पाकिस्तान में भीषण गर्मी की वजह से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। यहां सिंध प्रांत के मोहनजोदड़ो में सोमवार को पारा 52 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। इसी के साथ यह इस साल पाकिस्तान का सबसे गर्म दिन बन गया। हीटवेव के बीच यहां कई इलाकों में बिजली भी गुल हो गई है। सिंधु घाटी सभ्यता के समय 2500 BC में बने इस शहर में हीटवेव की वजह से दुकानें बंद कर दी गई हैं। जो दुकाने खुली हैं, वहां गर्मी के चलते ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं। पाकिस्तान के मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि अगले कुछ दिन तक पाकिस्तान में अधिकतम तापमान नॉर्मल टेम्परेचर से 3-4 डिग्री ज्यादा रिकॉर्ड किया जाएगा। मोहनजोदड़ो में पाकिस्तान के इतिहास का तीसरा सबसे गर्म दिन
मोहनजोदड़ो में आमतौर पर ज्यादा गर्मी, हल्की सर्दी और कम बारिश होती है। सोमवार को यहां पारा 52 डिग्री के पार चला गया। यह पाकिस्तान के इतिहास में अब तक का तीसरा सबसे गर्म दिन बन गया। इससे पहले पाकिस्तान में साल 2017 में सबसे ज्यादा 54 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया जा चुका है। वहीं पूरे एशिया में यह दूसरा सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया। पाकिस्तान के मौसम विभाग ने कहा है कि आने वाले दिनों में मोहनजोदड़ो में हीटवेव कम होगी। हालांकि, सिंध की राजधानी कराची समेत प्रांत के दूसरे शहरों में तापमान बढ़ेगा। वहीं देश की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने मंगलवार को कुछ हिस्सों में आंधी, तूफान और बारिश की भी संभावना जताई है। उत्तरी पाकिस्तान में बारिश की संभावना
NDMA ने कहा है कि उत्तरी पाकिस्तान के हिस्सों में तेज हवाओं के साथ बिजली चमकेगी और बारिश होने की संभावना है। इससे यहां भूस्खलन का भी खतरा है, जिससे यातायात प्रभावित हो सकता है। वहीं लोकल नदियों में बाढ़ आने का भी खतरा है। क्लाइमेट चेंज पर प्रधानमंत्री शहबाज की कॉर्डिनेटर रूबीना आलम ने कहा है कि देश में जलवायु परिवर्तन की वजह से गर्मी लगातार बढ़ रही है। इस मामले में पाकिस्तान दुनिया का पांचवा सबसे संवेदनशील देश है। यहां सामान्य से ज्यादा बारिश और बाढ़ आती है। हीटवेव को देखते हुए सरकार जागरूकता अभियान भी चला रही है। बांग्लादेश-थाईलैंड में हीटवेव से 60 लोगों की मौत
एशिया में घातक हीटवेव का यह लगातार तीसरा साल है। इसकी एक वजह एल नीनो बताई गई है। इससे पहले बांग्लादेश में 22 मई को तापमान 43.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था, जो औसत से 7 डिग्री ज्यादा है। यहां गर्मी की वजह से 30 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं थाईलैंड में भी गर्मी की वजह से 30 से ज्यादा लोगों ने दम तोड़ दिया था। म्यांमार में अप्रैल से ही हीटवेव शुरू हो गई थी। इससे देश में अप्रैल से 10 मई तक रोज 40 मौतें हुईं। यहां तापमान 48.2 डिग्री तक पहुंच गया था। मैक्सिको के जंगलों में गर्मी की वजह से बंदर पेड़ों से गिरकर मर रहे हैं। जिन इलाकों में बंदरों की मौत हो रही है, वहां तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है। अब तक 138 बंदरों की मौत हो चुकी है। हीटवेव से 26 लोगों की भी मौत हो चुकी है। क्या है सिंधु घाटी सभ्यता?
भारत में सिंधु घाटी सभ्यता को पहली नगरीय सभ्यता के रूप में जाना जाता है। इस सभ्यता का विकास सिंधु नदी के पास हुआ था इसलिए इसे ‘सिंधु घाटी सभ्यता’ का नाम दिया गया है। इस सभ्यता की खुदाई सबसे पहले हड़प्पा नाम के जगह पर हुई थी। हड़प्पा वर्तमान में पाकिस्तान में है। भारत विभाजन के बाद सिंधु सभ्यता के शहर हड़प्पा और मोहनजोदड़ो पाकिस्तान में चले गए। ये सभ्यता आठ हजार साल पुरानी है इसलिए इसे मिस्र और मेसोपोटामिया की सभ्यता से भी पुराना माना जाता है। इसे लेकर जो रिपोर्ट्स सामने आती है उसके मुताबिक मौसम में हुए परिवर्तन के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई।