तृप्ति डिमरी को फिल्म ‘एनिमल’ से पहचान मिली थी। अब वे अपनी अगली फिल्म ‘बैड न्यूज’ को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म में उनके साथ विक्की कौशल और एमी विर्क भी लीड रोल में दिखाई देंगे। ये फिल्म 19 जुलाई को रिलीज होने वाली है। करण जौहर इस फिल्म के प्रोड्यूसर हैं। अपनी फिल्म को लेकर तृप्ति ने दैनिक भास्कर से बातचीत की। किस तरह ‘बैड न्यूज’ की गुड न्यूज मिली ? दरअसल उन दिनों मैंने धर्मा प्रोडक्शन की टैलेंट एजेंसी को जॉइन ही किया था। एक दिन करण सर ने मिलने के लिए बुलाया। उन्होंने आनंद तिवारी सर से मिलवाया। आनंद सर ने फिल्म की कहानी सुनाई तो मैं पूरे टाइम हंसती ही रही। हालांकि उसके बाद उन्होंने कहा कि नरेशन सुन ये मत समझना कि फिल्म में सेलेक्शन हो ही गया। ऑडिशन के बाद अंतिम निर्णय होगा। उसके अगले ही दिन उन्होंने फिल्म के तीन-चार सीन रिकॉर्ड किए। फिल्म में वो सोच भी है कि पैदा करने वाले से बड़ा पालने वाला होता है? बिल्कुल। फिल्म काफी कुछ कहना चाहती है। जो तीन किरदार हैं, उनके निजी सफर हैं। सरल शब्दों में कहूं तो उन किरदारों के जरिए युवा पीढ़ी की सोच जाहिर की गई है। उस दौर से गुजरने वाले युवा जिंदगी में हर कुछ चाहते हैं। प्यार से लेकर करियर में तरक्की और हर जगह जीत ही जीत मिलती रहे। वैसी सोच पर भी एक टेक लिया गया है। यह सब ‘एनिमल’ से पहले हुआ था? जी हां। ऑडिशन सही लगने पर सभी कलाकारों के साथ काफी वर्कशॉप हुईं। कभी विक्की कौशल के साथ तो कभी एमी विर्क के साथ। रोज हमें कुछ टास्क दी जाती थीं। उससे हमारी हाजिरजवाबी की परीक्षा ली जाती थी ताकि हमारे कॉमिक सेंस का पता चले। दरअसल बहुत साल पहले मैं यू-ट्यूब पर कॉमेडी वाले वीडियोज बनाती भी थी पर फिल्मों में कदम रखने पर वह छूट गया था। इस फिल्म के जरिए फिर से कॉमेडी करने का मौका मिला है। ‘एनिमल’ के बाद लगातार कितने ऑफर्स आ रहे हैं? मैंने गिना तो नहीं है। मगर हां अब एयरपोर्ट वगैरह पर जाती हूं तो वहां लोग पहचानने लगे हैं। वो अच्छा लगता है। सौभाग्य से अच्छी-अच्छी फिल्में भी आईं हैं। उनमें से चार तो इसी साल रिलीज होंगी। ‘एनिमल’ के बाद एक ग्रोथ भी हुई है। अच्छी बात है कि लोग अब मुझे अलग-अलग जॉनर की फिल्में भी ऑफर कर रहें हैं, वरना स्टीरियोटाइप वाले भी आसार बन गए थे। आउटसाइडर्स को क्या टिप्स देना चाहेंगी? हर किसी के मामले में एक ही फॉर्मूला तो नहीं चलेगा। खुद पर भरोसा रखिए। अगर लो फेज है, तो उसमें धैर्य रखिए। वह दौर गुजर जाएगा। वरना आज की तारीख में सही एक्टर्स के लिए बहुत काम है। खासकर ओटीटी के चलते सही और नए एक्टर्स के लिए काम की कमी नहीं। ‘लापता लेडीज’ जैसी मिसालें देखिए। वहां ज्यादातर नए चेहरे हैं पर उन्होंने क्या खूब काम किया। नतीजा उनको मिल रही लोकप्रियता से देख लें। उन जैसों की कामयाबी से जाहिर है इंडस्ट्री में टैलेंट की कद्र है। आपकी और रणबीर की ‘एनिमल 2’ पर क्या स्टेट्स है? वह तो आप संदीप रेड्डी वांगा सर से ही पूछिए। पार्ट वन की रिलीज के बाद तो सब अपनी-अपनी दूसरी फिल्मों में जुट गए हैं। पर हां जब उन्हें अनाउंस करना होगा तो वो बेशक करेंगे ही। वो वैसे डायरेक्टर हैं, जिन्हें काफी क्लैरिटी है। फिलहाल इस वक्त तक तो मुझे कुछ ऐसा नहीं बताया गया है पार्ट टू को लेकर। फिल्मों में मौजूदा पीढ़ी की किन उलझनों को दिखाया जाए? यही कि यह पीढ़ी रिश्तों में समझौते करने को नीची नजरों से देखती है। यह सही नहीं है। हमें हमारे परिजनों की अप्रोच से सीखना चाहिए। ऐसा नहीं है कि मेरे पेरेंट्स के 36 सालों के रिश्ते में उतार-चढ़ाव नहीं आए होंगे। पर अगर वह भी सिर्फ सुख के दिनों के साथी और गम के दिनों में हाथ छोड़ने वाली अप्रोच में रहते तो रिश्ता नहीं टिकता। ये एक चीज है, जिसे फिल्मों में भी दिखाया जाना चाहिए।