पाकिस्तान भले ही चीन को अपने देश में प्रोजेक्ट चलाने के लिए सुरक्षा देने के बड़े-बड़े वादे कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान राज्य की सरकार अपने खनन उद्योग को सुरक्षा नहीं दे पा रही है। खनन उद्योग को बचाने के लिए आतंकी संगठनों को ‘हफ्ता’ दे रही है। सरकार प्रतिबंधित आतंकवादी समूह बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) को पैसा दे रही है ताकि वे माइनिंग कंपनियों के कर्मचारियों पर हमला ना करें। दरअसल, बलूचिस्तान प्रांत के हमाई, डेगारी, माच, जियारत, चामलंग और अबेगम में कोयले का बड़ा भंडार है। यहां 21 करोड़ टन कोयले का अनुमान है। यहां स्थित 60 किमी लंबी चामलांग कोयला खदानों में उच्च वाष्पशील सी बिटुमिनस से लेकर उच्च वाष्पशील ए बिटुमिनस का कोयला होता है, जिसका भंडार 60 लाख टन है। बलूचिस्तान में 3 हजार खदानें, 40 हजार लोगों को मिल रहा रोजगार
पाकिस्तान सरकार माइनिंग कंपनियों को सुरक्षा देने के नाम पर आतंकी संगठनों से सांठगांठ करने में लगी हुई है। बलूचिस्तान की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान माइनिंग सेक्टर का है। यहां 3 हजार से ज्यादा कोयला खदानें हैं। जहां 40 हजार से ज्यादा मजदूर काम करते हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान में हर साल 45.06 लाख टन टन कोयले का उत्पादन होता है और दुनिया में 34वें स्थान पर है। सुरक्षा बलों से ज्यादा पैसा BLA को दे रही सरकार
चामलंग खदानों से प्रतिदिन लगभग 200-250 ट्रक कोयला देश के विभिन्न हिस्सों के लिए रवाना होता है। कोयला 4000-4500 रुपए प्रति टन की कीमत पर बेचा जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि कोयला खदानों से प्रत्येक टन खनन पर बलूचिस्तान सरकार को केवल 360 रुपए मिलते हैं। अर्धसैनिक बल फ्रंटियर कोर को खदानों की सुरक्षा के लिए प्रति टन 240 रुपए दिए जाते हैं। वहीं, प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) को खदानों और खनन खनिज ले जाने वाले ट्रकों पर हमला नहीं करने के लिए 260 रुपए प्रति टन दिया जाता है। यह राशि बैंक खाते के माध्यम से BLA को दी जाती है। वहीं, दूसरे प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को खदानों पर हमला न करने के लिए 60 रुपए और दिए जाते हैं। हालांकि पाकिस्तान सरकार BLA और TTP जैसे प्रतिबंधित समूहों के साथ ऐसी व्यवस्था करने से इनकार करती है, जो अब बलूच आतंकवादी समूहों के साथ गठबंधन बनाने के बाद बलूचिस्तान में फैल गए हैं।