इजराइल-हमास में साढ़े 5 महीने से जारी जंग के बीच पहली बार गाजा में युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC में प्रस्ताव पारित हुआ है। रमजान के महीने में हुई इस बैठक के दौरान 15 में से 14 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि अमेरिका ने वोटिंग ने से दूरी बनाई। प्रस्ताव में बिना शर्त के सभी बंधकों की तत्काल रिहाई की मांग की गई। साथ ही गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए सभी बाधाओं को हटाने के लिए कहा गया है। यह पहली बार है जब अमेरिका ने सीजफायर के प्रस्ताव पर वोट नहीं डाला। इससे पहले 3 बार वो UNSC में इन प्रस्तावों पर वीटो लगा चुका है। क्या UNSC में प्रस्ताव पारित होने से रुकेगी जंग?
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, UNSC के प्रस्तावों को अंतरराष्ट्रीय कानून माना जाता है। सदस्य देशों के लिए इनका पालन करना जरूरी होता है। हालांकि, इजराइल UNSC का स्थायी या अस्थायी सदस्य नहीं है। ऐसे में वो इस प्रस्ताव को मानने के लिए बाध्य नहीं है। अगर सुरक्षा परिषद में कोई प्रस्ताव पास हो भी जाए तो यहां इसे लागू कराने का कोई जरिया नहीं है। हां यह जरूर है कि सदस्य देशों की सहमति से इजराइल पर कई प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। इजराइल-हमास जंग रोकने के लिए पहला प्रस्ताव नवंबर 2023 में माल्टा ने पेश किया था। दूसरी बार UAE ने दिसंबर 2023 में और तीसरी बार फरवरी 2024 में नॉर्थ अफ्रीकी देश अल्जीरिया ने प्रस्ताव पेश किया था। अमेरिका ने तीनों बार इसे ठुकरा दिया था। PM नेतन्याहू ने रद्द किया रक्षा मंत्री का अमेरिकी दौरा
UNSC की वोटिंग से अमेरिका के पीछे हटने पर इजराइल ने नाराजगी जताई है। अमेरिका के वीटो नहीं करने पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वॉशिंगटन जा रहे रक्षा मंत्री योव गैलेंट की यात्रा रद्द कर दी। इसके अलावा इजराइली विदेश मंत्री काट्ज ने कहा- हम फायरिंग बंद नहीं करेंगे। हम हमास को तबाह कर देंगे और तब तक जंग लड़ते रहेंगे जब तक हर एक बंधक रिहा होकर घर नहीं लौट जाता। वहीं, UN सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा- UNSC ने गाजा में एक लंबे समय से पड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें तत्काल युद्धविराम और सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई। इस प्रस्ताव को जल्द लागू किया जाना चाहिए। वीटो क्या है…
UNSC में पांच स्थायी मेंबर हैं। इनमें अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन शामिल हैं। इन्हें ही वीटो पावर मिला हुआ है। यह काफी अहम होता है। सुरक्षा परिषद बिना इन पांचों देशों की रजामंदी के कोई भी प्रस्ताव पारित या लागू नहीं कर सकती है। 5 में से कोई एक सदस्य भी इसका वीटो करता है तो यह प्रस्ताव खारिज हो जाता है। 234 लोगों को बंधक बनाकर ले गए थे हमास आतंकी
7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हुए हमलों में हमास करीब 234 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गया था। दोनों पक्षों के बीच अब तक सिर्फ एक बार 24-30 नवंबर तक सीजफायर हुआ था। तब हमास और इजराइली सेना ने 7 दिनों के लिए हमले रोके थे। इस दौरान करीब 107 बंधकों को रिहा किया गया था। ‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमला किया था। इसे ‘अल-अक्सा फ्लड’ ऑपरेशन नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरूशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे। वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।