सबसे ताकतवर सैन्य संगठन NATO के चीफ बनेंगे मार्क रूट:यूक्रेन जंग के बीच बिना चुनौती के हेड बने नीदरलैंड PM,

schedule
2024-06-26 | 08:03h
update
2024-06-26 | 08:03h
person
newspapertime.in
domain
newspapertime.in

नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट दुनिया के सबसे बड़े सैन्य संगठन नाटो के सेक्रेटरी जनरल होंगे। सेक्रेटरी जनरल की दौड़ में उनका मुकाबला रोमानिया के पीएम क्लोस लोहनिस से था। हालांकि पिछले ही हफ्ते उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था। जिसके बाद मार्क रूट के सेक्रेटरी जनरल बनने का रास्ता साफ हो गया। मार्क रूट का प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है। वे ऐसे समय में नाटो के सेकेट्ररी जनरल बनने जा रहे हैं, जब इस संगठन के सामने रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी एक बड़ी चुनौती मौजूद है। रूट का कार्यकाल 1 अक्टूबर से शुरू होगा। वे निवर्तमान सेक्रेटरी जेंस स्टॉलटेनबर्ग की जगह लेंगे। स्टॉलटेनबर्ग का 10 साल का कार्यकाल सितंबर में खत्म होने जा रहा है। उन्होंने बुधवार को मार्क रूट को जनरल सेक्रेटरी चुने जाने के लिए बधाई भी दी। नाटो में सबसे महत्वपूर्ण सेक्रेटरी जनरल का पद
नाटो में सेक्रेटरी जनरल अंतरराष्ट्रीय सिविल सर्वेंट होता है। वह नाटो की सभी महत्वपूर्ण समितियों का अध्यक्ष होता है। साथ ही संगठन के अहम निर्णयों में उसकी भूमिका होती है। इसके अलावा संगठन के प्रवक्ता और अंतरराष्ट्रीय स्टाफ के प्रमुख की जिम्मदारी भी उसके पास होती है। मार्क रूट को सेक्रेटरी जनरल के तौर पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इनमें रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन को समय पर मदद मुहैया कराना उनकी पहली चुनौती है। इसके अलावा उनके सामने इस सैन्य संगठन को मजबूत करने की भी चुनौती है। हाल के दिनों में नाटो देशों के बीच सामंजस्य में कमी आई है। मार्क रूट के पास इसका हल निकालने की कोशिश करेंगे। नाटो देशों में शामिल होना चाहता है यूक्रेन
लिथुआनिया में जुलाई में नाटो सम्मेलन होने जा रहा है, जिसमें यूक्रेन युद्ध और नाटो की एकजुटता को लेकर अहम फैसले हो सकते हैं। ​​​जेलेंस्की बार-बार नाटो में शामिल होने की अपनी मांग दोहरा रहे हैं। जेलेंस्की कई बार कह चुके हैं कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बनने के लिए तैयार है। वे सदस्य देशों से इस पर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि जब सिक्योरिटी की गारंटी नहीं होती तो वहां केवल जंग की गारंटी होती है।
दरअसल, जर्मनी, फ्रांस और अमेरिका जंग के दौरान यूक्रेन को नाटो संगठन में शामिल करने को तैयार नहीं है। इन देशों को चिंता है कि ऐसा करने पर रूस की नाराजगी और बढ़ेगी। क्या है NATO

Advertisement

Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
newspapertime.in
Privacy & Terms of Use:
newspapertime.in
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
26.06.2024 - 21:45:42
Privacy-Data & cookie usage: