बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने कहा है कि, “भारत के बिना उनके देश में विकास संभव नहीं है। भारत के साथ बांग्लादेश तीन तरफ से कई हजार किलोमीटर की सीमा साझा करता है। ऐसे में उनसे अच्छे संबंध बनाना हमारे लिए बेहद जरूरी है।” दरअसल, महमूद सोमवार को बांग्लादेश में विपक्ष की तरफ से चलाए गए ‘बॉयकॉट इंडिया’ कैंपेन से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, ” बांग्लादेश नेशनल पार्टी (BNP) की तरफ से चलाया गए इस अभियान का मकसद देश में अस्थिरता पैदा करना था। वे बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना चाहते हैं।” घरेलू बाजार को अस्थिर करने के लिए चलाया जा रहा कैंपेन
महमूद ने अभियान को पूरी तरह से फ्लॉप बताते हुए कहा कि अगर BNP दोबारा ऐसा कोई अभियान चलाएगी, तो वो पूरी तरह अलग-थलग हो जाएगी। लोग इस एजेंडे को फिर से अस्वीकार कर देंगे। 17 जनवरी को बांग्लादेश में आम चुनाव के बाद बायकॉट इंडिया या इंडिया आउट कैंपेन शुरू हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसका नेतृत्व पूर्व PM खालिदा जिया की BNP पार्टी कर रही थी। कुछ एक्टिविस्ट ग्रुप और छोटे राजनीतिक दलों ने इसकी शुरुआत की। हालांकि, पार्टी नेताओं ने इस अभियान को ज्यादातर सोशल मीडिया तक ही सीमित रहा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए देश के लोगों से भारतीय सामानों और सेवाओं के बायकॉट की अपील की गई। साथ ही लोगों से देश में बने प्रोडक्ट्स को खरीदने और उन्हें बढ़ावा देने को कहा गया। भारत पर शेख हसीना का समर्थन करने के आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश में विपक्षी पार्टियां लोगों के बीच ये मैसेज पहुंचाना चाहती हैं कि भारत की वजह से ही शेख हसीना को चुनाव में बार-बार जीत मिलती है। BNP के नेता तारीक रहमान ने चुनाव में हार के बाद कहा था कि भारत की वजह से ही धांधली के बावजूद बांगलादेश के दिखावटी चुनाव को वैधता मिली। बांग्लादेश का विपक्ष मालदीव की तरह इंडिया आउट कैंपेन का सहारा लेकर एक मूवमेंट खड़ा करना चाहता है ताकि वो लोगों को एकजुट कर शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर पाए। चौथी बार प्रधानमंत्री बनी थी शेख हसीना
जनवरी में बांग्लादेश में आम चुनाव हुए थे। इन चुनावों में हसीना की पार्टी अवामी लीग ने संसद की 300 में से 204 सीटें जीत थी। वहीं विपक्षी BNP पार्टी ने चुनावों का बहिष्कार किया था। BNP पार्टी ने हसीना पर विपक्षी पार्टी के नेताओं को जबरन जेल में डालने का आरोप लगाया था। इन चुनावों में करीब 40 फीसदी वोटिंग हुई थी। अवामी लीग की जीत के बाद ढाका में भारत के राजदूत प्रणय वर्मा ने शेख हसीना से मुलाकात की थी। भारत से डेली यूज की चीजें खरीदता है बांग्लादेश
बांग्लादेश के लोग रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भारत से भेजे जाने वाले सामानों पर निर्भर हैं। इनमें सब्जियां, तेल, कॉस्मेटिक, कपड़े, मोबाइल और गाड़ियां शामिल हैं। देश की बड़ी आबादी भारत से आने वाले लग्जरी आइटम जैसे- ज्वेलरी और फैशनेबल कपड़े भी खरीदती है। इतना ही नहीं, बांग्लादेश की इंडस्ट्री में भारत से एक्सपोर्ट होने वाले कच्चे माल से लेकर कॉटन और कुशल कारीगरों की भी काफी डिमांड है। बांग्लादेश को आर्थिक तौर पर मदद करने वाले देशों में भारत पहले नंबर पर है। ऑफिशियल आंकड़ों के मुताबिक, दोनों देशों ने 40 प्रोजेक्ट के लिए 7.36 बिलियन डॉलर का एक लोन एग्रीमेंट भी साइन किया है।