फिलीपींस के माउंट कनलाओं में सोमवार (3 जून) को ज्वालामुखी विस्फोट हो गया। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, ज्वालामुखी नेग्रोस आइलैंड पर है। विस्फोट के बाद आसमान में पांच किलोमीटर की ऊंचाई तक राख का गुबार उठा। वहां अभी भी लगातार ज्वालामुखी का मलबा ओर गर्म राख निकल रही है। सुरक्षा अधिकारियों ने लोगों को वहां से निकालना शुरू कर दिया है। नेग्रोस के गवर्नर जोस लैक्स के मुताबिक लोगों को वहां से हटाकर ऑक्सिडेंटल प्रांत ले जाया जा रहा है, जहां अब तक 700 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। फिलीपींस की सरकार ने लोगों से ज्वालामुखी वाले क्षेत्र में जाने से मना किया है। सरकार ने इलाके में सल्फ्यूरिक गैस फैलने की चेतावनी जारी की है। सल्फ्यूरिक गैस से स्किन एलर्जी और सांस लेने में परेशानी होती है। तस्वीरों में देखिए… ‘विस्फोट के बाद नदियों में अचानक बाढ़ आई’
स्थानीय लोगों के मुताबिक ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद उसका मलबा बहकर सड़कों और नदियों में आ गया। इसकी वजह से कई इलाकों में सड़कों पर बाढ़ के पानी और कीचड़ से भर गई। ज्वालामुखी में लगातार छोटे-छोटे विस्फोट हो रहे हैं। इससे वहां आसमान धुएं से भर गया है। विस्फोट के कारण कनलाओं शहर में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। साथ ही इलाके से गुजरने वाली फ्लाइट्स को भी रद्द कर दिया गया है। यहां अब तक 32 फ्लाइट कैंसिल हो चुकी हैं। सुरक्षा अधिकारियों ने आने वाले दिनों में और ज्यादा विस्फोट होने की आशंका जताई। उन्होंने बताया कि वहां लोगों की मदद के लिए 24 घंटे रेस्क्यू टीमें तैनात है। इससे पहले फिलिपींस के माउंट मेयोन ज्वालामुखी में पिछले साल विस्फोट हुआ था। तब इस ज्वालामुखी से 2 किमी की ऊंचाई तक धुएं का गुबार उठ रहा था, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। सरकार ने एतिहात के तौर पर माउंट मेयोन के 6 किलोमीटर तक के इलाके को डेंजर जोन घोषित कर दिया था। ज्वालामुखी क्या होता है?
ज्वालामुखी धरती की सतह पर मौजूद प्राकृतिक दरारें होती हैं। इनसे होकर धरती के आंतरिक भाग से पिघला हुआ पदार्थ जैसे मैग्मा, लावा, राख आदि विस्फोट के साथ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी पृथ्वी पर मौजूद 7 टेक्टोनिक प्लेट्स और 28 सब टेक्टोनिक प्लेट्स के आपस में टकराने के कारण बनते हैं। दुनिया का सबसे एक्टिव ज्वालामुखी माउंट एटना इटली में है। ‘रिंग ऑफ फायर’ के क्षेत्र में आता है फिलिपींस
अलजजीरा के मुताबिक, फिलिपींस ‘रिंग ऑफ फायर’ के क्षेत्र में आता है। यहां पैसेफिक महासागर के करीब हॉर्स-शू के शेप की टेक्टॉनिक फॉल्ट लाइन्स हैं। रिंग ऑफ फायर ऐसा इलाका है जहां कई कॉन्टिनेंटल के साथ ही ओशियनिक टेक्टोनिक प्लेट्स भी हैं। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो भूकंप आता है, सुनामी उठती है और ज्वालामुखी फटते हैं। यह क्षेत्र 40 हजार किलोमीटर में फैला है। दुनिया में जितने सक्रिय ज्वालामुखी हैं, उनमें से 75% इसी क्षेत्र में हैं। 15 देश- जापान, रूस, फिलिपींस, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, कनाडा, अमेरिका, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, कोस्टा रिका, पेरू, इक्वाडोर, चिली, बोलिविया रिंग ऑफ फायर की जद में हैं।