फिल्म ‘बारह बाई बारह’ बनारस की पृष्टभूमि पर आधारित उस कालखंड की फिल्म है जब मोबाइल फोन नहीं हुआ करते थे। बनारस के मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार के लिए आए शवों की फोटो खींचने वाले अलग तरह के फोटोग्राफर होते थे, लेकिन मोबाइल के आने से उनकी रोजी रोटी छिन गई। पिछले हफ्ते यह फिल्म थिएटर में रिलीज हुई है। फिल्म के डायरेक्टर गौरव मदान, एक्टर ज्ञानेंद्र त्रिपाठी, गीतिका विद्या और हरीश खन्ना ने दैनिक भास्कर से बातचीत की। फिल्म की कहानी के बारे में डायरेक्टर गौरव मदान ने कहा- कहानी एक ऐसे फोटोग्राफर की है जो बनारस के मणिकर्णिका घाट पर मृतकों की तस्वीर खींचता है। यह फिल्म उसकी जिंदगी में आए उतार-चढ़ाव के बारे में हैं। ज्ञानेंद्र त्रिपाठी जब पहली बार ऑफिस में आए तो उनकी आंखें देखकर ही मुझे लगा कि हमारा सूरज मिल गया। गीतिका विद्या की पहली फिल्म ‘सोनी’ मामी फेस्टिवल में देखी थी। तभी मैंने सोच लिया था कि फिल्म में मानसी की भूमिका के लिए गीतिका एकदम परफेक्ट हैं। फिल्म में सूरज की भूमिका निभाने वाले एक्टर ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने कहा- यह फिल्म माइग्रेशन के एक थीम पर है। एक तरह से देखा जाए तो मृत्यु भी एक लोक से दूसरे लोक का माइग्रेशन है। इसे आप नहीं रोक सकते हैं। अगर इसे कोई रोकने की कोशिश करता है तो कब तक लड़ सकता है ? क्योंकि यह प्रकृति से लड़ने के बराबर है। मुझे लगा कि सूरज कहीं ना कहीं उस चीज को रोकने की कोशिश कर रहा है। विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म 12th फेल में मनोज शर्मा के पिता की भूमिका निभाने वाले एक्टर हरीश खन्ना ने इस फिल्म में पर्वत की भूमिका निभाई है। हरीश ने कहा- जिस तरह से किरदार का नाम पर्वत है, उसी तरह से वह भी अटल है। मानसी की भूमिका निभाने वाले एक्ट्रेस गीतिका विद्या ने कहा- मानसी का एक ऐसा किरदार है, जो रुकती नहीं है। पर्वतों के बगल से रास्ता बनाकर जो नदी बहती है, कुछ इस तरह का मानसी का किरदार है। दुनिया भर के 40 से‌ अधिक फिल्म फेस्टिवल में सराहे जाने के बाद फिल्म ‘बारह बाई बारह’ पिछले हफ्ते रिलीज हुई है। इस फिल्म की खासियत यह है कि डिजिटल के इस दौर में फिल्म की शूटिंग 16 एमएम कैमरे पर की गई है।