBFC ने इसे पहले सील किया है। एमपी हाईकोर्ट में पहले से यह मामला था
जबलपुर सिख संगत ने फिल्म इमरजेंसी और इसके ट्रेलर पर आपत्ति जताते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाकर इसे बैन करने की मांग की थी। उनका कहना है कि फिल्म के जरिए सिख समुदाय की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। इस पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने CBFC को फिल्म को मंजूरी देने से पहले इसकी आपत्तियों पर विचार करने के आदेश दिए थे। बॉम्बे हाईकोर्ट ने तुरंत आदेश देने से इनकार किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 4 सितंबर की सुनवाई में कहा था कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट CBFC को पहले ही आदेश दे चुका है, ऐसे में वह अभी इस पर कोई आदेश नहीं दे सकता। कोर्ट ने मेकर्स से कहा- ‘हम आपके साथ हैं, काश आपने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सामने भी इसी तरह जोरदार तरीके से तर्क दिया होता, तो ऐसा नहीं हो सकता था कि CBFC के चेयरमैन हस्ताक्षर नहीं करते। आखिर में कोर्ट ने कहा कि वे मेकर्स की याचिका को खारिज नहीं कर रहे हैं। अगर इसमें एक हफ्ते की देरी होती है तो कोई आसमान नहीं गिरेगा। मेकर्स को पहले ये दलीलें मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सामने रखनी चाहिए थीं। बता दें कि ट्रेलर रिलीज के बाद से ही फिल्म इमरजेंसी विवादों में है। पंजाब में फिल्म को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा है। फिल्म के ट्रेलर में खालिस्तान समर्थक जरनैल सिंह भिंडरांवाले को दिखाए जाने के बाद कंगना को जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं। कुछ समय पहले ही विक्की थॉमस नाम के एक शख्स ने वीडियो जारी कर कहा है कि अगर जरनैल सिंह को गलत तरह से पेश किया जाएगा तो कंगना को इसके नतीजे भुगतने होंगे। ये खबरें भी पढ़ें- कंगना रनोट चंडीगढ़ अदालत में तलब: इमरजेंसी फिल्म को लेकर दायर हुई याचिका, पांच दिसंबर को होगी सुनवाई कंगना रनोट को चंडीगढ़ की अदालत ने तलब किया है। यह आदेश अदालत ने उनकी आने वाली फिल्म इमरजेंसी से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई पांच दिसंबर को तय की गई है। अभिनेत्री के खिलाफ जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान रविंदर सिंह बस्सी की तरफ से याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था फिल्म में कंगना ने सिखों की छवि को खराब करने की कोशिश की है। पूरी खबर पढ़ें… कंगना की फिल्म को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट दिया:इमरजेंसी के 3 सीन डिलीट, 10 बदलाव भी करने होंगे, इसके बाद रिलीज होगी फिल्म इमरजेंसी को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने U/A सर्टिफिकेट दिया है। इस फिल्म के कई सीन पर CBFC ने आपत्ति जताई है, जिसकी वजह से अब ये फिल्म कई कट और बदलावों के बाद कुछ ही हफ्तों में रिलीज की जाएगी। CBFC ने इस फिल्म से 3 सीन डिलीट करने के निर्देश दिए हैं। सख्त हिदायत भी दी है कि फिल्म को रिलीज करने से पहले इसमें 10 बदलाव किए जाएं। पूरी खबर पढ़ें…